नई दिल्ली, 30 अगस्त । पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानद के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली विधि छात्रा ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि वह उत्तर प्रदेश लौटना नहीं चाहती।
एलएलएम की छात्रा की बरामदगी के बाद उपजी परिस्थितियों में उच्चतम न्यायालय ने लड़की को आज उसके समक्ष पेश करने का निर्देश उत्तर प्रदेश सरकार को दिया था, जिसे देर शाम न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ के समक्ष पेश किया गया।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ उत्पीड़न के आरोप लगाने के बाद गुमशुदा हुयी कानून की छात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय पहुंची। इस छात्रा को पुलिस ने राजस्थान से बरामद किया है।
न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने भोजनावकाश से पहले उत्तर प्रदेश पुलिस को निर्देश दिया था कि कानून की इस छात्रा को शुक्रवार को ही न्यायालय में पेश किया जाये। पीठ ने कहा था कि वह चैंबर में इस छात्रा से बातचीत करने के बाद अपना आदेश पारित करेगी।
इससे पहले, उप्र सरकार के अधिवक्ता ने पीठ को सूचित किया था कि इस छात्रा को राजस्थान से बरामद किया गया है और पुलिस का दल उसे उसके माता पिता से मिलाने के लिये शाहजहांपुर ले जा रहा है। पीठ को जब यह बताया गया कि पुलिस का दल इस छात्रा को लेकर फतेहपुर सीकरी पहुंचा है और ढाई घंटे में यह उच्चतम न्यायालय पहुंच सकता है, तो पीठ ने पुलिस को ऐसा करने का निर्देश दिया।
वकीलों के एक समूह द्वारा इस घटना के बारे में प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को लिखे गये पत्र का शीर्ष अदालत ने स्वत: संज्ञान लिया था।
शाहजहांपुर पुलिस ने कानून की इस छात्रा का एक वीडियो क्लिप सामने आने पर मंगलवार को चिन्मयानंद के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी। इस वीडियो क्लिप में छात्रा ने उन पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था।
इस छात्रा ने इसी क्लिप में अपने और अपने परिवार को जान का खतरा होने की बात भी कही थी।
इस छात्रा के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज करायी थी जिसमें चिन्मयानंद पर उसका यौन शोषण करने का आरोप लगाया था। भाजपा नेता के वकील ने इस आरोप का प्रतिवाद करते हुये दावा किया था कि यह उन्हें ब्लैकमेल करने की साजिश है।
इस छात्रा के पिता ने आरोप लगाया था कि मुमुक्षु आश्रम के प्रधान भाजपा के इस 72 वर्षीय नेता के इशारे पर ही उनकी पुत्री लापता की गयी है । यह युवती आश्रम द्वारा संचालित कालेजों में से एक में स्नातकोत्तर की छात्रा है।
प्रधान न्यायाधीशों को लिखे गये वकीलों के एक समूह के पत्र में उनसे मीडिया की खबरों के आधार पर ही इस मामले का स्वत: संज्ञान लेने का अनुरोध किया था। खबरों में कहा गया था कि यह छात्रा तीन दिन से लापता है।