भोपाल 16 अक्टूबर। दिग्विजय सिंह की नर्मदा परिक्रमा का काफिला आगे बढ़ता जा रहा है। नर्मदा यात्रा पर निकले दिग्विजय सिंह और अमृता को देखने, नर्मदा परिक्रमा में उनका साथ देने लोगों पहुंच रहे हैं।
ग्रामीण महिलाएं अमृता से मिलने पहुंच रही हैं।पत्रकार रहीं अमृता किसी मंजे हुए राजनेता की तरह न सिर्फ महिलाओं से मिलजुल रही हैं। बल्कि उनके साथ भजन गाकर और महिलाओं के लाए उपहार स्वीकार कर उनका दिल जीतने में कोई कमी नहीं छोड़ रही हैं। ऐसा ही नजारा देखने मिला आज नर्मदा नदी के आंवली घाट के आगे ग्वारी गांव में।
जहां ग्रामीण महिलाओं ने धूप से बचने के लिए दिग्विजय और अमृता के लिए सागौन के पत्तों से बनाकर टोपी भेंट की। इतना ही नहीं, महिलाओं ने भजन गाते हुए दिग्विजय- अमृता की परिक्रमा में भी साथ दिया। आज आंवली घाट से प्रस्थान करने के बाद नर्मदा परिक्रमा मार्ग पर ग्वारी नाम का एक गांव पड़ा, जहां की ग्रामीण महिलाओं ने बड़े ही भाव-विभोर होकर परिक्रमा वासियों का स्वागत किया।
महिलाएं धूप से बचाव के लिए सागौन के पत्तों की टोपी बनाकर लाई थी, जो उन्होंने बड़े ही प्रेम और मातृत्व भाव से दिग्विजय और अमृता सिंह को पहनाई। उन्होंने सागौन के पत्ते की ये टोपी वरिष्ठतम परिक्रमा वासी रामेश्वर नीखरा जी को भी पहनाई। ग्वारी की रहवासी महिलाएं भजन गाते हुए परिक्रमा वासियों के साथ नर्मदा जी व इंद्रावती नदी के संगम तक चलीं और उन्होंने दिग्विजय सिंह व सभी परिक्रमा वासियों को विदा किया। ये हमारा ग्रामीण भारत है और वास्तविक रूप से ये ग्रामीण जन ही हमारी सभ्यता और संस्कृति के सच्चे वाहक हैं।