नईदिल्ली 28 जुलाई। गाजियाबाद की इंदिरापुरम पुलिस ने सीबीआई में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले गिरोह के सरगना समेत चार युवकों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह का सरगना सीबीआई की परीक्षा में फेल हो गया था। इसके बाद उसने बॉलीवुड फिल्म ‘स्पेशल-26’ और साउथ की ‘बिजनेसमैन नंबर-1’ से प्रेरित होकर फर्जी सीबीआई टीम बना ली।
आरोपी सीबीआई अफसर बनकर नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने लगे। इसके साथ ही तस्करों और छोटे व्यापारियों को धमकाकर रुपये ऐंठते थे।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण ने बताया कि सूचना मिली थी कि कुछ युवक सीबीआई अफसर बनकर लोनी क्षेत्र में छापा मारने जा रहे हैं। इंदिरापुरम पुलिस ने सम्राट होटल तिराहे के पास से किराये की कार के साथ चार युवकों को गिरफ्तार किया। इसमें विशाल दुबे, विवेक दुबे निवासी मंगोलपुरी (दिल्ली), राहुल और संदीप निवासी इंदिरापुरम हैं।
विशाल का सपना सीबीआई अफसर बनना था
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि विशाल का सपना सीबीआई अफसर बनना था। इसके लिए उसने परीक्षा भी दी थी, लेकिन परीक्षा में विशाल फेल हो गया। इसके बाद वर्ष 2012 में आई दक्षिण भारत के अभिनेता महेश बाबू की फिल्म बिजनेसमैन नंबर-1 और अक्षय कुमार-मनोज वाजपेई की फिल्म स्पेशल-26 देखी। फिल्म देखने के बाद उसने भी फर्जी सीबीआई टीम बनाकर रुपये कमाने की सोची। उसने लैपटॉप में सीबीआई का फर्जी सॉफ्टवेयर डाल रखा था।
सॉफ्टवेयर के माध्यम से वह फर्जी आवेदन कराते थे। फर्जी सॉफ्टवेयर से नौकरी के दस्तावेज तैयार कर आवेदकों को मेल भेजते थे। नौकरी दिलाने के नाम पर एक आवेदक से करीब 50 हजार से एक लाख तक की ठगी करते थे।
पुलिस का दावा है कि पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि इन्होंने दिल्ली, गाजियाबाद और बिहार में कुछ तस्करों व व्यापारियों के यहां फर्जी छामा मारा। इनके पास से पुलिस ने लैपटॉप, सीबीआई की फर्जी मोहरें, सीबीआई नौकरी के आवेदन पत्र, फर्जी आई कार्ड व अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं।
पुलिस के मुताबिक इस गैंग से अन्य लोग भी जुड़े हुए हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।
एमसीए और बीएससी के छात्र हैं आरोपी
गिरफ्तार आरोपी विशाल दुबे मूल रूप से रोहताश, बिहार का रहने वाला है। विशाल सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा था। उसने कई बार सीबीआई की परीक्षा भी दी है। विशाल बीएससी का छात्र है। इंदिरापुरम निवासी संदीप एमसीए का छात्र है। विवेक और राहुल अभी स्नातक कर रहे हैं।
पांच हजार रुपये में देते थे कॉल लेटर
पुलिस ने बताया कि आरोपी युवक सीबीआई में भर्ती के लिए युवकों को कॉल लेटर देते थे। फर्जी साक्षात्कार लेने के बाद पांच हजार रुपये लेकर कॉल लेटर दे देते थे।
सीबीआई की टी-शर्ट
दबिश देने के दौरान किसी को शक नहीं हो, इसके लिए सीबीआई के नाम की टी-शर्ट पहनकर वारदात को अंजाम देते थे। टी- शर्ट पर बायीं ओर सीबीआई का प्रतीक चिह्न था, जिससे टी- शर्ट असली लगती थी।
गैंग में सदस्यों के पद थे
सीबीआई के फर्जी गैंग में सभी सदस्यो के पद निर्धारित थे। फर्जी छापे के दौरान वो अपना-अपना पद भी बताते थे। इसमें गिरोह का सरगना विशाल दुबे एसएमओए (सिनियर मेंबर एरिया ऑफिसर) और विवेक दुबे, राहुल व संदीप जेए (जूनियर असिसटेंट) थे।attacknews.in