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दिल्ली में तब्लीगी जमाअत के मरकज़ मे रहने वाले कोरोनावायरस संक्रमित सैकडों मुसलमानों के भारत के राज्यों में फैल जाने से धरपकड़ में लगी सरकारें, 10 की हो चुकी है मौत attacknews.in

नयी दिल्ली, 31 मार्च । दक्षिण पूर्वी दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के मरकज में रहने वाले नौ लोगों की कोरोना संक्रमण (कोविड-19) से देश के अलग-अलग हिस्सों में मौत हो गई जबकि 24 लोग संक्रमित पाये गए। यहां से निकाले गए 334 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जबकि सात सौ लोगों को आइसोलेशन में भेजा गया है। मरकज से जुड़े 7 लोग तेलंगाना, एक तमिलनाडु, एक जम्मू-कश्मीर तथा एक की दिल्ली में मौत हुई है।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने कहा कि तब्लीगी जमात ने लॉकडाउन के दौरान नियमों को तोड़कर घोर अपराध किया है। उन्होंने उपराज्यपाल से मरकज के प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।

उन्होंने कहा कि मरकज के 24 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए जबकि इस बीमारी के लक्षण वाले 334 लोगों को अलग- अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। करीब 1500 से 1700 लोग मरकज में आये थे जबकि 1033 लोगों को यहां से निकाला गया है।

दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता मनदीप सिंह रंधावा ने कहा कि पुलिस मरकज से जुड़े मामले की जांच कर रही है और जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

मरकज कमेटी से जुड़े मौलाना युसुफ ने कहा कि 25 मार्च को प्रशासन को पत्र लिखकर बताया गया था कि यहां से 1500 लोगों को भेजा जा चुका है लेकिन लॉकडाउन की वजह से करीब 1000 लोग अब भी फंसे हैं जिन्हें निकालने के लिए वाहन पास जारी किए जाएं। वाहन पास के लिए वाहनों की सूची भी लगाई गई थी मगर प्रशासन ने वाहन पास जारी नहीं किए। उन्होंने कहा कि यह गलत आरोप लगाया जा रहा है कि मरकज कमेटी ने सरकार के आदेशों का पालन नहीं किया है।

उल्लेखनीय है कि निजामुद्दीन का तब्लीगी जमात मरकज विश्व का केंद्र है इसलिए यहां पूरे साल देश समेत दुनिया के अलग अलग देशों से लोग यहां आते हैं। इनका मुख्य काम लोगों को इस्लाम की शिक्षा की सही जानकारी और उसके हिसाब से जिंदगी गुजारने के लिए प्रेरित करना बताया जाता है।

इस तब्लीगी में शामिल होने वाले लोग पहले निजामुद्दीन मरकज आते हैं और यहां अलग-अलग समूह में देश के अलग-अलग हिस्सों या विदेशों में भेजे जाते हैं। इसमें शामिल होने वाले लोग तीन दिन या 40 दिन इस्लाम के कामों में लगाते हैं। यहां से जाने वाले लोग जिस इलाके में जाते हैं वहां की मस्जिदों में ठहर कर मुहल्लों के लोगों को नमाज में शामिल होने के लिए प्रेरित करते हैं। इस दौरान ये लोग अपने खाने की सामग्री साथ लेकर चलते हैं और मस्जिद में ही खाना बनाकर खाते हैं।

दिल्ली में 20000 घरों की क्वारंटीन के लिए पहचान : बैजल

निजामुद्दीन के मरकज में लाॅकडाउन के बावजूद बड़ी संख्या में लोगों के जुटने और यहां 24 के कोरोना वायरस (कोविड 19) से संक्रमित पाये जाने के बाद दिल्ली में करीब 20 हजार घरों की पहचान कर कड़ाई से होम क्वारंटीन की निगरानी में रखा गया है।

उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य मंत्रियों तथा उच्चाधिकारियों के साथ बैठक के बाद यह जानकारी दी।

श्री बैजल ने कहा कि मरकज की घटना के बाद 20 हजार घरों को चिन्हित कर होम क्वारंटीन किया जायेगा। इसमें सबसे अधिक संख्या दक्षिण पूर्वी दिल्ली की हैं।

उपराज्यपाल ने कहा कि लाॅकडाउन का सभी को कड़ाई से पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि भोजन उपलब्ध कराने के लिये 500 स्थानों को बढाकर ढाई हजार किया जा रहा है जिससे सोशल डिस्टेंंसिंग (सामाजिक दूरी) का सख्ती से पालन कराया जा सके।

श्री बैजल ने कहा सोशल डिस्टेंंसिग के लिए हर स्तर पर जागरूक करने की जरुरत है।

तेलंगाना में निजामुद्दीन के मरकज में कार्यक्रम में शामिल होने वाले 7 लोगों की मौत

हैदराबाद से खबर है कि, दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के मरकज में एक कार्यक्रम में शामिल हुए तेलंगाना के 7 लोगों की कोरोना वायरस (कोविड-19) से मौत हो गयी है।

तेलंगाना के चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार देर रात एक बयान में कहा कि दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के मरकज में 13 से 15 मार्च के दौरान एक धार्मिक सभा में शामिल होने वाले कुछ लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण पाए गए। इस धार्मिक सभा में शामिल होने वाले कुछ लोग तेलंगाना के भी थे जो कार्यक्रम समाप्त होने के बाद तेलंगाना लौट गए थे।

उनमें से गांधी अस्पताल में तीन, तथा अपोलो, ग्लोबल अस्पताल, निजामाबाद और गड़वाल में एक-एक व्यक्ति की मौत हुयी है। जिलाधिकारियों की विशेष टीमों ने उन संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान की है जो इन लोगों के संपर्क में आए थे और उन्हें अस्पतालों में भेजा गया है। वहां उनकी जांच और उपचार किया जा रहा है।

निजामुद्दीन मरकज़ में कोरोना वायरस के 500 संदिग्ध

कल रिपोर्ट आई थी कि, दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के मरकज से कोरोना वायरस ‘कोविड-19 के संक्रमण की जांच के लिए 300 संदिग्धों को यहां के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती के लिए ले जाया गया जबकि करीब 1200 लोग अभी वहां मौजूद हैं जिन्हें निकाला गया ।

मरकज के 500 लोगों को कोरोना वायरस से संदिग्ध माना गया था । ये सर्दी, जुकाम, खांसी आदि से पीड़ित थे।

लॉकडाउन से पहले मरकज में करीब दो हजार लोग मौजूद थे लेकिन कुछ लोग विभिन्न राज्यों में चले गये। मरकज में समय गुजारकर यहां से जाने वालों में छह लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे जबकि एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी । मृतकों की अभी जांच रिपोर्ट नहीं आई है।

स्वास्थ्य विभाग, विश्व स्वास्थ्य संगठन, नगर निगम और दिल्ली पुलिस की टीम ने मरकज से लोगों को निकालने का काम किया ।

एक पुलिस के अधिकारी ने बताया था कि लॉकडाउन के पहले से ही यहां से भीड़भाड़ हटाने और सोशल डिस्टेन्सिंग के लिए कहा जा रहा था लेकिन मरकज के लोगों ने उनकी नहीं सुनी। यहां रहने वाले लोगों में बड़ी संख्या में 60 साल से अधिक उम्र के लोग थे।

निजामुद्दीन के एक स्थानीय निवासी ने बताया कि मरकज से पिछले दो दिनों में 200 लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच के लिए अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया गया था और मरकज के आसपास के इलाके को पूरी तरह सील कर दिया गया है। जिन लोगों को जांच के लिए ले जाया गया था, उनमें बंगलादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान, मलेशिया, सऊदी अरब, इंग्लैंड और चीन के करीब 100 विदेशी नागरिक शामिल रहे । मरकज के लोगों ने लॉकडाउन के साथ-साथ इस बीमारी को भी बहुत हल्के में लिया था ।

रविवार को तमिलनाडु के एक 64 वर्षीय शख्स की मौत हो गई थी जो मरकज में रुका हुआ था। मरने वाले शख्स की अभी जांच रिपोर्ट नहीं आई है। इस घटना के बाद पुलिस ने जांच तेज कर दी थी। पुलिस मामले की गंभीरता को देखते हुए इलाके में ड्रोन से निगरानी रख रही थी।

मरकज से कुछ ही दूर पर प्रसिद्ध सूफी निजामुद्दीन औलिया की मजार है जहां पर बड़ी संख्या में जायरीन यहां आते हैं लेकिन इन दिनों दरगाह पूरी तरह बंद है।

गौरतलब है कि निजामुद्दीन स्थित मरकज इस्लाम की शिक्षा का प्रचार-प्रसार करने वाला विश्व का सबसे बड़ा केंद्र है जहां कई देशों के लोग आते रहते हैं।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निजामुद्दीन में तबलिग ए जमात बैठक के आयोजन के संबंध में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे ।

छत्तीसगढ़ में तबलीगी समाज के कार्यक्रम से लौटे आठ लोग भेजे गए आइसोलेशन सेंटर

भिलाई से खबर है कि दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मरकज में शामिल होकर यहां लौटे आठ लोगों को स्वास्थ्य विभाग ने चिखली स्थित आइसोलेशन सेंटर में आज शिफ्ट कर दिया।

दिल्ली पुलिस ने मरकज में जिन आठ लोगो के शामिल होने एवं उऩके भिलाई जाने की की सूचना यहां की पुलिस को दी थी उन्हे पुलिस ने यहां खोज निकाला।यह सभी नूर मस्जिद फरीद नगर सुपेला में ठहरे हुए थे।इनमें पश्चिम बंगाल के मिदनापुर निवासी 04 पुरुष शेख मेहर अली, शेख अताउउदीन, मीर समसद, इस्माइल शेख,एवं 04 महिला अनसुरा बीबी, आसमा बीबी, अंजु बीबी और खुदन बीबी को पुलिस ने पकड़कर आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया।

सहारनपुर मंडल से 49 जमाती गये थे दिल्ली

उत्तर प्रदेश में सहारनपुर मंडल के तीन जिलों से तबलीगी की जमात के 49 लोग दिल्ली गये थे जिनकी तलाश सरगर्मी से की जा रही है।

मंडलायुक्त संजय कुमार और पुलिस उप महानिरीक्षक उपेन्द्र अग्रवाल ने मंगलवाल को बताया कि तबलीग जमात के सहारनपर मण्डल के 49 जमाती दिल्ली गये थे जिनमें सहारनपुर के सात , शामली के पांच और मुजफ्फरनगर के 25 जमाती शामिल हैं।

हर हाल में पता लगायें निजामुद्दीन से निकले लोगों का :योगी

दिल्ली के निजामुद्दीन में धार्मिक समारोह में भाग लेकर उत्तर प्रदेश आये 157 लोगों की तलाश पूरे जोर शोर से की जा रही है।

दिल्ली के निजामुद्दीन में हाल ही में सम्पन्न मरकज में शामिल लोगों में 24 कोरोना पाजीटिव पाये गये थे जबकि छह के जानलेवा वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि तेलंगाना में हुयी थी जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार चौकन्ना हो गयी है।

जानकारी के मुताबिक मरकज में शामिल तब्लीगी जमात के 157 लोग उत्तर प्रदेश के अलग अलग जिलों में गये हैं। इस घटना से चिंतित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को मेरठ और आगरा का दौरा रद्द कर लखनऊ में अधिकारियों के साथ आपात बैठक की और सभी का हर हाल में पता करने एवं उन्हे क्वारंटाइन करने के निर्देश दिये।

निजामुद्दीन में धार्मिक कार्यक्रम में शामिल 299 लोगों की असम में तलाश

कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ महामारी का नया हॉटस्पॉट बने नयी दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में मार्च की शुरुआत में एक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमें शामिल लगभग 300 लोगों की असम में तलाश जारी है।

असम सरकार ने उनकी पहचान करने और उन्हें असम में क्वारेंटीन करने के लिये कड़े निर्देश जारी किये हैं।

उत्तरप्रदेश के बहराइच में तबलीग़ जमात के 17 लोगों को अस्पताल के क्वारंटाइन वार्ड में किया भर्ती

उत्तर प्रदेश के बहराइच स्थित एक मस्जिद में रुके इंडोनेशिया,थाईलैंड और कुछ स्थानीय लोगों सहित तबलीग़ जमात के 17 लोगों को अस्पताल के क्वारंटाइन वार्ड में भर्ती किया गया है।

पुलिस सूत्रों ने यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मरकज़ दिल्ली की सूचना पर बहराइच पुलिस ने आज शहर के मोहल्ला सत्ती कुआं में स्थित ताज मस्जिद में पहुंचकर सभी 17 लोगों को एंबुलेंस से चिकित्सालय ले जाकर क्वारंटाइन वार्ड में भर्ती कराया है। सभी का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है।

केंद्र सरकार तब्लीग कार्यकर्ताओं की पहचान और क्वारन्टीन के लिए प्रतिबद्ध

केन्द्र सरकार ने आज कहा कि वह तब्लीग जमात के कार्यकर्ताओं की पहचान करने , उन्हें अलग करने और क्वारन्टीन करने के लिए प्रतिबद्ध है।

गृह मंत्रालय की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया है कि निजामुद्दीन के मरकज़ से अब तक जमात के 1339 कार्यकर्ताओं को दिल्ली के नरेला, सुल्तानपुरी और बक्करवाला क्वारन्टीन केंद्र तथा एलएनजेपी, आरजीएसएस, जीटीबी, डीडीयू अस्पतालों और एम्स झज्जर में स्थानांतरित कर दिया गया है। इनमें से बाकी की संक्रमण के लिए चिकित्सकीय रूप से जांच की जा रही है।

मंत्रालय ने कहा है कि तेलंगाना में कोरोना के संक्रमण के 19 मामले सामने आते ही गत 21 मार्च को सभी राज्यों के साथ देश में मौजूद जमात कार्यकर्ताओं का विवरण साझा किया गया। इस त्वरित कार्रवाई का उद्देश्य कोरोना से संक्रमित जमात कार्यकर्ताओं की पहचान करना और उन्हें अलग करके क्वारन्टीन करना था जिससे संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।

गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ साथ दिल्ली पुलिस आयुक्त को निर्देश जारी किये थे। इस बारे में गुप्तचर ब्यूरो की ओर से भी 28 और 29 मार्च को पुलिस महानिदेशकों को पत्र लिखे गये।

21 मार्च को आन्ध्र प्रदेश में 24, तमिलनाडु 125, महाराष्ट्र 115, तेलंगाना 82, कर्नाटक 50, पश्चिम बंगाल 70, उत्तर प्रदेश 132, झारखंड 38 , हरियाणा 115, ओडिशा 11, मध्य प्रदेश 49 और राजस्थान में 13 विदेशी तब्लीग कार्यकर्ता मौजूद थे।

इस बीच निजामुद्दीन के मरकज़ में रहने वाले जमात कार्यकर्ताओं को भी राज्य के अधिकारियों और पुलिस ने मेडिकल स्क्रीनिंग के लिए अनुरोध किया और 29 मार्च तक, लगभग 162 जमात कार्यकर्ताओं को चिकित्सकीय रूप से जांचा गया तथा क्वारन्टीन केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया गया।

आमतौर पर देश में आने वाले तब्लीग़ जमात से जुड़े सभी विदेशी नागरिक पर्यटक वीजा पर आते हैं। गृह मंत्रालय द्वारा पहले से जारी दिशा-निर्देश के अनुसार जमात के इन विदेशी कार्यकर्ताओं को पर्यटक वीजा पर मिशनरी काम में शामिल नहीं होना चाहिए। इस संबंध में सभी राज्य पुलिस इन सभी विदेशी जमात कार्यकर्ताओं के वीजा की श्रेणियों की जांच करेगी और वीजा शर्तों के उल्लंघन के मामले में आगे की कार्रवाई करेगी।

भारत में अक्सर इंडोनेशिया, मलेशिया, थाइलैंड , नेपाल, म्यांमार , बंगलादेश , श्रीलंका और किरगिस्तान के लोग तब्लीग गतिविधियों के लिए आते हैं।

हर हाल में पता लगायें निजामुद्दीन से निकले लोगों का :योगी आदित्यनाथ

दिल्ली के निजामुद्दीन में धार्मिक समारोह में भाग लेकर उत्तर प्रदेश आये 157 लोगों की तलाश पूरे जोर शोर से की जा रही है।

दिल्ली के निजामुद्दीन में हाल ही में सम्पन्न मरकज में शामिल लोगों में 24 कोरोना पाजीटिव पाये गये थे जबकि छह के जानलेवा वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि तेलंगाना में हुयी थी जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार चौकन्ना हो गयी है। जानकारी के मुताबिक मरकज में शामिल तब्लीगी जमात के 157 लोग उत्तर प्रदेश के अलग अलग जिलों में गये हैं।

इस घटना से चिंतित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को मेरठ और आगरा का दौरा रद्द कर लखनऊ में अधिकारियों के साथ आपात बैठक की और सभी का हर हाल में पता करने एवं उन्हे क्वारंटाइन करने के निर्देश दिये।

उप्र में के विभिन्न जिलों की मस्जिदों में मिले निजामुद्दीन से आये 60 लोग

दिल्ली के निजामुद्दीन में धार्मिक समारोह में भाग लेकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में आये विदेशियों समेत 60 लोगों को लखनऊ, बिजनौर,भदोही और बहराइच की मस्जिदों से पकड़कर पुलिस ने जिला अस्पतालों के क्वारंटाइन वार्ड में भर्ती कराया है।

पुलिस प्रवक्ता ने मंगलवार को यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बिजनौर जिले के नगीना क्षेत्र के पंजाबियान मौहल्ले में स्थित मस्जिद से आठ इंडोनेशियाई नागरिकों को पकड़ा है। इसके अलावा भदोही कोतवाली क्षेत्र में काजीपुर स्थित मस्जिद से 11 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया है।

मरकज की घटना कानून का खुला उल्लंघन तथा लोगों की जान से खिलवाड:डा शर्मा

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा ने कहा कि देश की राजधानी दिल्ली के मरकज में हुई घटना कानून का खुला उल्लंघन तथा लोगों की जान से खिलवाड है।
डा़ शर्मा ने कहा कि ऐसी घटनाओं से समाज को नुकसान होता है। लोगों को इस प्रकार की प्रवृत्ति से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो भी लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

तबलीग जमात में शामिल हुए मध्यप्रदेश के नागरिकों को चिन्हित कर क्वॉरेन्टाइन में रखें: शिवराज

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां मंत्रालय में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में निर्देश दिए हैं कि तबलीग जमात में हिस्सा लेने वाले प्रदेश के नागरिकों को क्वॉरेन्टाइन में रखने की व्यवस्था की जाए।

आधिकारिक जानकारी में श्री चौहान ने कहा कि जैसा कि समाचार मिले हैं, कुछ दिन पूर्व तबलीग जमात का एक बड़ा धार्मिक आयोजन हुआ था। इसमें पूरे देश के श्रद्धालु भाग लेने गए थे। इस समूह में से 200 लोगों के कोविड-19 से संक्रमित होने तथा इनमें से 6 लोगों की तेलंगाना में मृत होने की सूचना प्राप्त हुई है। मध्यप्रदेश से भी 100 से अधिक व्यक्ति इस धार्मिक कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। ऐसी जानकारी प्राप्त हुई है।

उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में पूर्ण सजग रहने की जरूरत है। इस संबंध में अधिकारियों को निर्देशित किया है कि इस आयोजन में सम्मिलित मध्यप्रदेश के व्यक्तियों को चिन्हित करें तथा उन्हें क्वॉरेन्टाइन में रखकर उनका आवश्यक स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए। यह कार्यवाही सभी के हित में है। यदि किसी भी प्रकार की बीमारी के लक्षण उन व्यक्तियों में दिखाई देते हैं तो उनके टेस्ट और इलाज की समुचित व्यवस्था भी की जाए।

मुख्यमंत्री ने सभी पुलिस अधीक्षकों को यह कार्रवाई अति शीघ्र करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा धार्मिक कार्यक्रम के सिलसिले में जो भी व्यक्ति घूम रहे हैं, उनकी यात्रा का विवरण भी प्राप्त कर आवश्यक कार्रवाई किए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं।

निजामुद्दीन के मरकज की घटना पर केजरीवाल ने जतायी नाराजगी

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निजामुद्दीन के मरकज में लाॅकडाउन के बावजूद बड़ी संख्या में लोगों के जुटने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि अगर हम गैर जिम्मेदाराना हरकत करेंगे तो बहुत दिक्कतें होंगी।

श्री केजरीवाल ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि मरकज से 1548 लोगों को निकाला गया है जिसमें 441 में कोरोना वायरस के लक्षण नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि 1107 लोग क्वारन्टीन में हैं। उन्होंने कहा कि मरकज मामले में लापरवाही बरतने वाले अफसरों को बख्शा नहीं जायेगा।

उन्होंने कहा कि दिल्ली के 97 मामलों में 24 मरकज से हैं। कुल मामलों में 41 विदेशों से आए हुए हैं और 26 इनके रिश्तेदारों से जुडे हैं। श्री केजरीवाल ने कहा कि मरकज की घटना जिंदगी से खिलवाड़ हैं। मरकज में 12 मार्च को भी विदेश से लोग आए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में स्थिति नियंत्रण में है और सामुदायिक ट्रांसमिशन नहीं है। सभी से सहयोग की अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ये ऐसी बीमारी की जिससे बड़े बड़े देश पस्त हो गए हैं। ऐसी स्थिति में भी अगर हम गैर जिम्मेदाराना हरकत करेंगे तो बहुत दिक्कत होगी। उन्होंने कहा कि नवरात्र चल रहे हैं मंदिर खाली हैं। गुरुद्वारे, मक्का और वेटिकन सिटी सब सूने हैं। उन्होंने कहा कि अभी चार लाख लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है और जल्दी ही दस से बारह लाख लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की जायेगी। इसके लिये 2700 स्थानों पर खाने की व्यवस्था की जा रही है।

मरकज़ की तरफ से नहीं हुई कोई लापरवाही : युसूफ

निजामुद्दीन मरकज से कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ संक्रमण मामले सामने आने में बाद वहां के प्रबंधन ने साफ किया है सब कुछ अचानक होने की वजह से लोग यहां फंसे रह गए फिर उनकी तरफ से कोई लापरवाही नहीं बरती गई है।

मरकज़ प्रबंधकों में से एक मौलाना यूसुफ सलोनी ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि तब्लीगी जमात का यह मरकज़ पूरे दुनिया का मुख्यालय है और पिछले एक सौ साल से इस्लाम की शिक्षा आम लोगों तक पहुंचाने का काम करता रहा है। यहां आने वालों का कार्यक्रम एक साल पहले तय होता है और जो लोग भी यहां आते हैं वे मात्र तीन से पांच दिन यहां रुकते हैं। उसके बाद विभिन्न इलाकों में इस्लाम की शिक्षा देने के काम में लग जाते हैं।

मौलाना सलोनी ने कहा कि जब ‘जनता कर्फ्यू’ का एलान हुआ, उस वक्त बहुत सारे लोग मरकज में थे। उसी दिन मरकज को बंद कर दिया गया। बाहर से किसी को नहीं आने दिया गया और जो लोग यहां रह रहे थे, उन्हें घर भेजने का इंतजाम किया जाने लगा। इक्कीस मार्च से ही रेल सेवाएं बन्द होने लगीं, इसलिए बाहर के लोगों को भेजना मुश्किल हो गया था। इसके बावजूद दिल्ली और आसपास के करीब 1500 लोगों को घर भेजा गया लेकिन करीब 1000 लोग मरकज में बच गए थे।

तब्लीगी मर्कज में लोगों का इकठ्ठा होना निन्दनीय: उर्दू परिषद

उर्दू परिषद ने तब्लीग़ी मर्कज़ बस्ती हज़रत निज़ामुद्दीन में हज़ारों व्यक्तियों की भीड़ होने तथा इनमें से कई लोगों में कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ संक्रमण की पॉज़िटिव रिपोर्ट पाये जाने पर अफ़सोस जताया है और कहा है कि इस तरह लोगों का इकट्ठा होना निंदनीय है।

परिषद के निदेशक डाॅ. शेख़ अक़ील अहमद ने कहा है कि मौजूदा विषम परिस्थिति में किसी भी तरह की लापरवाही से बचना चाहिए और भीड़ से सख़्ती से परहेज़ करना चाहिए। उन्होंने तब्लीग़ी जमात के ज़िम्मेदारों की निंदा करते हुए कहा कि जब दिसंबर के महीने से ही कोरोना वायरस संक्रमण के फैलने की ख़बरें चल रही हैं और दुनिया भर के देशों में एहतियाती क़दम उठाए जा रहे हैं तो ऐसे में जमात के ज़िम्मेदारों को इजतिमा करने और दुनिया के विभिन्न देशों से लोगों को यहां बुलाये जाने की क्या मजबूरी की थी? उनकी वजह से अब हज़ारों लोगों की जान ख़तरे में पड़ गयी है।

देवबंद में 12 इंडोनेशियाई नागरिक क्वारंटाइन में भेजे गये

उत्तर प्रदेश में सहारनपुर के देवबंद में पिछले 17 दिनों से छिपे इंडोनेशिया के 12 नागरिकों को पुलिस प्रशासन ने मंगलवार शाम एक मेडिकल कालेज से ढूढ़ निकाला और सभी को क्वारंटाइन कर दिया।

मंडलायुक्त संजय कुमार ने बताया कि पिछली 14 मार्च से देवबंद के जामिया तिब्बिया मेडिकल कालेज में चुपचाप छिपे इडोनेशिया के 12 लोगो को पुलिस ने ढूढ़ निकाला और आईआईटी के रूडकी कैम्पस में क्वारंटाइन कर दिया।

राजस्थान के बाड़मेर में तबलीग जमात की मरकज में शामिल हुए 12 लोग आइसोलेट

दिल्ली में तबलीग जमात के मरकज में शामिल हुए बाड़मेर जिले के 12 लोगों को चिन्हित करके आइसोलेट कर दिया गया है।

पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने मंगलवार को बताया कि दिल्ली में तबलीग जमात की मरकज में बाड़मेर जिले के विभिन क्षेत्रों से 12 लोग शामिल हुए थे। इनकी समस्त जानकारी जुटाकर इन्हें चिन्हित किया गया और सभी 12 लोगों को शिव उप खण्ड मुख्यालय पर आइसोलेशनत सेंटर भेज दिया गया है।

उज्जैन के भी 3

दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन के मरकज तब्लीगी जमात मैं उज्जैन के भी 3 लोग थे जो महिदपुर के निवासी हैं,,मध्यप्रदेश के 107 लोग थे।

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