नयी दिल्ली, 11 मार्च । कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वर्षों पहले भारतीय जेल से छोड़े जाने को लेकर भाजपा पर तंज कसते हुए इस आतंकी के लिए ‘जी’ शब्द लगाकर संबोधित किया।
इस पर भाजपा ने उन पर जमकर निशाना साधा तो कांग्रेस ने कहा कि ‘गोदी मीडिया’ और सत्तारूढ़ पार्टी ‘कटाक्ष’ को भी जानबूझकर घुमा रही है।
दरअसल, गांधी ने दिल्ली कांग्रेस के ‘मेरा बूथ, मेरा गौरव’ सम्मेलन में पुलवामा हमले का उल्लेख करते हुए भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘ये 56 इंच के सीने वाले अपनी पिछली सरकार में मसूद अजहर जी के साथ बैठकर गए। अब जो राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल हैं वह मसूद अजहर को छोड़कर आए। भाजपा ने मसूद अजहर को जेल से छोड़ा।’’
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘हमने अपने दो प्रधानमंत्री (इंदिरा गांधी और राजीव गांधी) खोए। हम आतंकवाद से डरने वाले नहीं हैं।’’
राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘‘ पहले दिग्विजय सिंह जी ने ‘ओसामा जी’’ और ‘हाफिज सईद जी’ कहा । अब आप :राहुल गांधी: ‘मसूद अजहर जी’ कह रहे हैं । कांग्रेस पार्टी को यह क्या हो गया है ? ’’
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्वीट किया, ‘‘ राहुल गांधी और पाकिस्तान में साझी बात क्या है? यह आतंकवादियों के लिये उनका प्रेम है । ’‘
ईरानी ने कहा कि कृपया नोट करें कि मसूद अजहर के प्रति श्रद्धा…इस बात का सबूत है कि राहुल आतंकवादियों से प्रेम करते हैं ।
इस पर पलटवार करते हुए कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘राहुल जी के ‘मसूद’ कटाक्ष को जान-बूझकर न समझने वाले भाजपाइयों व चुनिंदा गोदी मीडिया साथियों से दो सवाल- क्या एनएसए डोभाल आतंकवादी मसूद अज़हर को कंधार जाकर रिहा नहीं कर आए थे? क्या मोदी जी ने पाक की आईएसआई को पठानकोट आतंकवादी हमले की जाँच करने के लिए नहीं बुलाया? ’’
सुरजेवाला ने अजहर और कुछ अन्य आतंकवादियों को छोड़े जाने के समय की एक तस्वीर भी शेयर की जिसमें इन आतंकवादियों के साथ डोभाल भी दिख रहे हैं।
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने 2011 में ओसामा बिना लादेन के लिए ‘ओसामा जी’ शब्द का इस्तेमाल किया था जिसको लेकर विवाद खड़ा हो गया था। बाद में उन्होंने कहा था कि उनकी यह टिप्पणी कटाक्ष थी
राहुल गांधी ने RSS और भाजपा पर बोला हमला:
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को भाजपा एवं आरएसएस पर तीखा हमला बोला और कहा कि लोगों को तय करना है कि उन्हें महात्मा गांधी का हिंदुस्तान चाहिए या फिर गोडसे का हिंदुस्तान चाहिए।
उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि इस लोकसभा चुनाव के बाद देश में कांग्रेस की सरकार बनेगी।
पुलवामा आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में कांग्रेस अध्यक्ष ने भाजपा पर तंज कसते हुए जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के लिए ‘जी’ शब्द कहा जिसको लेकर भाजपा ने उन पर निशाना साधा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए गांधी ने कहा, ‘पांच साल पहले देश में एक चौकीदार आया और कहा कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने आया हूँ, मेरा 56 इंच का सीना है। अब किसी से भी पूछ लीजिये चौकीदार क्या है? तो वह बता देगा कि चौकीदार चोर है।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस का कमाल है कि आप लोग देश के कोने-कोने में सच्चाई पहुंचा देते हो।
गांधी ने राफेल मामले का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा और कहा, ‘हमने कुछ सवाल किए थे। चौकीदार संसद में डेढ़ घन्टे बोला, लेकिन अनिल अंबानी के बारे में नहीं बोला। प्रधानमंत्री आंख से आंख नहीं मिला पाए।’ उन्होंने कहा, ‘कुछ महीने पहले तीन प्रदेशों में चुनाव हुए। हमने वहां कहा कि मोदी जी ने झूठे वादे किए। हम आपसे झूठे वादे नहीं करेंगे और 10 दिन में किसानों का कर्ज माफ किया। हमने दो दिन में यह काम कर दिया।’
पुलवामा हमले की पृष्ठभूमि में गांधी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘ये 56 इंच की छाती वाले अपनी पिछली सरकार में मसूद अजहर जी के साथ बैठकर गए। अब जो राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल हैं, वह मसूद अजहर को छोड़कर आए। भाजपा ने मसूद अजहर को जेल से छोड़ा।’’
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘हमने अपने दो प्रधानमंत्री (इंदिरा गांधी और राजीव गांधी) खोए। हम आतंकवाद से डरने वाले नहीं हैं।’’ उन्होंने कहा कि आप गांधी का हिंदुस्तान चाहते हैं या गोडसे का हिंदुस्तान चाहते है? एक तरफ प्यार है और दूसरी तरफ नफरत है। एक तरफ गांधी हैं जो अंग्रेजों से लड़े और जो सबसे प्यार करते थे। दूसरी तरफ सावरकर हैं जो अंग्रेजों को चिट्ठी लिखकर कहते हैं कि मुझे छोड़ दो।’’ गांधी ने दावा किया कि 2019 में कांग्रेस की सरकार आने वाली है। हम निर्णय ले चुके हैं कि हम न्यूनतम आय गारंटी देंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने के साथ भारत रोजगार सृजन के मामले में चीन से स्पर्धा शुरू कर देगा।
गांधी ने कहा कि उनकी सरकार बनने के बाद किसानों की समस्याओं के समाधान पर जोर दिया जाएगा।
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