नयी दिल्ली, 13 सितंबर। दिल्ली की एक अदालत ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में तिहाड़ जेल में बंद पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम की धन शोधन मामले में आत्मसमर्पण करने के अनुरोध वाली याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया।
आईएनएक्स मीडिया मामले में तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत भुगत रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदम्बरम को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत से शुक्रवार को राहत नहीं मिली।
अदालत ने इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष आत्मसमर्पण की उनकी याचिका खारिज कर दी ।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहार ने आज यह फैसला सुनाया । ईडी के समक्ष आत्मसमर्पण याचिका खारिज हो जाने के बाद श्री चिदम्बरम को अब 19 सितंबर तक तिहाड़ जेल में ही रहना होगा।
ईडी ने गुरुवार को सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष कहा था कि इस मामले में पूछताछ के लिए उसे अभी श्री चिदम्बरम को हिरासत में लेने की जरुरत नहीं है । जांच एजेंसी ने कहा था कि जब इसकी जरुरत होगी वह अदालत से आग्रह करेगी। ईडी की तरफ से अदालत में कहा गया क्योंकि श्री चिदम्बरम सीबीआई मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। इसलिए वह ऐसी स्थिति में नहीं हैं कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकें।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत में कहा ईडी 20 और 21 अगस्त को श्री चिदम्बरम को गिरफ्तार करने गई थी,किंतु अब ऐसा नहीं चाहती और ऐसा करके ईडी चाहती है कि श्री चिदम्बरम न्यायिक हिरासत में ही रहें।
दिल्ली उच्च न्यायालय के श्री चिदम्बरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिए जाने के बाद सीबीआई ने पूर्व केंद्रीय मंत्री को सीबीआई ने 21 अगस्त की मध्यरात्रि को हिरासत में लिया था । सीबीआई और ईडी दोनों ने इस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री की गिरफ्तारी का आग्रह किया था ।
पूर्व वित्त मंत्री को 22 अगस्त को विशेष अदालत में पेश किया गया था जहां से उन्हें पहले 26 अगस्त , फिर 30 अगस्त और बाद में पांच सितंबर तक के लिए सीबीआई की हिरासत में भेजा गया था। पांच सितंबर को श्री चिदम्बरम को 14 दिन के लिए 19 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। उच्चतम न्यायालय ने इसी दिन ईडी मामले में श्री चिदम्बरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी ।
आईएनएक्स मीडिया मामला श्री चिदम्बरम के संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन(संप्रग) सरकार में वित्त मंत्री रहने के समय का है । श्री चिदम्बरम पर आरोप है कि 305 करोड़ रुपए के आईएनएक्स मीडिया मामले में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड(एफआईपीबी)की मंजूरी में अनियमितताएं हुई हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत को बृहस्पतिवार को बताया था कि आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में चिदंबरम की गिरफ्तारी जरूरी है और उचित समय आने पर ऐसा किया जाएगा।
चिदंबरम के वकील ने कहा था कि ईडी की दलील दुर्भावनापूर्ण है और उसकी मंशा चिदंबरम को परेशान करने की है।
चिदंबरम (73) आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में पहले से ही न्यायिक हिरासत में हैं। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है।
सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने तर्क दिया था कि उनको हिरासत में लेकर पूछताछ करने से पहले कुछ पहलुओं की जांच जरूरी है।
उन्होंने कहा कि एजेंसी चिदंबरम से हिरासत में सवाल पूछने से पहले छह अन्य लोगों से पूछताछ करना चाहती है और वह धनशोधन के ऐसे मामले की जांच कर रही है, जो देश के बाहर तक फैला हुआ है।
उन्होंने तर्क दिया कि आरोपी जांच को निर्देशित नहीं कर सकता और उन्हें अभी हिरासत में लेने का आदेश देना जांच एजेंसी की कार्य-स्वतंत्रता को बाधित करेगा।
मेहता ने कहा कि 21 अगस्त से पहले यह मानने का कारण था कि उनको गिरफ्तार करने की जरूरत है और ऐसा आज भी है। उन्होंने कहा कि चिदंबरम की गिरफ्तारी के बाद वे उनका सामना जुटाए गए साक्ष्यों से करना चाहेंगे।
पांच सितंबर को चिदंबरम को सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में 19 सितंबर तक 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
उसी दिन अदालत ने धनशोधन मामले में आत्मसमर्पण करने की चिदंबरम की याचिका पर ईडी को नोटिस जारी किया था। इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने अग्रिम जमानत देने से इनकार करने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के 20 अगस्त के आदेश के खिलाफ दायर उनकी याचिका को खारिज कर दिया था।
आईएनएक्स मीडिया समूह को 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी निधि की प्राप्ति के लिए एफआईपीबी की मंजूरी में कथित अनियमितताओं को लेकर सीबीआई ने 15 मई, 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी। उस वक्त चिदंबरम वित्त मंत्री के पद पर थे।
बाद में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी 2017 में इस संबंध में धन शोधन का एक मामला दर्ज किया।