नयी दिल्ली, 13 फरवरी । कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने बुधवार को एक ओर जहां मोदी सरकार पर ‘‘धोखा, डींग और धमकी’’ को अपने शासन का सिद्धांत बनाने का आरोप लगाया, वहीं प्रतिद्वंद्वियों का ‘‘सामने से मुकाबला करने को लेकर’’ अपने बेटे राहुल गांधी की तारीफ भी की।
कांग्रेस संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने अपने बेटे और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि राहुल संगठन में नई ऊर्जा लेकर आए हैं और उन्होंने ऐसी टीम बनाई है जिसमें अनुभव और युवा जोश का सही तालमेल है।
केन्द्र पर हमला तेज करते हुए सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि देश में डर और संघर्ष का माहौल बना हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम नए आत्मविश्वास और निश्चय के साथ आगामी लोकसभा चुनाव में उतर रहे हैं। राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में हमारी जीत ने नई आशा दी है।’’
इस बैठक में अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद सहित अन्य लोग शामिल हुए।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे प्रतिद्वंद्वियों को पहले अजेय बताया जाता था। कांग्रेस अध्यक्ष ने सामने से डटकर उनका मुकाबला किया, हमारे लाखों कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया जिन्होंने उनके साथ मिलकर अपना सबकुछ दिया। हम वहां जीते जिन्हें उनका गढ़ माना जाता था।’’
मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘हमारे लोकतांत्रिक गणराज्य, धर्मनिरपेक्ष गणराज्य की नींव पर मोदी सरकार योजनाबद्ध तरीके से हमले कर रही है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार द्वारा संविधान के मूल्यों, सिद्धांतों और प्रावधानों पर लगातार हमले किए जा रहे हैं।
संप्रग अध्यक्ष ने कहा, ‘‘संस्थाओं को बर्बाद किया जा रहा है, राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाया जा रहा है, असहमत लोगों को दबाया जा रहा है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंटने का प्रयास किया जा रहा है।’’
सोनिया गांधी ने आरोप लगाया, ‘‘धोखा, डींग और धमकी मोदी सरकार के सिद्धांत बने हुए हैं। सच्चाई और पारदर्शिता को एकदम दरकिनार कर दिया गया है।’’
संप्रग अध्यक्ष ने कहा कि पिछले पांच साल देश के लिए बेहद आर्थिक और सामाजिक दबाव वाले रहे हैं।
मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘पूर्वोत्तर जल रहा है। अलगाववाद चरम पर है। दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। किसान अभूतपूर्व दुख में हैं। अभूतपूर्व पैमाने पर रोजगार नष्ट होने से युवा सूनी आंखों से बाट जोह रहे हैं।’’
वर्ष 2017 में पार्टी की कमान संभालने के बाद राहुल गांधी द्वारा दिखाई गई नेतृत्व क्षमता की भी सोनिया गांधी ने तारीफ की।
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने (राहुल गांधी) अथक परिश्रम किया है। वह उन राजनीतिक दलों से भी संपर्क कर रहे हैं जिनका भारत के प्रति दृष्टिकोण हमारे जैसा है, जो पूर्ण सामाजिक न्याय के साथ तेज आर्थिक विकास चाहते हैं, जो किसानों और खेत मजदूरों, महिलाओं और युवाओं, संगठित और असंगठित क्षेत्रों के कर्मचारियों के कल्याण हेतु हमारे एजेंडे को मानते हैं।’’
राहुल गांधी ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि संसद में कांग्रेस संसदीय दल की बैठक हुई जहां देश के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।
उन्होंने लिखा, ‘‘ऐसे में जब इस संसद का कार्यकाल समाप्त होने को है, मैं संसद में अपने कांग्रेस भाइयों और बहनों से मिले समर्थन और प्रेम के लिए उनका आभारी हूं। उनके कठिन परिश्रम और समर्पण के लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं।’’
बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि देश की जनता बुद्धिमान है और वह जानती है कि ‘जुमलेबाजी’ एक संवेदनशील और जवाबदेह शासन का विकल्प नहीं हो सकती है।
जनता जानती है कि ‘‘भूल-भुलैया, मंच प्रबंधन और प्रबंधन के टोटके’’ जिम्मेदार और जवाबदेह शासन का विकल्प नहीं हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जनता ने उनसे बोले गए झूठ का नतीजा देखा है और उसे अनुभव किया है।
सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के पास असीम संसाधन हैं। वे कोई लिहाज नहीं करेंगे और हमें आगे बढ़ने से रोकने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। हम उन्हें सफल नहीं होने देंगे। हम उनका मुकाबला करेंगे। हम अपनी पूरी ताकत लगाकर उनके खिलाफ लड़ेंगे।’’
उन्होंने दावा किया कि संसद बेहद कमजोर हो गई है और वहां चर्चाओं और बहस का गला घोंटा जा रहा है।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि स्थाई समितियां खत्म सी हो गई हैं। दोनों सदनों में चर्चा और छंटनी से बचने के लिए धन विधेयक का रास्ता अपनाया जा रहा है। वही धन विधेयक जिसे उच्चतम न्यायालय के एक न्यायाधीश ने ‘संविधान के साथ फर्जीवाड़ा’ कहा था।
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