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कांग्रेस पार्टी की उम्मीद प्रियंका गांधी वाड्रा अध्यक्ष बनकर नेतृत्व संभालें, कार्यसमिति की बैठक 10 अगस्त को attacknews.in

नयी दिल्ली, चार अगस्त । राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद से बनी असमंजस की स्थिति और नेतृत्व के संकट को खत्म करने की कोशिश करते हए कांग्रेस ने आगामी 10 अगस्त को पार्टी की कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक बुलाई है। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने यह जानकारी दी वहीीँ  प्रियंका गांधी वाड्रा को कांग्रेस की कमान सौंपे जाने की उठती मांग के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह ने कहा है कि प्रियंका पार्टी प्रमुख के रूप में सबको ‘एकजुट करने वाली ताकत’ होंगी और इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार होगा।


सिंह ने यह भी कहा कि नेतृत्व मुद्दे पर निर्णय न होने से कांग्रेस को ‘‘निश्चित रूप से नुकसान पहुंचा है।’’ उन्होंने आगाह किया कि आगे और ‘‘नेतृत्वविहीन’’ रहना पार्टी के लिए ‘‘गंभीर रूप से हानिकारक’’ होगा। 

कांग्रेस नेता ने  एक  साक्षात्कार में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर द्वारा हाल में व्यक्त किए गए इस विचार से सहमति जताई कि किसी युवा नेता को पार्टी अध्यक्ष बनाना अधिक उपयुक्त होगा।

पार्टी में ‘‘अनिर्णय की स्थिति’’ से ‘‘चकित’’ सिंह ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) में कुछ अत्यंत वरिष्ठ लोग हैं और उन्हें पहले ही एक साथ आगे आना चाहिए था तथा राहुल गांधी के इस्तीफे से उत्पन्न स्थिति को लेकर कुछ करना चाहिए था।

गांधी परिवार के करीबी सहयोगी एवं 50 साल से अधिक समय से कांग्रेस से जुड़े सिंह ने कहा, ‘‘कोई भी पार्टी को नेतृत्वविहीन नहीं छोड़ सकता।’’ 

इस बीच, पार्टी ने रविवार को घोषणा की कि 10 अगस्त को सीडब्ल्यूसी की बैठक होगी। पार्टी ने पूर्व में कहा था कि सीडब्ल्यूसी की बैठक अगले बुधवार को समाप्त हो रहे संसद सत्र के बाद होगी।

प्रियंका गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की पार्टी के भीतर उठती मांग के बारे में पूछे जाने पर कर्ण सिंह ने कहा कि यह प्रियंका का फैसला होगा और यदि वह जिम्मेदारी उठाने को सहमत होती हैं तो वह इसका स्वागत करेंगे।

पार्टी के 88 वर्षीय नेता ने कहा कि निर्णय उन्हें (प्रियंका) लेना है और पार्टी अध्यक्ष का पद संभालने के लिए उन्हें बाध्य नहीं किया जा सकता।

यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए प्रियंका गांधी उपयुक्त उम्मीदवार होंगी, सिंह ने कहा, ‘‘स्थिति को देखते हुए और यह विचार करते हुए कि वह इस परिवार से संबंध रखती हैं, वह संभवत: सबको एकजुट करने वाली ताकत होंगी।’’ 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में प्रियंका गांधी किस तरह काम करती हैं, यह देखना होगा।

सिंह ने कहा, ‘‘वह अत्यंत बुद्धिमान युवा महिला हैं। सोनभद्र मामले में उन्होंने अच्छा काम किया जब वह (नरसंहार के पीड़ितों से मिलने) वहां गईं। वह अच्छा बोलती हैं, उनका व्यक्तित्व अच्छा है। उनके हाव-भाव से आत्मविश्वास झलकता है। इसलिए हां, यदि वह सहमत होती हैं (कांग्रेस अध्यक्ष बनने के लिए), तो क्यों नहीं।’’ 

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रियंका गांधी निश्चित तौर पर पार्टी के भीतर लोगों का उत्साह बढ़ाने में सफल होंगी और वह कांग्रेस प्रमुख के रूप में पार्टी की एक पूंजी होंगी।

सिंह ने यह भी कहा कि नया अध्यक्ष लाने की प्रक्रिया पूरी तरह पार्टी के संविधान के अनुरूप होनी चाहिए।

उनकी टिप्पणियां काफी मायने रखती हैं क्योंकि उन्होंने अपना मत ऐसे समय रखा है जब अमरिंदर सिंह और थरूर दोनों कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में प्रियंका को उपयुक्त उम्मीदवार बता चुके हैं।

पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी किसी युवा को सौंपे जाने की अमरिंदर और थरूर की टिप्पणियों के बारे में सिंह ने कहा कि देश में एक पीढ़ीगत बदलाव हुआ है और किसी को भी इसी के अनुरूप सामंजस्य करना चाहिए तथा इसी के अनुरूप चीजों को स्वीकार करना चाहिए।

जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल ने कहा, ‘‘इसलिए, प्रथम दृष्टया, यदि हमें कोई युवा नेता मिल सकता है तो यह एक अच्छा विचार होगा। पीढ़ीगत बदलाव होना चाहिए। राहुल (पार्टी प्रमुख के रूप में) स्वयं एक पीढ़ीगत बदलाव थे।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘सभी पदों, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पदों तथा अन्य जगह युवा नेता लाए जाने चाहिए। मैं (पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए) किसी युवा नेता का समर्थन करूंगा।’’ 



सिंह ने कहा, ‘‘यदि प्रियंका सहमत होती हैं तो उन्हें चुनिए, यदि वह सहमत नहीं होतीं तो किसी अन्य को चुनिए।’’



उन्होंने कहा कि आगे और नेतृत्वविहीनता पार्टी के लिए गंभीर रूप से हानिकारक होगी।

कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में विंलब के बारे में सिंह ने कहा कि ‘‘निश्चित तौर पर कांग्रेस को नुकसान पहुंचा है’’ क्योंकि इसके जैसा विशाल संगठन नेतृत्वविहीन नहीं रह सकता।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं बयान दे चुका हूं कि कांग्रेस के संविधान में यह स्पष्ट रूप से दर्ज है कि यदि कोई इस तरह का संकट पैदा होता है तो सबसे वरिष्ठ महासचिव को कांग्रेस अध्यक्ष के रोजमर्रा के कार्यों की जिम्मेदारी निभानी चाहिए और अखिल भारतीय कांग्रेस समिति द्वारा नया अध्यक्ष चुने जाने तक कार्य समिति को कोई अंतरिम अध्यक्ष बनाना चाहिए।’’ 

सिंह ने कहा कि किसी वजह से यह प्रक्रिया होती दिखाई नहीं देती, परिणामस्वरूप दो महीने गुजर चुके हैं और कांग्रेस नेतृत्व के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘कांग्रेस में हमारे पास उत्कृष्ट लोग हैं…लेकिन वे एकजुट होकर अपना कार्य करते प्रतीत नहीं होते जो मेरे हिसाब से दुर्भाग्यपूर्ण है।’’ 

सिंह ने कहा कि राहुल गांधी के तीन जुलाई के पत्र में यह बिलकुल स्पष्ट था कि वह पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘कुल मिलाकर वह (राहुल) बहुत ही अच्छे युवा व्यक्ति हैं। यदि परिस्थितिवश उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया तो यह उनका फैसला है और हमें उस निर्णय का सम्मान करना चाहिए।’’ 

सिंह ने कहा, ‘‘हमने इस्तीफा वापस लेने के लिए उन्हें मनाने में एक महीना गंवा दिया और मैं नहीं मानता कि यह जरूरी था क्योंकि वह (राहुल) कोई अस्थिर व्यक्ति नहीं हैं कि आज फैसला करेंगे और कल इसे वापस ले लेंगे।’’ 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग भाजपा में शामिल हो रहे हैं और इनमें से कई पाला बदलने के लिए बहाने के रूप में नेतृत्व के मुद्दे का इस्तेमाल कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद राहुल गांधी ने 25 मई को पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि सीडब्ल्यूसी ने अब तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है


कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक 10 अगस्त को होगी-



राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद से बनी असमंजस की स्थिति और नेतृत्व के संकट को खत्म करने की कोशिश करते हए कांग्रेस ने आगामी 10 अगस्त को पार्टी की कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक बुलाई है। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने यह जानकारी दी ।

वेणुगोपाल ने ट्वीट किया, ‘यह निर्णय हुआ है कि कांग्रेस कार्य समिति की अगली बैठक 10 अगस्त को सुबह 11 बजे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में होगी।’ 

माना जा रहा है कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस के नए अध्यक्ष को लेकर कोई फैसला हो सकता है।

लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद गत 25 मई को हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में गांधी की ओर से इस्तीफे की पेशकश के बाद से सीडब्ल्यूसी की अगली बैठक और अगले अध्यक्ष को लेकर लगातार अटकलें लगाई जा रही थीं।

शशि थरूर और पार्टी के कई नेता यह खुलकर कह चुके हैं कि यह असमंजस की स्थिति खत्म होनी चाहिए और नए अध्यक्ष को लेकर जल्द फैसला होना चाहिए।

पार्टी के नए अध्यक्ष को लेकर मल्लिकार्जुन खड़गे, अशोक गहलोत, सुशील कुमार शिंदे सहित कई वरिष्ठ नेताओं के नामों की चर्चा भी हुई।

वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पहले पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी किसी युवा नेता को सौंपने की बात की और फिर महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नाम की पैरवी की।

वैसे, कांग्रेस के कई दूसरे नेता भी अध्यक्ष पद के लिए प्रियंका के नाम की पैरवी कर चुके हैं।

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद राहुल गांधी ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उस वक्त उनके इस्तीफे को अस्वीकार करते हुए सीडब्ल्यूसी ने उन्हें पार्टी में आमूलचूल बदलाव के लिए अधिकृत किया था, हालांकि गांधी अपने रुख पर अड़े रहे और स्पष्ट कर दिया कि न तो वह और न ही गांधी परिवार का कोई दूसरा सदस्य इस जिम्मेदारी को संभालेगा।

अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए गांधी ने यह भी कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष नहीं रहते हुए भी वह पार्टी के लिए सक्रिय रूप से काम करते रहेंगे। उनके समर्थन में बहुत सारे नेताओं ने भी इस्तीफा दे दिया था।

गांधी के इस्तीफे के बाद से अगले अध्यक्ष के चुनाव को लेकर पार्टी में लगातार असमंजस की स्थिति बनी हुई है। नए अध्यक्ष को चुनने के लिए कई दौर की बैठकें हुईं लेकिन किसी नाम पर सहमति नहीं बन पाई।

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