मुंबई, 14 अक्टूबर । बीसीसीआई के भावी अध्यक्ष सौरव गांगुली ने सोमवार को कहा कि उनके लिये यह कुछ अच्छा करने का सुनहरा मौका है क्योंकि वह ऐसे समय में बोर्ड की कमान संभालने जा रहे हैं जब उसकी छवि काफी खराब हुई है ।
गांगुली ने अध्यक्ष पद की होड़ में बृजेश पटेल को पछाड़ दिया है और अब इस पद के लिये अकेले उम्मीदवार हैं ।
आज अपराह्न उन्होंने कहा था कि ,‘‘ आपको दोपहर तीन बजे तक इंतजार करना होगा ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ निश्चित तौर पर यह बहुत अच्छा अहसास है क्योंकि मैंने देश के लिये खेला है और कप्तान रहा हूं ।’’
गांगुली ने कहा ,‘‘ मैं ऐसे समय में कमान संभालने जा रहा हूं जब पिछले तीन साल से बोर्ड की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है । इसकी छवि बहुत खराब हुई है । मेरे लिये यह कुछ अच्छा करने का सुनहरा मौका है ।’’
उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों की देखभाल होगी ।
गांगुली का इरादा भारतीय क्रिकेट के सभी पक्षों से मिलने का और वे सारे काम करने का है जो पिछले 33 महीने में प्रशासकों की समिति नहीं कर सकी ।
उन्होंने कहा ,‘‘ पहले मैं सभी से बात करूंगा और फिर फैसला लूंगा । मेरी प्राथमिकता प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों की देखभाल करना होगा । मैं तीन साल से सीओए से भी यही कहता आया हूं लेकिन उन्होंने नहीं सुनी । सबसे पहले मैं प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों की आर्थिक स्थिति दुरूस्त करूंगा ।’’
‘कूलिंग आफ’ अवधि के कारण उन्हें जुलाई में पद छोड़ना होगा ।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 18000 से अधिक रन बना चुके पूर्व कप्तान ने कहा कि निर्विरोध चुना जाना ही बहुत बड़ी जिम्मेदारी है ।
उन्होंने कहा ,‘‘ यह विश्व क्रिकेट का सबसे बड़ा संगठन है और जिम्मेदारी तो है ही, चाहे आप निर्विरोध चुने गए हों या नहीं । भारत क्रिकेट की महाशक्ति है तो यह चुनौती भी बड़ी होगी ।’’
यह पूछने पर कि कार्यकाल सिर्फ नौ महीने का होने का क्या उन्हें अफसोस है , उन्होंने कहा ,‘‘ हां, यही नियम है और हमें इसका पालन करना है ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ जब मैं आया तो मुझे पता नहीं था कि मैं अध्यक्ष बनूंगा । पत्रकारों ने मुझसे पूछा तो मैने बृजेश का नाम लिया । मुझे बाद में पता चला कि हालात बदल गए हैं । मैने कभी बीसीसीआई चुनाव नहीं लड़ा तो मुझे नहीं पता कि बोर्ड रूम राजनीति क्या होती है ।’’
गांगुली ने शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी । यह पूछने पर कि पश्चिम बंगाल में चुनाव में क्या वह भाजपा के लिए प्रचार करेंगे, उन्होंने ना में जवाब दिया ।
उन्होंने कहा ,‘‘ ऐसा कुछ नहीं है । मुझसे किसी ने कुछ नहीं कहा ।’’
बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया का जिक्र आने पर भावुक हुए गांगुली ने कहा ,‘‘ मैने कभी सोचा नहीं था कि इस पद पर मैं भी काबिज होऊंगा । वह मेरे लिये पितातुल्य थे । बीसीसीआई के कई बेहतरीन अध्यक्ष हुए हैं , श्रीनिवासन , अनुराग जिन्होंने अच्छा काम किया ।’’
यह कप्तानी से अलग होगा , यह पूछने पर गांगुली ने कहा ,‘‘ भारतीय टीम का कप्तान होने से बढ़ कर कुछ नहीं ।’
और सायंकाल यह खबर थी कि,सौरव गांगुली बने नये बाॅस-
सौरव गांगुली ने अपराह्न इंतजार करने को कहा था और सायंकाल यह खबर थी कि,भारतीय क्रिकेट के महाराजा कहे जाने वाले बंगाल टाइगर सौरभ गांगुली भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के नए अध्यक्ष बनेंगे। गांगुली के नाम की आधिकारिक रूप से घोषणा 23 अक्टूबर को क्रिकेट बोर्ड के चुनावों के दिन कर दी जायेगी।
गांगुली ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष पद के लिए सोमवार को नामांकन दाखिल किया और इस प्रतिष्ठित पद के लिए उनका निर्विरोध चुना जाना तय है क्योंकि गांगुली के खिलाफ अध्यक्ष पद के लिए कोई और नामांकन नहीं है। बोर्ड चुनावों के लिए नामांकन भरने की आज आखिरी तारीख थी।
बीसीसीआई चुनाव 23 अक्तूबर को होंगे। गांगुली ने आईपीएल के पूर्व कमिश्नर राजीव शुक्ला के साथ यहां नामांकन दाखिल किया। गांगुली ने 400 से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और वह पांच वर्षों तक भारत के कप्तान भी रहे। मौजूदा समय में वह बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष हैं और इस पद पर वह लगातार दो बार चुने जा चुके हैं।
47 वर्षीय गांगुली ने नामांकन दाखिल करने के बाद संवाददातों से कहा कि पिछले तीन वर्षों में बीसीसीआई में जो खराब हालात थे उन्हें सुधारना और प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों की स्थिति को बेहतर करना उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता होगी।
उन्होंने कहा, “यह हमारा दायित्व है कि सभी तरह की चीजें सही तरीके से हों। मेरे लिए हालांकि प्राथमिकता प्रथम श्रेणी क्रिकेट खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया करना होगी। साथ ही कोशिश होगी कि सभी चीजें अपनी जगह पर रहें।”
पूर्व भारतीय कप्तान ने साथ ही कहा कि निश्चित तौर पर यह बहुत अच्छा अहसास है, क्योंकि वह देश के लिए खेले और कप्तान भी रहे।
अध्यक्ष पद की दौड़ में बृजेश पटेल को पछाड़ने के बाद अब दादा इस पद के अकेले उम्मीदवार रह गए हैं। हालांकि बीसीसीआई नियमों के अनुसार अनिवार्य कूलिंग ऑफ अवधि के कारण उन्हें जुलाई 2020 में पद छोड़ना होगा।
गांगुली के पास अध्यक्ष पद पर ज्यादा समय नहीं रहेगा। बीसीसीआई के नए संविधान के अनुसार किसी पदाधिकारी को तीन साल की कूलिंग ऑफ अवधि में जाना पड़ेगा यदि उसने किसी राज्य संघ या बीसीसीआई स्तर पर लगातार छह वर्ष पूरे कर लिए हों।
गांगुली बंगाल क्रिकेट संघ के पदाधिकारी हैं जहां वह हाल ही में अध्यक्ष चुने गए थे। उनके पास कूलिंग ऑफ अवधि आने तक 10 महीने बाकी हैं।