मुंबई, 19 अप्रैल । कांग्रेस की पूर्व प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी शुक्रवार को शिवसेना में शामिल हो गईं। उन्होंने राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस पर हाल ही में उनसे दुर्व्यवहार करने वाले कार्यकर्ताओं को फिर से पार्टी में शामिल करने का आरोप लगाया था।
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए चतुर्वेदी ने कहा कि वह उनके साथ दुर्व्यवहार करने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं को फिर से पार्टी में शामिल करने को लेकर परेशान थीं जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी।
चतुर्वेदी ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘यह सच नहीं है कि लोकसभा टिकट ना दिए जाने के बाद मैंने कांग्रेस छोड़ी।’’
पार्टी में उनका स्वागत करते हुए ठाकरे ने कहा कि शिवसेना को चतुर्वेदी के रूप में एक ‘‘अच्छी बहन’’ मिल गई है।
चतुर्वेदी बृहस्पतिवार को सार्वजनिक रूप से पार्टी पर बरसीं और उन्होंने पार्टी पर उन लोगों के बजाय गुंडों को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया जिन्होंने कांग्रेस के लिए खून-पसीना बहाया।
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण एवं दुखद है कि जिन लोगों ने उन्हें धमकी दी उन्हें फटकार भी नहीं लगाई गई। तीन कार्यकर्ताओं को निलंबित करने वाली कांग्रेस ने 15 अप्रैल को उन्हें फिर से शामिल कर लिया।
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में चतुर्वेदी का स्वागत किया। ठाकरे ने कहा कि शिवसेना कार्यकर्ताओं को चतुर्वेदी के रूप में एक ‘‘अच्छी बहन’’ मिल गई है।
इससे पहले कांग्रेस की मीडिया सेल की संयोजक रहीं चतुर्वेदी ने उत्तर प्रदेश में कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं को पार्टी में वापस लिए जाने को लेकर नाराजगी जताई थी, जिन्होंने कुछ दिन पहले मथुरा में उनके संवाददाता सम्मेलन में उनसे ‘‘दुर्व्यवहार’’ किया था और उन्हें ‘‘धमकी’’ दी थी।
उन्होंने उपनगर बांद्रा में ठाकरे के आवास ‘मातोश्री’ में कहा कि उनके खिलाफ टिप्पणी करने वाले कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पार्टी ने फिर से शामिल कर लिया, जिससे वह दुखी थीं।
कांग्रेस का नाम लिए बगैर चतुर्वेदी ने कहा कि उन्होंने उस पार्टी को दस साल दिए जहां उन्हें लगा कि वह सोशल मीडिया पर ट्रोल होने के बावजूद महिलाओं के मुद्दों पर बोल सकती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘लगातार दुर्व्यवहार और ट्रोल होने के बावजूद मैं ‘बिंदास’ बोलते रही। मुझे दुख हुआ जब कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं ने मेरे बारे में टिप्पणियां कीं। निलंबित करने के बाद उन्हें फिर से पार्टी में शामिल कर लिया गया।’’
चतुर्वेदी ने कहा कि ‘व्यक्तिगत नुकसान’’ पर और औपचारिक रूप से राजनीति में आए बगैर 10 साल तक बोलने के बावजूद पार्टी ने उनके खिलाफ की गई टिप्पणियों को नजरअंदाज किया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं बहुत दुखी हुई। मुझे लगा कि अगर मैं अपने आत्मसम्मान के लिए नहीं लड़ सकती तो मैं अन्य महिलाओं को निराश करूंगी। काफी सोचने और महिलाओं के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझने के बाद मैं शिवसेना में शामिल हुई।’’
उन्होंने इस बात को खारिज कर दिया कि लोकसभा चुनाव के लिए टिकट ना दिए जाने के बाद उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दिया।
ठाकरे ने कहा, ‘‘पार्टियां चुनाव लड़ती रहती हैं। केवल लड़ना और जीतना ही जीवन नहीं है। पार्टी कार्यकर्ताओं का काम एक विचारधारा को स्वीकार करना और किसी उद्देश्य के लिये काम करना चाहिए।’’
यह पूछे जाने पर कि पार्टी में चतुर्वेदी को क्या पद दिया जाएगा, इस पर ठाकरे ने कहा, ‘‘मैं उन्हें उनकी क्षमताओं के अनुसार पद दूंगा और ऐसा पद दूंगा जिसमें वह शिवसेना के लिए फायदेमंद सााबित होंगी।’’
चतुर्वेदी ने कहा कि वह ना केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश में शिवसेना को मजबूत करने की ओर काम करेंगी।
यह पूछे जाने पर कि वह शिवसेना में क्यों शामिल हुई, भाजपा में क्यों नहीं, इस पर चतुर्वेदी ने कहा कि वह अपनी ‘‘कर्मभूमि’’ मुंबई से ताल्लुक रखती हैं इसलिए वह हमेशा शिवसेना से जुड़ी हुई महसूस करती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं लोगों की सेवा करने ना कि राजनीतिक पदों के लिए पार्टी में शामिल हुई। मैं अपनी जड़ों की ओर लौटना चाहती हूं। जब मैंने वापस आने के बारे में सोचा तो मुझे इससे बेहतर कोई संगठन नहीं मिला और इससे बेहतर कोई अन्य प्लेटफॉर्म नहीं मिला
मथुरा में कार्यकर्ताओं को लिखित में माफीनामा लेकर वापस लिया गया कांग्रेस में – सिंधिया
शिवपुरी ( मध्यप्रदेश) में कांग्रेस महासचिव एवं उत्तरप्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज कहा कि मथुरा में श्रीमती प्रियंका चतुर्वेदी के साथ दुर्व्यवहार के मामले में निकाले गए कार्यकर्ताओं को पार्टी प्रत्याशी की राय के आधार पर लिखित में माफीनामा लेकर वापस लिया गया है।
मध्यप्रदेश के गुना शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी श्री सिंधिया ने यहां पत्रकारों के सवालों के जवाब में यह जानकारी दी। पत्रकारों ने श्रीमती प्रियंका चतुर्वेदी द्वारा मथुरा मामले को लेकर पार्टी छोड़ने से जुड़े सवाल पूछे थे।
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