जयपुर 25 जुलाई । राजस्थान में विधानसभा सत्र बुलाने के मुद्दे पर राजनीति गरमा गई है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में शुक्रवार को राजभवन में दिये गये धरने के कारण राज्यपाल ने मंत्रिमंडल की बैठक में कुछ बिन्दुओं पर स्पष्टीकरण मिलनेपर विधानसभा कासत्र बुलाने का आश्वासन दिया था। इसके बाद देर रात तक मंत्रीमंडल की बैठक हुई जिसमें छह बिन्दुओं पर चर्चा कर प्रस्ताव तैयार किया गया है।
यह प्रस्ताव आज राज्यपाल को भेजा जायेगा। इस बीच कांग्रेस ने आज जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन का कार्यक्रम रखा गया ।
विधानसभा अध्यक्ष द्वारा व्हिप का उल्लंघन करने के मामले में 19 विधायको को दिये गये नोटिस पर अदालत की रोक के बाद इस मुद्दे पर 27 जुलाई को उच्चतम न्यायालय में सुनवाई होगी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अब खुलकर कांग्रेस को जबाव देने का फैसला किया है। भाजपा का मानना है कि कांग्रेस में अंदरूनी खींचतान का दोष भाजपा पर मढा जा रहा है जबकि कांग्रेस विधायक खरीद फरोख्त में शामिल केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत का नाम ले चुकी है। इसके अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीकी लोगों पर प्रवर्तन निदेशालय तथा केन्द्रीय जांच ब्यूरों सीबीआई की कार्यवाही की है।
कांग्रेस ने अपने विधायकों को एक पंच सितारा होटल में ठहरा रखा है जिस पर भी भाजपा ने एतराज जताया है।
इधर उपमुख्यमंत्री पद से निष्कासित कांग्रेस के 19 विधायकों ने भी बंधक बनाने से इनकार करते हुए पार्टी की अंदरूनी खींचतान को उजागर किया है। कांग्रेस बहुमत होने का दावा कर रही है जिस पर राज्यपाल का कहना है कि कांग्रेस के पास बहुमत हो तो फिर सत्र बुलाने की क्या जरूरत है। राज्यपाल ने जिन छह बिन्दुओं पर केबिनेट की राय जानने की बात कही थी उनमें सत्र बुलाने की तारीख, अल्पसूचना पर सत्र बुलाने का औचित्य, विधायकों की स्वतंत्रत आवागमन की सुनिश्चितता तथा कोरोना को देखते हुए सत्र बुलाने के जरूरी प्रबंधन के बिन्दू शामिल है।
जरूरत पड़ी तो राष्ट्रपति भवन तक जाएंगे: गहलोत
इसी बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि लोकतंत्र को बचाने की मौजूदा लड़ाई में अगर हमें राष्ट्रपति भवन या प्रधानमंत्री के घर के बाहर तक जाना पड़ा तो हम जाएंगे, हम इसमें चूकने वाले नहीं हैं।
गहलोत यहां विधायक दल की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने विधायकों से कहा,‘‘ आपकी ताकत है जिसकी बदौलत हम राजभवन तक पहुंचे हैं। ये लड़ाई किस स्तर की है, किस मकसद से है यह आप सबके सामने है। यह लड़ाई लोकतंत्र को बचाने की है।’’
गहलोत ने कहा,‘‘ कांग्रेस पार्टी का संदेश पूरे देश के लिए अहम मोड़ हो सकता है, वह लड़ाई हम लड़ रहे है। राजस्थान में आप लोग जिस मजबूती से लड़ाई लड़ रहे हैं हमें विश्वास है कि विजय आप सबके साथ में होगी।’’
गहलोत ने कहा,‘‘ आज होने वाली कैबिनेट की बैठक के बाद में सभी विधायकों से फीडबैक लेंगे कि प्रदेश की जनता क्या चाहती है। उस रूप में आगे की रणनीति का फैसला किया जाएगा। हमें चाहे कहीं जाना पड़े चाहे, राष्ट्रपति भवन तक जाना पड़े हम जाएंगे, प्रधानमंत्री के घर के बाहर जाना पड़े हम जाएंगे, हम चूकने वाले नहीं हैं।’’
कांग्रेस सभी राज्यों में राजभवनों का घेराव करेगी
कांग्रेस राजस्थान में राज्यपाल द्वारा विशेष सत्र नहीं बुलाने के विरोध में 27 जुलाई को जयपुर सहित सभी राज्यों के राजभवनों का घेराव करेगी।
कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने ट्वीट करके राजभवनों का घेराव करने की घोषणा की। वेणुगोपाल ने कहा है कि लोकतंत्र की हत्या के खिलाफ देश भर में राजभवनों का घेराव करेगी।
इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिह शेखावत पर विधायकों की खरीद फरोख्त में लिप्त होने के आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। श्री गहलोत ने कहा है कि उनकी सरकार चाहती है कि 31 जुलाई से सत्र बुलाया जाये।
उन्होंने चेतावनी दी है कि जरुरत पड़ने पर राष्ट्रपति के समक्ष भी यह मुद्दा उठाया जायेगा।
सत्र बुलाने को लेकर हो रही राजस्थान कैबिनट की बैठक खत्म हाे गयी है। मंत्रिमंडल ने विधानसभा सत्र बुलाने के लिये फिर से कैबिनेट में प्रस्ताव पारित कर दिया है। अब इसे राज्यपाल को भेजा जायेगा।
उधर व्हिप उल्लंघन के मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले से सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को राहत जरूरी मिली है, लेकिन यह मामला अब सोमवार को उच्चतम न्यायालय में भी सुना जायेगा। विधानसभाध्यक्ष डा़ सीपी जोशी ने इसे अदालत का हस्तक्षेप बताते हुए उच्चतम न्यायालय की शरण ली थी, जिस पर सोमवार को सुनवाई होगी।
इस बीच कांग्रेस ने विधानसभा सत्र नहीं बुलाने के मामले में भारतीय जनता पार्टी पर दखल देने का आराेप लगाते हुए राज्य के जिलों में धरना प्रदर्शन किये। जयपुर में धरने में वरिष्ठ कांग्रेस नेता केंद्र सरकार पर जमकर बरसे।
उधर कांग्रेस की दबाव की राजनीति के बीच भाजपा का प्रतिनिधिमंडल भी आज राज्यपाल से मिला तथा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर संवैधानिक संस्था को आतंकित करने का आरोप लगाया। प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेताओं ने कहा कि श्री गहलोत विश्वव्यापी महामारी से निपटने के लिये काम करने की बजाये अपनी पार्टी के असंतोष से उपजी समस्या को लेकर भाजपा पर आराेप लगा रहे हैं।
राजस्थान के जिला मुख्यालयों पर कांग्रस कार्यकर्ताओं ने दिया धरना
राजस्थान में केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा चुनी सरकार को गिराने के कुत्सित प्रयासों के विरोध में कांग्रेसजनों द्वारा प्रदेश के समस्त जिला मुख्यालयों पर धरना देकर विरोध-प्रदर्शन किया गया।
प्रदेश कांग्रेस द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार भारतीय जनता पार्टी द्वारा देशभर में लोकतंत्र की हत्या कर चुनी हुई सरकारों को गिराने का काम किया जा रहा है, इनके द्वारा मध्यप्रदेश तथा कर्नाटक में विधायकों की खरीद-फरोख्त करके आमजन द्वारा चुनी गई सरकारों को गिराकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनायी गयी है जो लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ तथा संविधान की भावना के विपरीत है।
गहलोत पर अराजकता फैलाने एवं संवैधानिक संस्था पर दबाव बनाने का आरोप
राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर राज्य अराजकता फैलाकर संवेधानिक संस्था पर दबाव बनाने का आरोप लगाया है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां एवं विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया के नेतृत्व में आज एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल कलराज मिश्र को दिये ज्ञापन में कहा कि राज्य में सत्ताधारी दल के आन्तरिक संघर्ष के कारण जो अराजकता की स्थिति बनी हुई है। गत दो दिनों से मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने जिस प्रकार की भाषा एवं गतिविधियो अपनें मंत्रियों एवं विधायकों के साथ की गई है उससे राज्य में कानून व्यवस्था खत्म होने की स्थिति बनी हुई है।