नई दिल्ली, 11 नवंबर ।जयपुर के एक रिजॉर्ट में एक साथ ठहराए गये महाराष्ट्र के 44 विधायकों से चर्चा के बाद कांग्रेस कार्यसमिति ने सोमवार को यहां बैठक कर राज्य में सरकार बनाने में शिवसेना को समर्थन देने या न करने पर फैसला लिया, सूत्रों से खबर है कि, कांग्रेस ने सरकार बनाने के लिए शिवसेना को समर्थन दे दिया है ।
पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने आवास पर अपनी पार्टी के शीर्ष नेताओं की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सूत्रों ने कहा कि राज्य में नए सिरे से चुनाव के पक्ष में विधायकों के नहीं होने के संकेतों के बीच यह फैसला लिया गया ।
अहमद पटेल सहित पार्टी के शीर्ष नेता के साथ महाराष्ट्र के कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण और पीसीसी चीफ बालासाहेब थोरात भी बैठक में शामिल हुए ।
सीडब्ल्यूसी कांग्रेस की सबसे ज्यादा निर्णय लेने वाली संस्था है।
महाराष्ट्र में सरकार गठन में कांग्रेस के भाग लेने की संभावना के बारे में चर्चा और विचार-विमर्श रविवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किए जाने के बाद रविवार को शुरू हो गया था । राज्यपाल ने शिवसेना को आमंत्रण का निर्णय भाजपा की घोषणा के बाद किया था कि वह राज्य में सरकार नहीं बनाएगी ।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा, कांग्रेस विधायकों ने रविवार को जयपुर में इस मुद्दे पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की और कहा कि वे राज्य में नए सिरे से चुनाव नहीं चाहते हैं ।
उन्होंने कहा, महाराष्ट्र के लिए प्रभारी एआईसीसी महासचिव मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी के सभी विधायकों के विचार सुने, पार्टी प्रमुख और सीडब्ल्यूसी को अपनी भावनाओं से अवगत कराया ।
भाजपा (105) के बाद सिर्फ 56 विधायकों के साथ 288 सदस्यीय सदन में शिवसेना दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। दोनों गठबंधन सहयोगियों के बीच गतिरोध को देखते हुए अपने 44 विधायकों और 54 विधायकों के साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ कांग्रेस की भूमिका अहम है। शिवसेना के पास दावा पेश करने के लिए सोमवार को शाम साढ़े सात बजे तक का समय दिया गया था ।
सूत्रों ने बताया कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात कर शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन करने वाले दोनों दलों की संभावना पर चर्चा कर सकते हैं।
खड़गे ने इससे पहले जयपुर में कहा था कि उनकी पार्टी ने राज्य में विपक्ष में बैठने के लिए जनता के जनादेश को ‘स्वीकार’ कर लिया है।
उन्होंने जोर देकर कहा था कि , अब यह पार्टी हाईकमान को फैसला लेना है, हमने इसे पार्टी के हाईकमान पर छोड़ दिया ।कुछ बयान में , कुछ शिवसेना को समर्थन देने की बात कर रहे हैं और कुछ इनकार कर रहे हैं लेकिन ऐसे बयानों में कोई तथ्य नहीं है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा था कि , कांग्रेस पार्टी का रुख यह है कि हमें जनता के जनादेश के साथ जाना है और कांग्रेस और एनसीपी को विपक्ष में बैठना होगा।
महाराष्ट्र में पवार के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा कि शिवसेना को अपना समर्थन मिलने पर चर्चा के लिए पहले भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से बाहर होना होगा।
महाराष्ट्र कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायक जयपुर के एक रिसोर्ट में ठहरे हैं।