बदायूँ, 16 मार्च । जैश ए मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को कथित रूप से ‘जी’ संबोधित किये जाने को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ यहां की एक अदालत में परिवाद दायर किया गया है। मामले की सुनवाई 23 मार्च को होगी।
छह अधिवक्ताओं द्वारा दायर परिवाद में दलील दी गयी है कि श्री गाँधी ने 11 मार्च को मोस्ट वांटेड आतंकी अजहर मसूद को “जी” कह कर संबोधित किया। इसलिये उन पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाये।
वादी अधिवक्ता दिवाकर वर्मा का कहना है कि 11 अप्रैल को नई दिल्ली में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा था “ पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 से 45 जवान शहीद हो गए थे, सीआरपीएफ बस पर किसने बम फोड़ा। जैश-ए-मोहम्मद… मसूद अजहर ने… आपको याद होगा ना। यह वही मसूद अजहर है, जिसे 56 इंच वालों की तब की सरकार ने एयरक्राफ्ट में “मसूद अजहर जी” के साथ बैठकर अजीत डोभाल कंधार में हवाले करके आ गए थे। ”
उन्होने बताया कि उक्त प्रकरण में बदायूं स्थित मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में राहुल गाँधी के विरुद्ध परिवाद दायर किया गया है जिसमें उल्लेख किया गया है कि राहुल गांधी द्वारा किये गए इस कृत्य से देश का अपमान हुआ है और उनका यह कथन देश की सीमाओं पर शहीद होने वाले हमारे सैनिकों की शहादत का मजाक उड़ाने जैसा है। श्री गांधी का यह कृत्य असहनीय और देशद्रोह है जो मन को अत्यंत ही पीड़ा देने वाला है और देश की अस्मिता के साथ खिलवाड़ है।
वकील ने कहा कि राहुल गाँधी द्वारा अभी तक अपने बयान पर खेद प्रकट ना करना यह साबित करता है कि उन्होने जानबूझकर जघन्य अपराध किया है जो देशद्रोह की श्रेणी में आता है अतः कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के खिलाफ देशद्रोह की धारा 124 ए के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत कर उचित कानूनी कार्यवाही की जाए।
प्रभारी सीजेएम/एसीजेएम संगीता द्वारा परिवाद स्वीकार कर लिया गया है और सुनवाई के लिए 23 मार्च की तारीख नियत की गई है।
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