Home / Crime/ Criminal / दिल्ली पुलिस की पूछताछ में नहीं आए बुलाये गये नौ किसान नेता,हिंसा की साज़िश को लेकर UAPA के तहत दर्ज हुआ केस,पता लगाया जाएगा कि हिंसा के पीछे मास्टरमाइंड कौन attacknews.in

दिल्ली पुलिस की पूछताछ में नहीं आए बुलाये गये नौ किसान नेता,हिंसा की साज़िश को लेकर UAPA के तहत दर्ज हुआ केस,पता लगाया जाएगा कि हिंसा के पीछे मास्टरमाइंड कौन attacknews.in

नयी दिल्ली, 29 जनवरी । दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने राकेश टिकैत समेत नौ किसान नेताओं को पूछताछ में शामिल होने के लिए बुलाया लेकिन कोई भी जांच में शामिल नहीं हुआ है।

पुलिस के एक अधिकरी ने कहा कि गणतंत्र दिवस के दिन राजधानी के अलग-अलग इलाकों में हुई हिंसा के मामले की जांच में पूछताछ में शामिल होने के लिए राकेश टिकैत, पवन कुमार, राज किशोर सिंह, तजेंद्र सिंह विर्क, जितेंद्र सिंह जीतू, त्रिलोचन सिंह, गुरमुख सिंह, हरप्रीत सिंह और जगतार सिंह बाजवा को बुलाया गया लेकिन कोई भी जांच में शामिल नहीं हुआ है।

दिल्ली पुलिस ने हिंसा की घटनाओं का वीडियो देने की लोगों से की अपील

दिल्ली पुलिस ने कृषि कानूनों के विरोध में गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की तरफ से निकाले गए ट्रैक्टर रैली के दौरान भड़की हिंसा मामले में मीडियाकर्मी सहित आम लोगों से इसकी वीडियो, फोटो और बयान दिल्ली पुलिस को देने की अपील की है।

दिल्ली पुलिस की तरफ से जारी अपील में कहा गया,“26 जनवरी, 2021 को प्रदर्शनकारी किसानों ने एक ट्रैक्टर रैली निकाली थी और दिल्ली में हिंसा भड़काई थी। मीडियाकर्मी सहित जनता के सभी सदस्य जो घटनाओं के गवाह हैं या जिनके पास घटना के बारे में कोई जानकारी है या उन्होंने अपने मोबाइल फोन या कैमरे पर कोई गितिविधि रिकॉर्ड की है, उनसे अनुरोध है कि वे आगे आएं और अपने बयान/फुटेज/तस्वीर/ हमें किसी भी कार्य दिवस पर आकर दे दें।”

लाल किला की घटना की जांच करेगी स्पेशल सेल

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गणतंत्र दिवस के दिन लाल किले की घटना के पीछे साजिश की जांच के लिए यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया है।

दिल्ली पुलिस की ओर से गुरुवार को जारी एक बयान में बताया गया कि 26 जनवरी की हिंसा की साज़िश को लेकर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने यूएपीए के तहत केस दर्ज किया है। स्पेशल सेल दिल्ली पुलिस की एन्टी टेरर इकाई है। लाल किले में हिंसा और पूरी दिल्ली में हुई हिंसा की साज़िश की जांच होगी और यह पता लगाया जाएगा कि हिंसा के पीछे मास्टरमाइंड कौन है।

उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच से पता चला है कि किसान नेताओं और दिल्ली पुलिस के बीच समझौता हुआ था उसे तोड़ने के लिए सुनियोजित योजना बनाई गई जिसके कारण राजधानी के कई जगहों पर हिंसा हुई। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सरकार की छवि खराब करने के लिए ऐतिहासिक स्थल को निशाना बनाया गया।

उन्होंने कहा कि इस हिंसा में करोड़ों की सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया। इस हिंसा में 394 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

गौरतलब है कि ट्रैक्टर रैली के दौरान सैकड़ों की संख्या में आंदोलनकारी किसान लाल किले में घुस गए तथा किसानों के और धार्मिक झंडे फहरा दिए।

दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को हिंसा के लिए मेधा पाटकर, बूटा सिंह, दर्शन पाल, राकेश टिकैत, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, योगेंद्र यादव, जोगिन्द्र सिंह उग्राहा, अवीक साहा सहित 37 किसान नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। इन नेताओं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148 (दंगा भड़काने से संबंधित), 120बी (आपराधिक साजिश), और 307 (हत्या के प्रयास) समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। इन नेताओं के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। इनके पासपोर्ट जब्त किए जाएंगे ताकि देश से बाहर नहीं जा सके।

पुलिस आयुक्त ने पत्र लिखकर की पुलिसकर्मियों की सराहना

गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने पुलिसकर्मियों को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कहा कि आपके संयमपूर्ण परिचय की वजह से दिल्ली पुलिस चुनौतीपूर्ण आंदोलन से निपट पाई है।

पुलिस आयुक्त ने अपने पत्र में लिखा, 26 जनवरी को किसान आंदोलन के उग्र और हिंसक हो जाने पर भी आपने अत्यंत संयम और सूझबूझ का परिचय दिया है। हालांकि हमारे पास बल प्रयोग का विकल्प मौजूद था लेकिन हमने सूझबूझ दिखाया। आपके इस आचरण से दिल्ली पुलिस चुनौतीपूर्ण आंदोलन से निपट सकी है।

उन्होंने लिखा,“हम सब इस प्रकार की चुनौतियों का सामना करते आए हैं। आपकी मेहनत और कार्य कुशलता से ही किसान आंदोलन की चुनौती का हम डटकर सामना कर सके हैं। किसान आंदोलन में हुई हिंसा में हमारे 394 साथी घायल हुए हैं। कुछ का इलाज अभी भी अस्पताल में चल रहा है।”

पुलिस आयुक्त ने आगे लिखा,“मैं आपको बतलाना चाहता हूं कि आगे आने वाले कुछ दिन बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। हमें सचेत रहने की आवश्यकता है। हम सबको अपना धैर्य और अनुशासन बनाए रखना है। मैं आपके संयम और धैर्य के लिए धन्यवाद देता हूं।”

गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस के दिन पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में किसानों पर विश्वासघात का आरोप लगाया और कहा कि किसान नेता आंदोलनकारी किसानों को उकसा रहे थे। उन्होने कहा कि हिंसा में कोई भी किसान नेता दोषी पाया जाता है तो उसको छोड़ा नहीं जाएगा।

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Dr.Sushil Sharma Admin/Editor

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