नयी दिल्ली, सात जून । पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में पहुंचने के बाद कांग्रेस ने आज कहा कि संघ मुख्यालय में ‘वरिष्ठ नेता और विचारक’ की तस्वीरें देखकर पार्टी के लाखों कायकर्ताओं और भारतीय गणराज्य के बहुलवाद, विविधता एवं बुनियादी मूल्यों में विश्वास करने वालों को दुख हुआ है।
पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘वरिष्ठ नेता और विचारक प्रणब मुखर्जी की आरएसएस मुख्यालय में तस्वीरों से कांग्रेस के लाखों कार्यकर्ता और भारतीय गणराज्य के बहुलवाद, विविधता एवं बुनियादी मूल्यों में विश्वास करने वाले लोग दुखी हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘संवाद उन्हीं लोगों के साथ हो सकता है जो सुनने, आत्मसात करने और बदलने के इच्छुक हों। यहां ऐसा कुछ नहीं जिससे पता चलता हो कि आरएसएस अपने मुख्य एजेंडा से हट चुका है। संघ वैधता हासिल करने की कोशिश में है।’’
इससे पहले कांग्रेस के कई नेताओं और पूर्व राष्ट्रपति की पुत्री शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भी उनके आरएसएस के कार्यक्रम में जाने पर सवाल खड़े किए थे।
पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि प्रणब दा का फैसला निजी है और इस पर खूब वाद-विवाद भी हो सकता है, लेकिन उनके जाने पर नहीं बल्कि उनके कहे शब्दों का विश्लेषण होना चाहिए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा कि ‘मैंने प्रणब दा से यह उम्मीद नहीं की थी।’ शर्मिष्ठा ने कल ट्वीट कर कहा था कि वह नागपुर जाकर ‘भाजपा एवं संघ को फर्जी खबरें गढ़ने और अफवाहें फैलाने’ की सुविधा मुहैया करा रहे हैं।
मुखर्जी संघ के स्वयंसेवकों के लिए आयोजित संघ शिक्षा वर्ग के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे हैं।
कांग्रेस के कई नेता पूर्व राष्ट्रपति के संघ के कार्यक्रम में शामिल होने के फैसले पर सवाल खड़े कर चुके हैं। कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेताओं जयराम रमेश, रमेश चेन्नीथला और सी के जाफर शरीफ ने चिट्ठी लिखकर मुखर्जी से संघ के कार्यक्रम में शामिल होने का फैसला बदलने की अपील की थी।attacknews.in