नयी दिल्ली, 20 अगस्त । दिल्ली उच्च न्यायालय से पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम की अग्रिम जमानत याचिका मंगलवार को खारिज होने के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम उनकी गिरफ्तारी के लिए उनके आवास पर पहुंची, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी।
सीबीआई सूत्रों ने यहां बताया कि एक महिला अधिकारी समेत सीबीआई की छह-सदस्यीय टीम श्री चिदम्बरम को गिरफ्तार करने के लिए उनके आवास पर पहुंची, लेकिन उसे बैरंग लौटना पड़ा, क्योंकि वह वहां नहीं मिले।
इस महिला के नाम उजागर करने से गिरफ्तारी की जद में आए चिदंबरम-
कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की गिरफ्तारी का आधार सीबीआई ने इंद्राणी मुखर्जी का बयान बनाया है। जिसमें इंद्राणी मुखर्जी ने पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदम्बरम के सामने यह कहा कि इंद्राणी कार्ति को पी. चिदंबरम के नाते जानती हैं पी.चिदंबरम के कहने पर ही वह कार्ति चिदम्बरम से मिलने आईं। कार्ति का नंबर भी उनके पिता ने ही उन्हें दिया था। इंद्राणी मुखर्जी के इस बयान ने ही पी. चिदम्बरम की मुश्किलें बढ़ा कर रख दी थीं। इसी बयान ने सीबीआई के हाथ पी. चिदम्बरम की गर्दन तक पहुंचा दिए।
सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया मामले की पड़ताल करते हुए। मुंबई जेल में अपनी बेटी शीना बोरा हत्याकांड में बंद इंद्राणी मुखर्जी और कार्ति का आमना सामना कराया था।
सूत्र बताते हैं कि इस पूछताछ में इंद्राणी मुखर्जी ने साफ तौर पर कहा कि आईएनएक्स मीडिया के लिए विदेशी निवेश प्रमोशन बोर्ड की मंजूरी के लिए कार्ति ने दस लाख डालर की मांग की थी।
कार्ति के पिता पी. चिदंबरम ने अपने बेटे का नंबर देते हुए इस मामले में उससे बात करने को इंद्राणी मुखर्जी को कहा था। सीबीआई के सामने पूछताछ में इंद्राणी ने कहा कि कार्ति का नंबर भी उनके पिता व तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने ही उन्हें मुहैया कराया था।
पूछताछ में इंद्राणी मुखर्जी ने कहा कि जब वह आईएनएक्स मीडिया में डायरेक्टर थीं तब उन्होंने कार्ति को पैसे दिये थे। आईएनएक्स मीडिया का नाम ही आगे चलकर 9एक्स पड़ा।
कार्ति और इंद्राणी का आमना सामना कराने के वक्त ही सीबीआई को यह तथ्य भी हाथ लगा कि रिश्वत की दूसरी किश्त तब दी गई जब इंद्राणी मुखर्जी कंपनी की डायरेक्टर नहीं रह गई थीं।
सीबीआई ने मुंबई की बायकुला महिला जेल में इंद्राणी और कार्ति चिदंबरम का आमना सामना कराया तकरीबन चार घंटे चली पूछताछ के तथ्य ही कार्ति की गिरफ्तारी का कारण बने। आज जब सीबीआई के हाथ पी. चिदंबरम की गर्दन तक पहुंच गए हैं उसका आधार भी यही पूछताछ है।
गौरतलब है कि कार्ति को लंदन से वापस लौटते ही चेन्नई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले ईडी ने मई 2017 में कार्ति और अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था और 19 जनवरी 2018 को उनसे ईडी ने करीब 11 घंटे लंबी पूछताछ की थी।
इंद्राणी और कार्ति चिदंबरम का आमना सामना कराये जाने के बाद कार्ति की गिरफ्तारी इसलिए की गई है, क्योंकि उन पर आरोप साबित हो रहे थे कि उन्होंने कर संबंधी जांच से बचने के लिए पीटर और इंद्राणी मुखर्जी के स्वामित्व वाली मीडिया कंपनी आईएनएक्स से धन लिया था। हालांकि, कार्ति और उनके पिता पी. चिदंबरम अपने ऊपर लगाए गए आरोपों से लगातार इंकार करते रहे हैं।
जिस समय आईएनएक्स मीडिया के लिए फंड को विदेशी निवेश प्रमोशन बोर्ड की मंजूरी मिली थी उस वक्त पी. चिदंबरम वित्तमंत्री थे। सीबीआई द्वारा इस मामले में दर्ज की गई एफआईआर में इंद्राणी मुखर्जी, पीटर मुखर्जी और कार्ति चिदंबरम के नाम शामिल रहे।
सूत्र बताते हैं कि इस मामले में यह तथ्य भी आ चुके हैं कि मॉरीशस से निवेश हासिल करने के लिए विदेशी निवेश प्रमोशन बोर्ड की शर्तों का उल्लंघन किया गया। इसके अलावा आईएनएक्स मीडिया के खिलाफ चल रही टैक्स जांच में हेर-फेर के लिए प्रभाव का इस्तेमाल भी किया गया था और बदले में धन लिया गया था।
सूत्र यह भी बताते हैं कि कथित तौर से सीबीआई को 10 लाख रुपए के वाउचर भी मिले थे जो सेवाओं के बदले दिए गए थे। सीबीआई ने आरोप लगाया था कि ये वाउचर एडवांटेज स्ट्रैटजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड को दिए गए थे और इस कंपनी पर परोक्ष रूप से कार्ति का ही स्वामित्व है।
बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख:
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के आज के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने श्री चिदम्बरम की अग्रिम जमानत याचिका मंगलवार को निरस्त कर दी, जिसके बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया।
श्री सिब्बल ने मुख्य न्यायाधीश की बेंच के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख करना चाहा, लेकिन तब तक अदालत उठ चुकी थी।
उसके बाद उच्चतम न्यायालय के अधिकारी ने श्री सिब्बल को संबंधित अपील रजिस्ट्रार (न्यायिक) के समक्ष रखने की सलाह दी, जो मुख्य न्यायाधीश की पीठ के समक्ष इसे रखे जाने के संबंध में निर्णय लेंगे।
अब श्री चिदम्बरम की याचिका का विशेष उल्लेख कल साढ़े 10 बजे अदालत संख्या-तीन के समक्ष किया जायेगा।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता को दिल्ली उच्च न्यायालय से उस वक्त बड़ा झटका लगा था, जब उसने आईएनएक्स मीडिया मामले में उनकी अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी।
उच्च न्यायालय ने श्री चिदम्बरम को इस मामले में पिछले साल 25 जुलाई को गिरफ्तारी से बचने के लिए अंतरिम राहत दी थी। न्यायालय ने इसे कई बार बढ़ाया भी था।
श्री चिदम्बरम साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये के एयरसेल मैक्सिस सौदे और आईएनएक्स मीडिया के तीन सौ पांच करोड़ रुपये संबंधी मामले में विभिन्न जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं। उनपर आरोप है कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में वित्त मंत्री रहते हुए उन्होंने आईएनएक्स मीडिया में निवेश के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) के तहत मंजूरी देने में अनियमितता की थी।
बुरी तरह से फंस गए हैं चिदंबरम:
305 करोड़ रुपये के आईएनएक्स मीडिया डील में भ्रष्टाचार और मनीलांड्रिग से जुड़े मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम बुरी तरह फंस गए हैं। दिन में चिदंबरम को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा, जब कोर्ट ने चिदंबरम की अग्रिम जमानत की मांग को खारिज कर दिया है। शाम को सीबीआई की टीम उनके घर पहुंच गई, लेकिन पूर्व वित्त मंत्री नहीं मिले। कुछ देर बात ईडी की टीम भी पहुंची और घर की तलाशी ली। खबर है कि चिदंबरम से जुड़े सभी ठिकानों पर तलाशी ली जा रही है। चिदंबरम ने अपना फोन भी बंद कर लिया है।
कुल मिलाकर पूर्व वित्त मंत्री के फरार होने के बाद देर रात सीबीआई के अधिकारी एक बार फिर उनके निवास पर पहुंचे और नोटिस चस्पा कर दिया। इसमें लिखा है कि चिदंबरम अगले दो घंटों में हाजिर हो।
इससे पहले कांग्रेस नेता और नामी वकील कपिल सिब्बल मंगलवार को चिदंबरम को जमानत नहीं दिला सके, लेकिन उन्होंने कहा कि वे बुधवार सुबह सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे। यानी सीबीआई या ईडी के पास चिदंबरम को गिरफ्तार करने का आज ही मौका है।
सीबीआई के अधिकारी तीन गाड़ियों में भरकर चिदंबरम के घर पहुंचे थे। अधिकारियों ने वहां मौजूद लोगों से पूछताछ की। चिदंबरम नहीं मिले तो अधिकारी वहां से चल गए। चिदंबरम को आखिरी बार 5 बजे करीब सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल के साथ देखा गया था।
हालांकि, हाईकोर्ट से याचिका खारिज किए जाने के बाद चिदंबरम के वकील ने कोर्ट से अपील की थी कि उन्हें तीन दिन का वक्त दिया जाए लेकिन हाईकोर्ट ने इससे इनकार कर दिया है। हालांकि, दूसरी तरफ चिदंबरम इस दौरान सुप्रीम कोर्ट में ही मौजूद हैं और संभवतः हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने की तैयारी है।
न्यायमूर्ति सुनील गौर की पीठ ने याचिका पर सुनवाई के बाद 25 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) व प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि वह हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ करना चाहती है।
25 जुलाई, 2018 को दिल्ली हाई कोर्ट ने पी चिदंबरम की गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी और फिर यह समय-समय पर बढ़ाई जाती रही। पिछले साल 25 अक्टूबर को आइएनएक्स मामले में जांच एजेंसी ने आरोपपत्र दाखिल किया था।
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