नईदिल्ली 28 मार्च। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो फर्जी मार्कशीट और सर्टिफिकेट बनाकर बेचता था। पुलिस ने इस संबंध में गिरोह के एक आरोपी को दबोचा है। पकड़े गए आरोपी की पहचान हरियाणा स्थित भिवानी निवासी 23 वर्षीय कपिल गोयल के रूप में हुई है।
पुलिस ने आरोपी के पास से अलग-अलग बोर्ड व विश्वविद्यालयों की करीब तीन सौ से अधिक फर्जी मार्कशीट व सर्टिफिकेट बरामद किए हैं।
अपराध शाखा के संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार ने बताया कि 7 मार्च को सूचना मिली थी कि नकली मार्कशीट और प्रमाण पत्र तैयार करने वाले गिरोह का सदस्य कपिल गोयल आईएसबीटी के पास आने वाला है। सूचना के बाद फौरन एक टीम का गठन कर उसे इस बदमाश के पीछे लगाया गया। जैसे ही आईएसबीटी, रिंग रोड की ओर निकासी गेट के पास आरोपी कपिल पहुंचा, पुलिस ने उसे दबोच लिया। उसकी कार से एक लैपटॉप बरामद हुआ, जिसकी मदद से कपिल फर्जी कागजात तैयार करता था।
कपिल से पूछताछ के बाद जनकपुरी स्थित इसके दफ्तर पर छापा मारकर भारी मात्रा में फर्जी कागजात व उसके तैयार करने में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण बरामद किए गए।
आरोपी 7 से 10 हजार में लोगों को बेचता था मार्कशीट
पुलिस ने बताया कि आरोपी कपिल एक कागज (मार्कशीट या प्रमाण पत्र) बनाने के लिए 7 से 10 हजार रुपये लेता था। आरोपी के पास से बरामद हुए फर्जी मार्कशीट व प्रमाण पत्र में राजस्थान की सिंघानिया यूनिवर्सिटी, असम की यूनिवर्सिटी ऑफ गुवाहाटी, हिमाचल प्रदेश की मानव भारती यूनिवर्सिटी और यूपी व आंध्र प्रदेश बोर्ड के कागजात शामिल है।
व्हाट्सऐप पर लेता था मार्कशीट व सर्टिफिकेट के ऑर्डर
आरोपी कपिल ने बताया कि वह देशभर के कई कोचिंग सेंटर व एजेंट से व्हाट्सऐप के जरिये जुड़ा हुआ है। व्हाट्सऐप पर उससे कागजात की डिमांड की जाती थी, जिसके बाद आरोपी अपने खाते में रुपये डलवाकर कागजातों को तैयार कर देशभर में कोरियर के जरिये भेज दिया करता था।
5000 से ज्यादा बेच चुका है मार्कशीट व सर्टिफिकेट
आरोपी ने खुलासा किया है कि उसने अब तक करीब 5000 से अधिक लोगों के सर्टिफिकेट व मार्कशीट तैयार की है। आरोपी ने बताया कि उसने अपने फर्जीवाड़े से इकट्ठी की गई रकम से टाटा की निक्सोन एसयूवी गाड़ी खरीदी है। पुलिस अब कपिल से पूछताछ कर उसके नेटवर्क से जुड़े अन्य जालसाजों के बारे में पता लगाने में जुटी है।
आरोपी ने बीकॉम तक की है पढ़ाई
पूछताछ के दौरान आरोपी कपिल ने बताया कि उसने एमडीयू यूनिवर्सिटी से बीकॉम किया हुआ है। उसका बड़ा भाई हैप्पी पिछले काफी समय से यह गोरखधंधा कर रहा था। पढ़ाई के बाद वह अपने भाई के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा करने लगा।
2016 में हैप्पी को भिवानी पुलिस ने फर्जी मार्कशीट व प्रमाण पत्र बनाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
इसके बाद आरोपी हरियाणा से भागकर दिल्ली आ गया। यहां जनकपुरी के जनता टॉवर-2 में किराए का दफ्तर लेकर कपिल ने फर्जीवाड़ा करना शुरू कर दिया।attacknews.in