नयी दिल्ली, 24 अगस्त । कांग्रेस कार्य समिति ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को अगला अध्यक्ष चुने जाने तक पद पर बने रहने का निर्णय लिया है।
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार बैठक आज सुबह साढ़े ग्यारह बजे के बाद शुरु हुई जिसमें सबसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने श्रीमती गांधी से पद पर बने रहने का आग्रह किया। उसके बाद अन्य कई प्रमुख नेताओं ने डॉ. सिंह का समर्थन करते हुए श्रीमती गांधी से पद नहीं छोड़ने का अनुरोध किया।
सोनिया ने पद छोड़ने की पेशकश की, सीडब्ल्यूसी से नया अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया आरंभ करने को कहा:
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में पद छोड़ने की पेशकश की और कहा कि सीडब्ल्यूसी नया अध्यक्ष चुनने के लिए प्रक्रिया आरंभ करे।
सूत्रों के अनुसार, सीडब्ल्यूसी की बैठक आरंभ होने के बाद सोनिया ने कहा कि वह अंतरिम अध्यक्ष का पद छोड़ना चाहती हैं और उन्होंने संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल को विस्तृत जवाब भेजा है।
एक सूत्र ने कहा कि इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कुछ अन्य नेताओं ने उनसे आग्रह किया कि वह पद पर बनी रहें।
सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी ने गुलाम नबी आजाद और पत्र लिखने वाले कुछ नेताओं एवं उनकी ओर से उठाए गए मुद्दों का हवाला दिया।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे पर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं पर निशाना साधा और कहा कि जब पार्टी राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में विरोधी ताकतों से लड़ रही थी और सोनिया गांधी अस्वस्थ थीं तो उस समय ऐसा पत्र क्यों लिखा गया।
नेतृत्व के मुद्दे पर कांग्रेस के दो खेमों में नजर आने की स्थिति बनने के बीच पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई सीडब्ल्यूसी की बैठक वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हो रही है।
सीडब्ल्यूसी की बैठक से एक दिन पहले रविवार को पार्टी में उस वक्त नया सियासी तूफान आ गया जब पूर्णकालिक एवं जमीनी स्तर पर सक्रिय अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग को लेकर सोनिया गांधी को 23 वरिष्ठ नेताओं की ओर से पत्र लिखे जाने की जानकारी सामने आई।
हालांकि, इस पत्र की खबर सामने आने के साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ एवं युवा नेताओं ने सोनिया और राहुल गांधी के नेतृत्व में भरोसा जताया और इस बात पर जोर दिया कि गांधी परिवार ही पार्टी को एकजुट रख सकता है।
पत्र विवाद पर आजाद ने दी सफाई
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को नेतृत्व परिवर्तन के बारे में लिखे गये पत्र के बाद भारतीय जनता पार्टी के साथ साठ गांठ के आरोपों का सामना कर रहे कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने सफाई दी है कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन पर इस तरह का कभी कोई आरोप नहीं लगाया है।
श्री आजाद ने ट्वीट कर कहा , “ मीडिया का एक हिस्सा यह गलत खबर दे रहा है कि कार्य समिति की बैठक में मैने श्री राहुल गांधी को कहा कि वह साबित करें कि हमने भाजपा के साथ सांठगांठ करके पत्र लिखा। इस बारे में मुझे स्पष्ट करना है कि श्री राहुल गांधी ने न तो कार्य समिति की बैठक में और ना ही इससे बाहर कभी कहा है कि यह पत्र भाजपा के साथ मिलीभगत करके लिखा गया है।”
राहुल ने कुछ गलत नहीं बोला : सुरजेवाला
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को नेतृत्व परिवर्तन को लेकर लिखे पत्र पर मचे बवाल के बीच पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कार्य समिति की बैठक में पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के पत्र लिखने वाले नेताओं के लिए कड़े शब्दों के इस्तेमाल पर पार्टी संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि श्री गांधी ने किसी भी नेता के लिए गलत शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया है।
श्री सुरजेवाला ने ट्वीट किया “श्री राहुल गांधी ने किसी के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया। कृपया मीडिया में गलत और गुमराह करने वाली सूचना देने का काम नहीं करें। लेकिन इस वक्त हमें परस्पर लड़ने तथा एक दूसरे को आहत करने और कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने की बजाय मोदी सरकार की कुरीतियों के खिलाफ मिलकर लड़ना चाहिए।”
कांग्रेस प्रवक्ता का यह बयान पार्टी अध्यक्ष को पत्र लिखने वाले नेताओं में शामिल वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा कि वह श्री गांधी के भाजपा के साथ सांठगांठ करने के आरोप से बहुत आहत हैं।
कार्य समिति में मचे घमासान का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि इससे पहले श्री सुरजेवाला अक्सर बैठक के बीच की खबरें ह्वाटसअप कर मीडिया को भेजते थे लेकिन आज सुबह से हो रही बैठक के दौरान उन्होंने कोई सूचना बाहर नहीं दी है। उनकी खामोशी यही इशारा करती है कि बैठक में घमासान मचा रहा।
इस बीच खबरें हैं कि श्रीमती गांधी, राहुल गांधी तथा प्रियंका गांधी ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के प्रति बैठक में नाराजगी का इजहार किया है। उनका कहना था कि पत्र लिखने और उसे मीडिया में लीक करने का यह उचित समय नहीं है।