गाजियाबाद 29 जनवरी । भारतीय किसान यूनियन के नेता और गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन की अगुवाई कर रहे राकेश टिकैत के आंसू काम कर गए, उनकी अपील के बाद किसानों का हुजूम गाजीपुर पर एक बार फिर जमा हो गया। स्थिति को भाप कर जिला प्रशासन ने यू टर्न लेते हुए पुलिस की संख्या को नियंत्रित कर दिया।
गाजीपुर बॉर्डर पर शुक्रवार सुबह एक बार फिर आंदोलनकारियों की चहल कदमी बढ़ती भी नजर आने लगी ।
किसान आंदोलन में राजनीतिक दखलअंदाजी शुरू:
गाजियाबाद से खबर है कि, किसान आंदोलन के लिए शुक्रवार का दिन बेहद निर्णायक साबित हुआ। एक तरफ जहां किसान नेता राकेश टिकैत के आंसुओं ने वापस जाते हुए किसानों को पलटने पर मजबूर कर दिया वहीं आज से किसान आंदोलन में राजनीतिक दलों का हस्तक्षेप भी साफ़ दिखाई देने लगा है।
शुक्रवार को किसान आंदोलन स्थल गाजीपुर पर तीन बड़े नेताओं के आने के बाद यह बात साफ हो गई है। सुबह सबसे पहले राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी, आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और देर शाम कांग्रेस के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू किसानों के बीच दिखाई दिए।
सड़क से सदन तक जारी रहेगा किसान आंदोलन को समर्थन: लल्लू
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने शुक्रवार को गाजीपुर बॉर्डर पहुंच कर किसानों के आन्दोलन को अपना समर्थन देते हुए भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत और अन्य नेताओं से मुलाकात की।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता उमा शंकर पाण्डेय ने बताया कि श्री लल्लू गाजीपुर बार्डर किसानों के आन्दोलन में पहुंचकर किसान आंदोलन का समर्थन किया और कहा कि पहले दिन से सरकार अन्नदाता किसानों के आंदोलन को तितर-बितर करना चाहती है, गुमराह करना चाहती है, भटकाना चाहती है।
अखिलेश ने गठित की समाजवादी किसान समिति
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर किसानों के रहनुमा बनने की हाेड़ के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) ने किसान आंदोलन के समर्थन में ‘समाजवादी किसान समिति’ का गठन किया है।
पार्टी अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा गठित इस समिति में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, सहारनपुर मण्डलों के सभी जिलों के जिलाध्यक्ष तथा वरिष्ठ नेता रहेंगे।
किसानों की महापंचायत में पहुंचे संजय सिंह और दिया समर्थन:
आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद एवं उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह शुक्रवार को किसानों की महापंचायत में हिस्सा लेने मुजफ्फरनगर पहुंचे।
उन्होंने किसान आंदोलन को समर्थन देते हुए कहा कि केंद्र सरकार किसानों को देशद्रोही, खालिस्तानी, पाकिस्तानी, आतंकवादी कह रही है। प्रधानमंत्री की कौन सी मजबूरी है जो तीनों काले कानून वापस नहीं ले ले रहे हैं। पिछले दो महीने से आंदोलन चल रहा है। सवा सौ से ज्यादा किसान शहादत दे चुके हैं। राकेश टिकैत एवं उनके साथ के लोगों के साथ पुलिस लाठियां चला रही है। उनके साथ मारपीट की जा रही है।
किसान नेता बोले, आंदोलन छेड़छाड़ से और मजबूत होगा
हरियाणा में सोनीपत के कुंडली बॉर्डर पर धरनारत किसानों ने शुक्रवार को सरकार को चेतावनी दी कि आंदोलन से जितनी छेड़छाड़ होगी, उतना ही कारवां बढ़ेगा तथा मजबूत होकर उभरेगा।
उन्होंने कहा कि अब आम जनता समझ चुकी है कि भाजपा और आरएसएस मिलकर षडयंत्र रच रही है। साथ ही किसानों ने 30 जनवरी को देशभर में उपवास करने का ऐलान किया है। किसान नेता सुबह से शाम तक उपवास रखेंगे।
आज देर शाम कुंडली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए डा. दर्शनपाल, बलबीर सिंह राजेवाल, अमरजीत सिंह, शिवकुमार कक्का, जगजीत सिंह डलेवाल और युद्धबीर सिंह आदि ने कहा कि गुरुवार रात गाजीपुर बार्डर पर जो कुछ दिल्ली और उत्तर प्रदेश की सरकारों ने मिलकर करने का प्रयास किया, वह सहन नहीं होगा। है।
उन्होंने कहा कि राकेश टिकैत ने जिस मजबूती के साथ सरकार के हथकंडे का मुकाबला किया, उसका नतीजा आज सरकार ने देख लिया होगा। पहले से कई गुना ज्यादा किसान वहां एकत्रित हो गए हैं।
फतेहाबाद में किसानों ने जगह-जगह किया रोड जाम
हिसार,से खबर है कि , गाजीपुर बॉर्डर और सिंघू बॉर्डर पर पुलिस द्वारा किसानों को हटाने और राकेश टिकैत के मार्मिक बयान के बाद किसान आंदोलन एकदम से तेज हो गया है।
फतेहाबाद जिले के टोहाना के समैण, कनहड़ी और जाखल के तलवाड़ा में आज राकेश टिकैत के समर्थन में ग्रामीणों ने जाम लगा दिया। विभिन्न गांवों के लोगों ने ट्रैक्टर मार्च निकाला और लघु सचिवालय के सामने धरना दिया। इसके बाद मार्च में शामिल अनेक किसान दिल्ली के लिए रवाना हो गए। जिले के कई गांवों में बैठकें हुई हैं और किसान आंदोलन की मजबूती के लिए दिल्ली जाने के फैसले लिए गए हैं। टोहाना के समैण गांव में किसानों ने आज जाम लगा दिया। इन्होंने कहा कि राकेश टिकैत के साथ हर किसान खड़ा है और गाजीपुर बॉर्डर पर अधिकाधिक संख्या में पहुंचेगा।
बागपत में बोले जयंत, अब होगी आर पार की लड़ाई :
अपनी राजनीतिक जमीन खो चुके राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने आज कहा कि किसानों पर लाठी चलवाकर सरकार ने अपना इकबाल खो दिया है। इससे क्रूर और निर्दयी सरकार आज तक नहीं आई, ऐसी सरकार को मैं लानत भेजता हूं और धिक्कारता हूँ। अब समय आ गया है कि सरकार के साथ किसान अपने अस्तित्व को बचाने के लिए आरपार की लड़ाई लड़े।
जयंत चौधरी आज पुलिस लाठीचार्ज में घायल हुए किसानों का हाल-चाल जानने के लिए बड़ौत रालोद कार्यालय में पहुँचे थे। पुलिस की ओर से किये गए लाठीचार्ज पर भड़कते हुए उन्होंने कहा कि किसानों के किसी भी आंदोलन में आज तक लाठी नहीं चली। किसानों पर लाठियां चलाकर सरकार ने अपना इकबाल खो दिया है। सोते हुए किसानों पर लाठियां चलवाने वाली सरकार को मैं लानत भेजता हूँ। उन्होंने कहा कि किसानों का बदन तो लोहा है, लेकिन दिल सोना है। इस आंदोलन को फिर से शुरू करने की आवश्यकता है।
अमरिंदर ने की सिंघू बार्डर हिंसा की निंदा, केंद्र से की जांच कराने की मांग
सिंघू बार्डर पर कुछ शरारती तत्वों द्वारा आज की गई हिंसा की कठोर शब्दों में निंदा करते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने केंद्र सरकार से इसमें संलिप्त लोगों की शिनाख्त कर मामले की गइराई से जांच कराने की मांग की है।
कैप्टन सिंह ने कहा कि इन लोगों ने पुलिस का सुरक्षा घेरा तोड़ कर किसानों पर हमला किया। उन्होंने कहा कि यह जांच होनी चाहिये की हमलावर क्या स्थानीय लाेग थे और कोई और तत्व और कहां से आये थे। उन्होंने कहा ‘मैं यह विश्वास नहीं कर सकता कि स्थानीय लोग किसानों के साथ ऐसा व्यवहार कर सकते हैं।हुल्लड़बाजों को गड़बड़ी फैलाने के इरादे से किसी अन्य जगह से लाया गया लगता है।’
किसानों नेताओं के खिलाफ जारी किया हैं लुकआउट नोटिस
कल ही दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर रैली के दौरान राजधानी के विभिन्न इलाकों में हुई हिंसा में आरोपी किसान नेताओं के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है,इनमें राकेश टिकैत का नाम भी शामिल हैं ।
पुलिस की ओर से गुरुवार को जारी लुकआउट नोटिस में कहा गया है कि जिन नेताओं के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है, उनके पासपोर्ट जब्त करने की प्रक्रिया भी जल्द शुरू की जाएगी ताकि हिंसा में आरोपी बनाये गये कोई भी नेता देश से बाहर नहीं जा सके।
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार की हिंसा के लिए मेधा पाटकर, बूटा सिंह, दर्शन पाल, राकेश टिकैत, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, योगेंद्र यादव, जोगिन्द्र सिंह उग्राहा, अवीक साहा सहित 37 किसान नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। इन नेताओं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148 (दंगा भड़काने से संबंधित), 120बी (आपराधिक साजिश), और 307 (हत्या के प्रयास) समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस के दिन राजधानी के विभिन्न इलाकों में हुई हिंसा में 394 पुलिस कर्मी घायल हुए जिनमें कुछ अब भी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। इस मामले में 25 से अधिक मामले दर्ज किये गये हैं।
इसके अलावा 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि 50 से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है।
किसान आन्दोलन मांग पूरी होने तक जारी रहेगा:नरेश टिकैत
मुजफ्फरनगर, से खबर है कि,भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के अधयक्ष चौधरी नरेश टिकैत कहा है कि किसानों का आंदोलन जारी रहेगा और जिसे ग़ाज़ीपुर बॉर्डर जाना है,वह कल जा सकता है।
श्री टिकैत आज यहां राजकीय इंटर कॉलेज मैदान पर आयोजित किसान महापंचायत को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि किसानों का आन्दोलन की मांगे पूरी होने तह जारी रहेग। दिल्ली की घटना से किसान के सम्मान को ठेस पहुंची है। उन्होंने कहा कि समय समय पर सभी लोगों ने आपसी मतभेद भुलाकर एकजुटता का परिचय दिया है। जयन्त चौधरी के साथ हुए हाथरस व 2002 की विशाल जनसभा आदि इसके उदाहरण है।
रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशना साधते हुए कहा कि इस पूरे प्रकरण में वह चुप्पी साधे हुए है। उन्होंने कहा कि किसान भगवान का रूप है मोदी जी को किसानों की समस्याओं के प्रति गम्भीर होना चाहिए।
वहीं दूसरी ओर उन्होंने कहा कि एक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लव जिहाद व मुगलों की बात तो करते है, लेकिन आज तक गन्ने का भाव सरकार द्वारा तय नहीं किया गया है।
जयन्त चौधरी ने कहा कि अब चुप रहने से काम नहीं चलेगा। किसान विरोधी सरकार के खिलाफ एकजुट होना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि गांव में आने पर भाजपा नेताओं का बहिष्कार होना चाहिए तथा मीठी बात करने वालो से बचना चाहिए ,ये लोग मीठी-मीठी बाते तो करते हैं ,लेकिन किसान के साथ नहीं है वह देश का गद्दार है ।
हरियाणा के अनेक जिलों में इंटरनेट, एसएमएस सेवाओं पर प्रतिबंध
हरियाणा सरकार ने तुरंत प्रभाव से अम्बाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, जींद, पानीपत, हिसार, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, रेवाड़ी और सिरसा जिलों में वॉयस कॉल को छोड़ कर इंटरनेट तथा एसएमएस सेवाएं 30 जनवरी सायं पांच बजे तक बंद करने का निर्णय लिया है।
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुये बताया कि सरकार ने इसके अलावा, सोनीपत, पलवल और झज्जर जिलों में भी इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं पर प्रतिबंध 24 घंटे यानी 30 जनवरी, 2021 सायं पांच बजे तक के लिए बढ़ा दी हैं। सरकार ने बीएसएनएल समेत सभी दूरसंचार कम्पनियों को इन निर्देशों का पालन करने को कहा है।
दहिया खाप,आंतिल चौबीसी किसान आंदोलन को जारी रखेंगी समर्थन
सोनीपत से खबर है कि, हरियाणा के सोनीपत जिला की दो प्रमुख दहिया और आंतिल चौबीसी खाप ने शुक्रवार को आयोजित महापंचायत में किसानों के आंदोलन को सही ठहराते हुए अपना समर्थन जारी रखने का एलान कर दिया है।
आज सिसाना में दहिया खाप के चबूतरे पर आयोजित में किसान आंदोलन को तेज करने का निर्णय लिया गया। किसानों ने कहा कि अफवाह फैलाई जा रही है कि धरना खत्म हो गया है, लेकिन किसान अभी अपनी मांग को लेकर डटे हैं। किसान अब बढ़-चढ़ कर आंदोलन में हिस्सा लेंगे। पूर्व सरपंच कृष्ण दहिया की अध्यक्षता में हुई इस पंचायत में किसानों ने फैसला लिया है कि दहिया खाप के गांवों से भारी संख्या में किसान ट्रैक्टर लेकर सबसे पहले पिपली टोल पर एकत्रित होंगे। वहां से किसान केएमपी के पिपली टोल पर पहुंचे और उसे फ्री कराया। कृष्ण दहिया ने कहा कि उनकी तरफ से शांतिपूर्ण तरीके से किसान आंदोलन में हिस्सा लिया जाएगा। किसी भी प्रकार की अफवाह से बचते हुए शांति को भंग करने वाले लोगों को आंदोलन से तुरंत बाहर कर दिया जाएगा। इस दौरान किसानों ने कहा कि एक षड्यंत्र के तहत किसान आंदोलन को कमजोर करने की साजिश सरकार द्वारा रची जा रही है।
अखिलेश ने किसान नेता राकेश टिकैत से बात की:
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को किसान नेता राकेश टिकैत से टेलीफोन पर बात की।
बाद में यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने किसान नेताओं को जिस तरह से प्रताड़ित किया है, उसे पूरा देश देख रहा है।
यादव ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, ‘‘अभी राकेश टिकैत जी से बात करके उनके स्वास्थ्य का हाल जाना। भाजपा सरकार ने किसान नेताओं को जिस तरह आरोपित और प्रताड़ित किया है, उसे पूरा देश देख रहा है। आज तो भाजपा के समर्थक भी शर्म से सिर झुकाए और मुंह छिपाए फिर रहे हैं। आज देश की भावना और सहानुभूति किसानों के साथ है।’’
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘अभी भाजपाई उत्पातियों ने सिंघू बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन पर पथराव किया है। सारा देश देख रहा है कि भाजपा कुछ पूँजीपतियों के लिए कैसे देश के भोले किसानों पर अत्याचार कर रही है। भाजपा की साज़िश और बच्चों, महिलाओं और बुजुर्ग किसानों पर की जाने वाली निर्दयता घोर निंदनीय है।’’
बसपा सांसद ने टिकैत को फोन कर समर्थन जताया
बहुजन समाज पार्टी के सांसद कुंवर दानिश अली ने शुक्रवार को किसान नेता राकेश टिकैत को फोन कर समर्थन जताया।
उन्होंने बताया, ‘‘मैंने किसान नेता राकेश टिकैत को फ़ोन किया और उन्हें उनकी वाजिब मांगों के लिए अपना समर्थन दिया। अन्नदाता को बदनाम करने, उन्हें देशद्रोही कहने और उनके शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलने के सरकारी प्रयास सफल नहीं होंगे।’’