लंदन/मेलबर्न,/नईदिल्ली 15 जुलाई । पूर्व अंतरराष्ट्रीय अंपायर साइमन टफेल और के हरिहरन ने सोमवार को कहा कि विश्व कप फाइनल के अंपायरों ने इंग्लैंड को ‘ओवरथ्रो’ के लिये पांच के बजाय छह रन देकर गलत फैसला किया लेकिन इस पर आईसीसी ने टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया।
भाग्य इंग्लैंड के साथ था जिसे आखिरी ओवर में ओवरथ्रो से छह रन मिले। मार्टिन गुप्टिल का थ्रो बेन स्टोक्स के बल्ले से लगकर सीमा रेखा पार चला गया था। इंग्लैंड ने मैच टाई कराया और फिर सुपर ओवर भी टाई छूटा जिसके बाद ‘बाउंड्री’ गिनती की गयी और इंग्लैंड चैंपियन बन गया।
श्रीलंका के कुमार धर्मसेना और दक्षिण अफ्रीका के मारियास इरासमुस मैदानी अंपायर थे।
आईसीसी के पांच बार के वर्ष के सर्वश्रेष्ठ अंपायर चुने गये टफेल ने कहा, ‘‘यह साफ गलती थी। यह बहुत खराब फैसला था। उन्हें (इंग्लैंड) पांच रन दिये जाने चाहिए थे छह रन नहीं।’’
पूर्व भारतीय अंपायर के हरिहरन ने टफेल की हां में हां मिलाते हुए कहा, ‘‘कुमार धर्मसेना ने न्यूजीलैंड के विश्व कप के सपने को तोड़ दिया। यह छह नहीं पांच रन होने चाहिए थे। ’’
आईसीसी ने इस पर टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया। उसके प्रवक्ता ने केवल इतना कहा, ‘‘अंपायर नियमों को ध्यान में रखकर मैदान पर फैसले करते हैं और नीतिगत मामलों में हम किसी तरह की टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं।’’
आस्ट्रेलिया के पूर्व अंपायर टफेल अब एमसीसी की नियम बनाने वाली उप समिति का हिस्सा हैं।
यह घटना मैच के अंतिम ओवर में हुई। टीवी रीप्ले से साफ लग रहा था कि आदिल राशिद और स्टोक्स ने तब दूसरा रन पूरा नहीं किया था जब गुप्टिल ने थ्रो किया था। लेकिन मैदानी अंपायर कुमार धर्मसेना और मारियास इरासमुस ने इंग्लैंड के खाते में छह रन जोड़ दिये। चार रन बाउंड्री के तथा दो रन जो बल्लेबाजों ने दौड़कर लिये थे।
हास्यास्पद नियम की कड़ी आलोचना:
भारत के रोहित शर्मा और गौतम गंभीर समेत मौजूदा और पूर्व क्रिकेटरों ने चौके छक्के गिनकर विश्व कप विजेता का निर्धारण करने वाले आईसीसी के ‘हास्यास्पद’ नियम की जमकर आलोचना की जिस नियम की वजह से लाडर्स पर फाइनल में इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड को हराया ।
इंग्लैंड ने मैच में 22 चौके और दो छक्के लगाये जबकि न्यूजीलैंड ने 16 चौके लगाये ।
भारत के सलामी बल्लेबाज रोहित ने ट्वीट किया ,‘‘ क्रिकेट के कुछ नियमों पर गंभीरता से गौर करने की जरूरत है ।’’
पूर्व क्रिकेटर और सांसद गंभीर ने ट्विटर पर लिखा ,‘‘ समझ में नहीं आता कि विश्व कप फाइनल जैसे मैच के विजेता का निर्धारण चौकों छक्कों के आधार पर कैसे हो सकता है । हास्यास्पद नियम । यह टाई होना चाहिये था । मैं न्यूजीलैंड और इंग्लैंड दोनों को बधाई देता हूं ।’’
विश्व कप 2011 के प्लेयर आफ द टूर्नामेंट रहे युवराज सिंह ने लिखा ,‘‘ मैं नियम से सहमत नहीं हूं लेकिन नियम तो नियम है । इंग्लैंड को आखिरकार विश्व कप जीतने पर बधाई । मैं न्यूजीलैंड के लिये दुखी हूं जिसने अंत तक जुझारूपन नहीं छोड़ा । शानदार फाइनल ।’’
न्यूजीलैंड के पूर्व हरफनमौला स्काट स्टायिरस ने लिखा ,‘‘ शानदार काम आईसीसी । आप एक लतीफा हो ।’’
भारत के महान स्पिनर बिशन सिंह बेदी ने ट्वीट किया ,‘‘ आईसीसी के अकल्पनीय नियमों से इंग्लैंड विश्व कप जीता । यह बेहतर होता कि इंग्लैंड और न्यूजीलैंड संयुक्त विजेता बनते । न्यूजीलैंड ने ऐसे जबर्दस्त नतीजे के लिये अधिक मेहनत की । इंग्लैंड के जीतने की तो पहले से अपेक्षा की जा रही थी । सोचो आईसीसी सोचो ।’’
आस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज डीन जोंस ने लिखा ,‘‘ डकवर्थ लुईस प्रणाली रन और विकेट पर निर्भर है । इसके बावजूद फाइनल में सिर्फ चौकों छक्कों को आधार माना गया । मेरी राय में यह गलत है ।’’
न्यूजीलैंड के पूर्व हरफनमौला डियोन नैश ने कहा ,‘‘ मुझे लग रहा है कि हमारे साथ छल हुआ है । यह बकवास है । सिक्के की उछाल की तरह फैसला नहीं हो सकता । नियम हालांकि पहले से बने हुए हैं तो शिकायत का कोई फायदा नहीं ।’’
इंग्लैंड के कप्तान ने नियम का बचाव किया:
इंग्लैंड के कप्तान इयोन मोर्गन ने कहा कि आईसीसी द्वारा तय किये गये नियमों पर उनका नियंत्रण नहीं है। विश्व क्रिकेट की शीर्ष संस्था के ‘बाउंड्री’ गिनने के नियम की कड़ी आलोचना की जा रही है जिससे विश्व कप 2019 के विजेता का फैसला हुआ।
फाइनल और सुपर ओवर टाइ छूटने के बाद इंग्लैंड को अधिक बाउंड्री लगाने के कारण विजेता घोषित किया गया। उसने फाइनल में 22 चौके और दो छक्के लगाये थे जबकि न्यूजीलैंड ने 17 बाउंड्री लगायी थी।
मोर्गन ने कहा, ‘‘अगर आप कोई विकल्प दे सकते हैं तो मैं दोनों की तुलना कर सकता हूं। लेकिन मुझे नहीं लगता कि अभी कोई विकल्प है। नियम निश्चित तौर पर काफी पहले तय किये गये थे और हमारा इन पर कोई नियंत्रण नहीं है। ’’
इससे पहले न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन से पूछा गया कि क्या विश्व कप विजेता का फैसला करने के लिये यह सही तरीका है तो उन्होंने स्वीकार किया कि इसे पचा पाना मुश्किल है।
विलियमसन ने इस नियम के बारे में पूछने पर कहा ,‘‘ आप कभी सोच नहीं सकते कि ऐसे सवाल भी पूछे जायेंगे। मैने भी कभी नहीं सोचा था कि ऐसे सवाल का जवाब दूंगा।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ यह स्वीकार करना मुश्किल है क्योंकि दोनों टीमों ने इस पल के लिये काफी मेहनत की थी।’’
पूर्व क्रिकेटरों ने आईसीसी के इस नियम को हास्यास्पद करार दिया है।
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