नयी दिल्ली 16 सितंबर ।पुुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को कोरोना वैक्सीन का भारत में मानव परीक्षण दोबारा शुरु करने के लिए भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने बुधवार को अनुमति दे दी।
ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा मिलकर विकसित की जा रही कोरोना वैक्सीन के लिए सीरम इंस्टीट्यूट भारत में दूसरे और तीसरे चरण का मानव परीक्षण कर रही है। ब्रिटेन में इस वैक्सीन के लिए जारी परीक्षण के दौरान एक वालंटियर की रीढ़ की हड्डी संबंधी समस्या सामने आने के बाद छह सितंबर को एस्ट्राजेनेका ने सभी साइट पर परीक्षण रोक दिया था। भारत में हालांकि एसआईआई ने फिर भी परीक्षण जारी रखा और बाद में डीसीजीआई के निर्देश पर 10 सितंबर को परीक्षण रोका।
डीसीजीआई ने परीक्षण दोबारा शुरु करने की अनुमति देते हुए एसआईआई से परीक्षण के दौरान अत्यधिक सावधानी बरतने का निर्देश दिया है और कहा है कि वह वालंटियर के स्वीकृति फार्म में अतिरिक्त जानकारी मुहैया कराये और परीक्षण के दौरान तथा बाद में आने वाली समस्याओं पर पैनी निगरानी करे। एसआईआई को साथ ही डीसीजीआई के कार्यालय में परीक्षण के दौरान दी जाने वाली वैक्सीन तथा दवाओं के संबंध में पूरी जानकारी देनी है।
रूस से कोरोना वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक खरीदेगी डॉ रेड्डीज
इधर हैदराबाद स्थित दवा कंपनी डॉ रेड्डीज लैबोरेट्रीज लिमिटेड ने बुधवार को इस बात की पुष्टि की कि वह रूस द्वारा विकसित कोरोना वैक्सीन ‘स्पूतनिक वी’ के 10 करोड़ डोज खरीद रही है और वह भारत में इस वैक्सीन का तीसरे चरण का मानव परीक्षण करेगी।
डॉ रेड्डीज के सह अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक जी वी प्रसाद ने आरडीआईएफ के साथ समझौते पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए आज कहा ,“ स्पूतनिक वी का पहला और दूसरे चरण का मानव परीक्षण सफल साबित हुआ है और हम भारत में इसका तीसरे चरण का मानव परीक्षण करेंगे ताकि यह भारतीय नियामक के मानकों पर खरा उतरे। स्पूतनिक वी भारत में कोरोना के खिलाफ जंग में एक भरोसेमंद विकल्प बन सकता है।”
डॉ रेड्डीज ने बताया कि रूस के डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) और उनकी कंपनी ने भारत में रूस की कोरोना वैक्सीन (स्पूतनिक वी) के चिकित्सकीय परीक्षण और 10 करोड़ डोज की आपूर्ति के लिए समझौता किया है।
रूस की संवाद समिति स्पूतनिक से मिली जानकारी के मुताबिक आरडीआईएफ ने कहा है कि कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति इस साल के अंत तक शुरु हो जायेगी। आरडीआईएफ स्पूतनिक वी वैक्सीन को विकसित करने वालों में से एक है।
आरडीआईएफ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी किरिल दमित्रियेव ने कहा ,“ रूस में डॉ रेड्डी की उपस्थिति 25 साल से भी अधिक समय से है और यह भारत के अग्रणी दवा निर्माण कंपनियों में से एक है। भारत कोरोना संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित देशों में शामिल है और हमारा मानना है कि स्पूतनिक वी वैक्सीन कोरोना के खिलाफ जंग में भारत के एक सुरक्षित और वैज्ञानिक रूप से मान्य विकल्प साबित होगी।”