नईदिल्ली 13 जून। आजकल दाती महाराज उर्फ मदनलाल काफी सुर्खियों में छाए हुए हैं जिसका कारण अपने शिष्य से सामूहिक दुष्कर्म का मामला है ।
जानते हैं कौन हैं दाती महाराज:-
दाती महाराज का इतिहास
दाती महाराज ने कुछ सालों के अंदर ही चाय की दुकान से लेकर अलीशान आश्रम तक का सफर किया।
दाती महाराज उर्फ मदनलाल का जन्म 10 जुलाई 1950 को राजस्थान के पाली जिले में अलवास गांव के गरीब परिवार में हुआ था।
जन्म के कुछ समय बाद ही उनके माता-पिता का देहांत हो गया बाद में काम की तलाश में वह राजस्थान से दिल्ली पहुंचे दिल्ली के फतेह बेरी में मदनलाल पंडित नाम से चाय की दुकान चलाने लगा फिर उसने एक पटरी बल्ली शटरिंग की दुकान खोली, फिर ईट बालू और सीमेंट की दुकान खोली. उसके बाद उसने फतेहपुर में ही एक टेंट की दुकान खोली.
जमीन पर किया कब्जा
धीरे-धीरे वह ज्योतिष का काम भी सीखने लगा था उसने सारे काम छोड़ बाबा का चोला पहनकर फतेहपुर बेरी गांव में अपना ज्योतिष केंद्र खोल लिया और अपना नाम बदलकर दाती महाराज रख लिया, फिर इसी जमीन पर उसने शनिधाम मंदिर भी बना लिया कुछ साल में ही आसपास की जमीन पर कब्जा करके आश्रम और ट्रस्ट भी बना लिया.
कई बड़े नेता आते थे आश्रम में
दाती महाराज ने अपने आश्रम के बाहर बैनर में कई राज्यों के मुख्यमंत्री तथा केंद्रीय मंत्रियों के साथ अपनी तस्वीरें लगा रखी थी. जिनमें विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता भी शामिल थे साथ ही अब तक छतरपुर स्थित आश्रम पर शनि अमावस्या समारोह के दौरान बड़े नेता आश्रम में भी आते थे.
TV पर भी आता था उनका प्रोग्राम
दाती महाराज के विज्ञापन कई TV चैनल पर भी आते थे राशिफल के साथ ही पूजा के बारे में ज्ञान देते थे उनके आश्रमों में वरिष्ठ लोगों के तथा पुलिस अधिकारियों के परिजनों का भी आना जाना था।attacknews.in