लखनऊ 22 अक्टूबर । दीपावली के मौके पर पिछले तीन सालों से अयोध्या में आयोजित दीपोत्सव को उत्तर प्रदेश सरकार ने राजकीय आयोजन की संज्ञा से नवाजा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रिमंडल की एक बैठक में इस आशय को मंजूरी दी गयी।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि अयोध्या में दीपोत्सव को राजकीय मेले की संज्ञा दी गयी है। इस साल होने वाले आयोजन में चार लाख दीपक सरयू के तट पर प्रज्जवलित किये जायेंगे जबकि एक लाख दियों से राम की नगरी रोशन होगी। इस अभूतपूर्व आयोजन को देखने के लिये गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड की टीम अयोध्या आ चुकी है। दीपोत्सव का यह आयोजन अयोध्या को धार्मिक एवं सांस्कृतिक रूप से विश्व के पर्यटन मानचित्र में अहम स्थान दिलाना है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बैठक में किए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए संवाददाताओं को बताया कि दीपावली के एक दिन पहले 26 अक्टूबर को आयोजित होने वाले दीपोत्सव मेले का खर्च अब जिलाधिकारी के जरिए राज्य सरकार उठाएगी और पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराएगी। इससे पहले दीपोत्सव मेले का खर्च पर्यटन विभाग वहन करता था।
गौरतलब है कि प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अयोध्या में सरयू घाट पर बेहद भव्य दीपोत्सव मेले का आयोजन करती है जिसमें सरयू में लाखों प्रज्ज्वलित दिये प्रवाहित किए जाते हैं।
मंत्रिमंडल ने बागपत निवासी बुजुर्ग निशानेबाज चंद्र और प्रकाशी तोमर के जीवन संघर्ष पर आधारित बॉलीवुड फिल्म ‘सांड की आंख’ को मनोरंजन कर से मुक्त करने का फैसला भी किया है।
यह फिल्म उम्रदराज निशानेबाजों चंद्रो तोमर (87) और प्रकाशी तोमर (82) के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने काफी उम्र गुजर जाने के बाद निशानेबाजी जैसे खेल में कदम रखा और विभिन्न प्रतियोगिताओं में पदक भी जीते।
मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 13 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई जिनमें रायबरेली जिले में अमृत योजना के तीसरे चरण के लिए 187.17 करोड रुपए के आवंटन का निर्णय भी शामिल है। इस धनराशि का 50% हिस्सा केंद्र सरकार देगी जबकि 30 फीसद का योगदान राज्य सरकार का होगा। इसके अलावा 20% खर्च स्थानीय प्रशासन करेगा।
इसके अलावा मंत्रिमंडल ने सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में शिक्षकों को साथ में वेतन आयोग का लाभ देने के के प्रस्ताव को भी अनुमोदित कर दिया।
मंत्रिमंडल ने सोनभद्र जिले में जेपी सीमेंट को 586.17 हेक्टेयर वन भूमि में खनन क्षेत्र आवंटित किए जाने की अधिसूचना को निरस्त कर दिया और 470.30 हेक्टेयर वन भूमि को कृषि के लिए देने का निर्णय लिया।
मंत्रिमंडल ने राज्य में मत्स्य कारोबार को बढ़ावा देने और मछुआरों के कल्याण के लिए उत्तर प्रदेश मत्स्य विकास नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी।
मंत्रिमंडल ने काशी विश्वनाथ मंदिर के विस्तारीकरण और सौंदर्यीकरण कार्य के लिए लाहौरी टोला स्थित निर्मल मठ के अधिग्रहण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मठ को मंदिर कॉरिडोर के बाहर 400 से 500 वर्ग मीटर का एक भूखंड उपलब्ध कराया जाएगा।
मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण निगम की समस्याओं के अध्ययन के लिए एक समिति गठित करने को भी मंजूरी दे दी है। यह समिति 15 दिन के अंदर मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट देगी।