क्राइस्टचर्च, 02 मार्च । शर्मनाक… दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम भारत को मात्र ढाई दिन के अंदर न्यूजीलैंड के हाथों दूसरे क्रिकेट टेस्ट में सोमवार को सात विकेट की शिकस्त का सामना करना पड़ा और इसके साथ ही भारत का दो टेस्टों की सीरीज में 0-2 से सफाया हो गया।
भारत ने पहला टेस्ट 10 विकेट से गंवाया था जबकि दूसरे टेस्ट में उसे सात विकेट से हार मिली। पहला टेस्ट सवा तीन दिन में समाप्त हुआ था और दूसरा टेस्ट ढाई दिन में ही निपट गया। भारत ने तीसरे दिन सुबह छह विकेट पर 90 रन से आगे खेलना शुरू किया और उसकी दूसरी पारी 124 रन पर समाप्त हो गयी। भारत को पहली पारी में सात रन की बढ़त हासिल थी। न्यूजीलैंड को जीत के लिए 132 रन का लक्ष्य मिला जो उसने 36 ओवर में तीन विकेट पर 132 रन बनाकर हासिल कर लिया।
न्यूजीलैंड को इस जीत से 60 अंक और सीरीज में कुल 120 अंक हासिल हुए। न्यूजीलैंड के सात मैचों से 180 अंक हो गए हैं और वह आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप तालिका में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है जबकि भारत इस हार के बावजूद 360 अंकों के साथ शीर्ष पर बना हुआ है।
इस हार के साथ भारत का न्यूजीलैंड दौरा निराशाजनक ढंग से समाप्त हो गया। भारत ने इस दौरे में टी-20 सीरीज 5-0 से जीती लेकिन इसके बाद वनडे सीरीज 0-3 से और टेस्ट सीरीज 0-2 से गंवा दी। भारत ने टेस्ट चैंपियनशिप में लगातार सात टेस्ट जीतने के बाद लगातार दो टेस्ट गंवाए।
भारत की टेस्ट सीरीज में हार इसलिए ज्यादा निराशाजनक रही क्योंकि भारतीय बल्लेबाजों ने किसी भी पारी में संघर्ष करने का जज्बा नहीं दिखाया। खुद कप्तान विराट कोहली सुपर फ्लॉप रहे। इस सीरीज ने एक बार फिर हरियाली पिचों पर भारतीय बल्लेबाजों की पोल खोल दी।
बीसीसीआई ने दूसरा टेस्ट शुरू होने से पहले पिच सहित पूरा मैदान हरा-भरा देखकर पूछा था कि पिच कहां है और भारतीय बल्लेबाज दूसरे टेस्ट में पिच ढूंढते ही रह गए।
भारत की वनडे और टेस्ट सीरीज में पराजय ने 2002-03 के दौरे की याद दिला दी। उस समय टी-20 मुकाबले नहीं हुआ करते थे। भारत को दो टेस्टों की सीरीज में 0-2 से और सात मैचों की वनडे सीरीज में 2-5 से हार का सामना करना पड़ा था। उस समय भारतीय टीम में तमाम दिग्गज बल्लेबाज मौजूद थे और इस बार टीम का नेतृत्व दुनिया के नंबर एक बल्लेबाज विराट कोहली के हाथों में था। बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष सौरभ गांगुली तब भारतीय टीम के कप्तान थे।
भारत ने 2002-03 की टेस्ट सीरीज में खौफनाक बल्लेबाजी प्रदर्शन किया था और इस बार भी वही हाल रहा। भारतीय बल्लेबाजों ने पहले टेस्ट में मिली 10 विकेट की हार से कोई सबक नहीं लिया और दूसरे टेस्ट में भी वही गलतियां दोहराईं जो उन्होंने पहले टेस्ट में की थीं।
भारत ने सुबह जब अपनी पारी आगे बढ़ायी तो उम्मीद थी कि बाकी बचे बल्लेबाज टीम को संघर्ष करने लायक बढ़त दिलाएंगे लेकिन जो काम शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों ने किया था वही काम निचले क्रम के बल्लेबाजों ने किया। हनुमा विहारी ने पांच और ऋषभ पंत ने एक रन से अपनी पारी को आगे बढ़ाया।
भारत को सातवां झटका जल्द ही लग गया। हनुमा अपने स्कोर में चार रन का इजाफा कर टिम साउदी का शिकार बन गए। हनुमा ने 18 गेंदों में दो चौकों की मदद से नौ रन बनाये। भारत का सातवां विकेट 97 के स्कोर पर गिर गया। पंत भी कुछ ख़ास नहीं कर सके और टीम के 97 के स्कोर पर पवेलियन लौट गए। पंत को ट्रेंट बोल्ट ने विकेटकीपर बीजे वाटलिंग के हाथों कैच करा दिया। पंत ने 14 गेंदों में चार रन बनाये।
मोहम्मद शमी 11 गेंदों में पांच रन बनाकर साउदी का अगला शिकार बन गए। भारत का नौंवां विकेट 108 के स्कोर पर गिरा। रवींद्र जडेजा ने 22 गेंदों में एक चौके और एक छक्के की मदद से नाबाद 16 रन बनाये। जसप्रीत बुमराह चार रन बनाकर रन आउट हो गए और भारतीय पारी 124 रन पर समाप्त हो गयी।
साउदी ने 11 ओवर में 36 रन पर तीन विकेट और ट्रेंट बोल्ट ने 14 ओवर में 28 रन देकर चार विकेट झटके। कॉलिन डी ग्रैंडहोम और नील वेगनर ने एक-एक विकेट लिया।
न्यूजीलैंड को 132 रन का लक्ष्य मिला जो टॉम लाथम और टॉम ब्लंडेल ने पहले विकेट के लिए 103 रन की शतकीय साझेदारी निभाकर आसान बना दिया। लाथम ने 74 गेंदों में 10 चौकों की मदद से 52 रन बनाये जबकि ब्लंडेल ने 113 गेंदों में आठ चौकों और एक छक्के के सहारे 55 रन बनाये।
मेजबान टीम ने शतकीय ओपनिंग साझेदारी के बाद 18 रन के अंतराल में तीन विकेट गंवाए लेकिन लक्ष्य इतना छोटा था कि न्यूजीलैंड को अपनी मंजिल तक पहुंचने में कोई परेशानी नहीं हुई। उमेश यादव ने लाथम को पंत के हाथों कैच करा दिया। जसप्रीत बुमराह ने न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन (5) को आउट करने के बाद ब्लंडेल को बोल्ड कर दिया। रॉस टेलर ने नाबाद पांच और हेनरी निकोल्स ने नाबाद पांच रन बनाकर न्यूजीलैंड को जीत की मंजिल पर पहुंचा दिया।
भारत की तरफ से बुमराह ने 39 रन पर दो विकेट और यादव ने 45 रन पर एक विकेट लिया। दूसरे टेस्ट में भारत की पहली पारी में पांच विकेट लेने वाले और 49 रन बनाने वाले काइल जैमिसन को प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला जबकि साउदी को सीरीज में उनकी शानदार गेंदबाजी के लिए प्लेयर ऑफ द सीरीज का पुरस्कार मिला