धार : मध्य प्रदेश :, पांच मार्च : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुलवामा आतंकवादी हमले की पृष्ठभूमि में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के खिलाफ की गई कार्रवाई को लेकर आज कहा कि आतंकियों और उनके सरपरस्तों को बता दिया गया है कि अगर वे नहीं सुधरेंगे तो क्या हश्र होगा।
मध्य प्रदेश के धार में भाजपा की ‘विजय संकल्प रैली’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा,‘‘ – पुलवामा आतंकी हमले का जवाब भारतीय वायुसेना ने आतंकियों के घर में घुसकर दिया। आतंकियों और उनके सरपरस्तों को बता दिया गया है कि अगर वे नहीं सुधरेंगे तो क्या हश्र होगा।’’ मोदी ने कहा,‘‘- देश-दुनिया को लगता है कि हमने पुलवामा आतंकी हमले का जवाब देकर सही किया।’’ मोदी ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का नाम लिए बगैर उन पर तंज कसते हुए कहा कि वह पुलवामा हमले को महज हादसा बता रहे हैं। उन्हें (दिग्विजय को) ओसामा बिन लादेन भी ‘‘शांति दूत’’ लगता था।
मोदी ने कहा – एक आतंकी की मौत पर जिस पार्टी के नेताओं के आंसू नहीं थमते थे, उस कांग्रेस से आतंकवादियों के खात्मे की उम्मीद नहीं की जा सकती।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार हर आतंकी हमले के बाद चुप बैठ जाती थी। भारतीय वायुसेना का एयर स्ट्राइक पाकिस्तान में हुआ, लेकिन सदमा भारत में बैठे लोगों को लगा।
पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि विपक्षी नेता पाकिस्तान के साथ मिलकर ‘‘महामिलावट’’ कर रहे हैं।
मोदी ने कहा – ‘‘महामिलावटी’’ लोग पाकिस्तान के ‘‘पोस्टर बॉय’’ बन गए हैं। वे पाकिस्तान को शांति दूत बता रहे हैं।
मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा,‘‘- ये लोग आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई के मामले में देश की जनता को भ्रमित कर रहे हैं और पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर वायुसेना के हालिया हमले के सबूत मांगकर सेना का मनोबल तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।
मोदी ने मध्य प्रदेश में सत्ताधारी कांग्रेस पर आरोप लगाया कि भोपाल में बैठी कांग्रेस सरकार को किसानों की चिंता नहीं। केंद्र की योजना के लाभार्थी किसानों की सूची नहीं भेज रही कमलाथ सरकार।
उन्होंने कहा कि राहुल ने विधानसभा चुनावों से पहले कहा था कि अगर सूबे में कांग्रेस की सरकार आने पर 10 दिन में किसानों का कर्जा माफ नहीं हुआ तो वह मुख्यमंत्री बदल देंगे। लेकिन किसानों का कर्जा अब तक माफ नहीं हुआ और मुख्यमंत्री (कमलनाथ) अब भी पद पर बरकरार हैं
सेना के पराक्रम पर सबूत मांगने वाले महामिलावटी
पाकिस्तान के पोस्टर बॉय बन गए है :
प्रधानमंत्री ने आज धार में देशवासियों से पूंछा कि आप बताइए आतंकियों को सजा देना जरूरी था या नहीं ? इनके आकाओं को दो टूक संदेश देना जरूरी था या नहीं ? हमें अपनी सेना के पराक्रम पर गर्व है या नहीं ? उपस्थित जनसमुदाय ने एक साथ भारत माता की जयकारे के साथ प्रधानमंत्री के निर्णय का समर्थन एक स्वर में किया। मोदी ने तब कहा कि भारत की सेना के पराक्रम का जो लोग लगातार अपमान करते है, जिन्हें मोदी विरोध के अलावा कुछ सूझता नहीं है, जो निरंतर मोदी को गाली दें रहे है, उन्हें पाकिस्तान में तालियां मिल रही है। ये महामिलावटी लोग पाकिस्तान में पोस्टर बॉय बन गए है।
श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत ने आतंकियों के सरपरस्तों को डंके की चोट पर कह दिया है कि अब उनके सामने सुधरने के अलावा कोई चारा नहीं। फिर भी नहीं सुधरेंगे, तो क्या किया जाएगा, क्या होगा ये भी उन्हें बता दिया गया है। आप बताइये आतंकियों को सजा देना जरूरी था या नहीं ? आकाओं को दो टूक संदेश देना जरूरी था या नहीं ? हमारे सैनिकों ने सही जगह वार किया कि नहीं किया ? क्या आपको हमारी सेना का जो पराक्रम है,उस पर गर्व है या नहीं ? आपको लगता है कि हमारे वीर जवानों ने सही किया। पूरे देश को और दुनिया को सही लगा, लेकिन हमारे देश का दुर्भाग्य है, यहां कुछ ऐसे लोग हैं जिस पार्टी ने देश पर सबसे लंबे समय तक शासन किया, जिस पार्टी के नेताओं ने हमारी सेनाओं के हाथ बांधकर रखे, उसके नेता अब हमारे जवानों के पराक्रम पर सवाल उठा रहे हैं। मध्यप्रदेश के एक नेता तो और आगे नजर आते हैं। आज सुबह ही उन्होंने पुलवामा हमले को दुर्घटना कहा है। यानी एक हादसा, जो बस हो गया। देशवासी समझ लें ये ऐसे ही नहीं बोले, ये इनकी मानसिकता है। ये इनकी रंगों में पड़ा है। आतंकियों को बचाने के लिए, उनका पक्ष लेने के लिए अब ये उनके द्वारा किए गए हमले को एक हादसा बता रहे हैं। आप बताइये क्या पुलवामा में जो हुआ वो हादसा था क्या ? क्या ये आतंकी हमले के राक्षसी कृत्य की गंभीरता को कम करने की कोशिश है या नहीं।
नामदार परिवार के सिपहसालार को ओसामा बिन लादेन भी शांतिदूत लगता था:
उन्होंने कहा कि नामदार परिवार के ये वही खास सिपहसालार हैं, जिन्हें अब आतंक को बढ़ावा देने वाले शांतिदूत नजर आने लगे हैं। ये वही महोदय हैं, जिनको दुनिया का सबसे बड़ा आतंकी ओसामा बिन लादेन शांतिदूत लगता था, जिन्होंने मुंबई हमले में पाकिस्तान को क्लीन चिट दे दी थी और जांच को भटकाने की कोशिश की थी। बाटला हाउस एनकाउंटर के समय ऐसे ही एक और राजदरबारी ने दुनिया को बताया था। तब रिमोट से सरकार चलाने वालों के आंसू रुकते नहीं थे। ये कौन थे जिनके आतंकियों के लिए आंसू रुकते नहीं थे। क्या ऐसी कांग्रेस से आतंक के खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद की जा सकती है। क्या ये आतंक के सरपरस्तों को खत्म कर सकते हैं, उनमें दम है, माद्दा है, इरादा है। कौन कर सकता है आतंकवादियों का मुकाबला, उनका खात्मा कौन कर सकता है। मोदी नहीं……सवा सौ करोड़ देशवासी कर सकते हैं। ये ताकत हिंदुस्तान में है। आतंक के प्रति इसी कांग्रेसी रवैये के कारण आतंक को मुंहतोड़ जवाब नहीं मिल पाता। आज ये स्ट्राइक पर सवाल उठा रहे हैं, लेकिन जब इनकी सरकार थी तब क्या होता था। ये हर आतंकी हमले के बाद चुप बैठ जाते थे, या फिर हमारी जवानों की कार्रवाई पर आंसू बहाते थे। इनका वही चेहरा एक बार फिर सामने आया है। एयर स्ट्राइक पाकिस्तान में हुई,लेकिन सदमा भारत में। विपक्ष के लोगों का चेहरा देखिए एक हफ्ते से ऐसा मुंह लटकाए हैं मानो दुखों का पहाड़़ टूट गया हो।
मोदी को गाली बदले इन्हें पाकिस्तान में ताली मिलती है:
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत भर में महामिलावट करने वाले लोग अब अंतरराष्ट्रीय महामिलावट कर रहे हैं। यहां ये मोदी को गाली देते हैं वहां पाकिस्तान में इनके लिए तालियां बजती हैं। अखबारों की हैडलाइंस भरी पड़ी हैं। चैनलों पर इनके ही चेहरे दिखाई पड़ते हैं। आजकल ये महामिलावटी लोग पाकिस्तान के पोस्टर बॉय बन गए हैं। आपने देखा होगा, एयर स्ट्राइक के बाद पाक की बोलती बंद हो गई, अलग-थलग पड़ गया, तो उसकी इज्जत बचाने के लिए यही मिलावटी सामने आ गए। कोई सबूत मांगने लगा, कोई आतंकियों की लाशों की संख्या पूछने लगा। ये लोग पाकिस्तान को ही शांति का दूत बताने लगे। यह अतरराष्ट्रीय महामिलावट एक सुर में राग अलाप रही है। एक तरफ देश भर में देश को प्यार करने वाले लोग एक हो रहे हैं, तो दूसरी तरफ मोदी की नफरत में सारे मिलावटी कूं कूं कर रहे हैं। भारत के बाहर भी सहारा ढूंढ रहे हैं। जब आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में देश एकमत हो रहा है, तब ये देश को भ्रमित कर इस लड़ाई को कमजोर करना चाहते हैं। हमारी सेना का पराक्रम पूरा विश्व मान रहा है, ये सेना से ही सबूत मांगकर उसका मनोबल तोड़ रहे हैं।
श्री मोदी ने कहा कि जब पूरी दुनिया भारत के साथ है। तब ये प्रश्न करके भारत को कमजोर करने का हीन प्रयास कर रहे हैं। कड़े से कड़ा और बड़े से बड़ा फैसला तब आता है, फैसले का हौसला भी तब आता है, जब राष्ट्रहित सर्वोपरि हो, सिर्फ अपने परिवार का हित नहीं। भाजपा के लिए व्यक्ति से बड़ा दल और दल से बड़ा देश होता है। इसलिए हर फैसला सिर्फ और सिर्फ देश हित में लिया जा रहा है।
देश की सुरक्षा और गरीब का कल्याण दोनों ईमानदारी से:
देश की सुरक्षा हो या फिर गरीब का कल्याण हमारी सरकार पूरी ईमानदारी से काम कर रही हे। 5 लाख तक मुफ्त इलाज करने वाली आयुष्मान भारत योजना हमारी सरकार ने लागू की। पहली बार हर गरीब को मुफ्त गैस सिलेंडर देने की योजना गरीब के दरवाजे तक पहुंच चुकी है। धुएं में जिंदगी गुजारने वाली मां को धुएं से मुक्ति मिल चुकी है। गरीब परिवारों को अपना शौचालय देने के लिए स्वच्छ भारत हमने शुरू किया। जन-धन योजना हमारी सरकार ने शुरू की।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मान धन योजना का शुभारंभ, 42 करोड़ को पेंशन मिलेगी:
आज श्रमिकों के लिए सबसे बड़ी योजना का शुभारंभ हुआ है। टेक्नोलॉजी के माध्यम से इस कार्यक्रम से एक करोड़ लोग जुड़े। प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना। अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिको, कामगारों को इसका लाभ मिलेगा। ऐसे लगभग 42 करोड़ कामगार बहन-भाइयों को साठ वर्ष के बाद पेंशन मिलेगी। हर महीने 3 हजार पेंशन मिलेगी। इस योजना से जुड़ने के लिए औसतन 100 रुपए का अंशदान देना होगा। जितना ये अंशदान देंगे, उतना ही केंद्र की मोदी सकरार जमा करेगी। आज इस योजना का पहला दिन है। अब तक 14 लाख बहन भाई इससे जुड़ चुके हैं। उन्होंने जितना पैसा जमा किया, उतना मोदी सरकार ने भी जोड़ दिया। ये दूसरी योजना है, जो इतिहास में दर्ज होगी। 24फरवरी को किसान सम्मान निधि की शुरुआत हुई थी। देश के 12करोड़ किसान परिवारों को इसका लाभ मिलेगा। हर वर्ष 75 हजार करोड़ रुपया सीधा किसानों के खाते में जमा होगा।
भोपाल में ऐसी सरकार जिसने गरीब किसानों को पैसा नहीं मिलने दिया:
श्री मोदी ने कहा कि मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि भोपाल में ऐसी सरकार बैठी है, जिसे न गरीबों की न किसानों की चिंता है। इतने सारे लोगों को पहली किश्त मिल गई, लेकिन इनमें मध्यप्रदेश का एक भी किसान शामिल नहीं। इसलिए नहीं कि मोदी देना नहीं चाहता। लेकिन सूची तो सरकार दे। यदि सूची मिल जाती तो पैसे देने को हम तैयार हैं सूची उनको देना है, पर उनको लग रहा है कि यदि ये दो हजार रुपया लाखों किसानों के खातों में चला गया, तो नाक कट जाएगी। पहले शीशे में देखो नाक बची है क्या। ये है किसानों के प्रति इनका दोहरा रवैया। किसानों के नाम पर गांव-गांव जाकर वोट मांगे। जिनको पौधों और पेड़ में फर्क नहीं मालूम, वे यहां आकर बड़ी-बड़ी बातें कर रहे थे। कह रहे थे मुख्यमंत्री बदल दूंगा अगर 10 दिनों में कर्ज माफ नहीं हुआ तो। क्या बदल गया मुख्यमंत्री। बताइये वही है न जिसने वादा किया था। आपकी आंखों में धूल झौंकी या नहीं, ये झूठ बोलने में माहिर हैं या नहीं। इन्हें न गरीबों की, न किसानों की न नौजवानों की चिंता है। आप बताईये इंदौर-दाहोद रेल लाइन का भूमिपूजन 2008 में हुआ था, उसके बाद भूल गए। अब हमारी सरकार इस काम को पूरा कर रही है। शिवराज सरकार के समय बहुत कम हुए। उनके जाने के बाद अब क्या स्थिति है, आप महसूस कर रहे होंगे। सिर्फ सरकार नहीं आई, एक कांग्रेस कल्चर भी आ गया है। एक तरफ प्रदेश के विकास पर ब्रेक लगाने वाला कल्चर है, दूसरी तरफ धार और मध्यप्रदेश के विकास के लिए काम करने वाली भाजपा। धार को दो-दो हाईवे से जोड़ने का काम हमारी सरकार ने किया। सिंचाई सुविधाओं का काम हमारी सरकार ने किया। वन-धन योजना के माध्यम से जो सुनिश्चित किया जा रहा है कि आप जंगल से जो उपज लेते हैं, उसका बेहतर मूल्य मिले। वनोपजों का समर्थन मूल्य तीन बार बढ़ाया। फसलों का एमएसपी बढ़ाया। अब 50 उपजों पर एमएसपी मिल रहा है। धार की चित्रकला और बांसकला दुनिया में मशहूर है। यहां के उत्पादों को बड़ा बाजार मिले, इसके लिए तकनीकी का सहारा लिया जा रहा है। ऑनलाइन कारोबार में वृद्धि की गई है। शिक्षा के प्रयास किए जा रहे हैं। एकलव्य मॉडल स्कूल खोले जा रहे हैं। देश की आजादी से लेकर अब तक के विकास में आदिवासी जननायकों का बड़ा योगदान रहा। भाजपा सरकार इस योगदान को सम्मान देने का काम कर रही है। जिन बहन-बेटियों ने बलिदान दिया है, उनके सम्मान में स्मारक बन रहे हैं। ये चौकीदार आदिवासी, किसान, के सम्मान के लिए उनके हितों के लिए काम कर रहा है, वहीं कांग्रेसी इस चौकीदार को गालियां देने में लगा है। देश कह रहा है आतंक को मिटाओ, वो कह रहे हैं मोदी को मिटाओ, देश कह रहा है गरीबी हटाओ, वो कह रहे हैं मोदी को हटाओ, देश कह रहा है मजबूत सरकार बनाओ, वे कह रहे हैं मजबूर सरकार बनाओ।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को आदिवासी परंपरा से साफा पहनाकर, तीर कमान सौंपकर स्वागत किया।
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