बागपत / नईदिल्ली 29 जनवरी । अपनी राजनीतिक जमीन खो चुके राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने आज कहा कि किसानों पर लाठी चलवाकर सरकार ने अपना इकबाल खो दिया है। इससे क्रूर और निर्दयी सरकार आज तक नहीं आई, ऐसी सरकार को मैं लानत भेजता हूं और धिक्कारता हूँ। अब समय आ गया है कि सरकार के साथ किसान अपने अस्तित्व को बचाने के लिए आरपार की लड़ाई लड़े।
जयंत चौधरी आज पुलिस लाठीचार्ज में घायल हुए किसानों का हाल-चाल जानने के लिए बड़ौत रालोद कार्यालय में पहुँचे थे। पुलिस की ओर से किये गए लाठीचार्ज पर भड़कते हुए उन्होंने कहा कि किसानों के किसी भी आंदोलन में आज तक लाठी नहीं चली। किसानों पर लाठियां चलाकर सरकार ने अपना इकबाल खो दिया है। सोते हुए किसानों पर लाठियां चलवाने वाली सरकार को मैं लानत भेजता हूँ। उन्होंने कहा कि किसानों का बदन तो लोहा है, लेकिन दिल सोना है। इस आंदोलन को फिर से शुरू करने की आवश्यकता है।
किसानों से जल्द से जल्द बात करें मोदी: राहुल
इधर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि देशभर के किसान कृषि संबंधी तीनों कानूनों को समझने लगे हैं और उनका आंदोलन थमने की बजाय ज्यादा फैलेगा, इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसानों से बात कर जल्द से जल्द समस्या का समाधान निकालना चाहिए।
श्री गांधी ने शुक्रवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पूरे देश में किसान इन कानूनों से पैदा होने वाली खतरनाक स्थितियों को समझने लगे हैं। अब तक पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान आदि राज्यों के किसान ही इन तीनों कानूनों से पैदा होने वाली विकट स्थिति को समझ रहे थे, इसलिए वे आंदोलन कर रहे हैं लेकिन अब देश के अन्य भागों के किसान भी इन कानूनों से होने वाली दिक्कतों को समझने लगे हैं, इसलिए किसानों का आंदोलन थमेगा नहीं बल्कि पूरे देश में फैलेगा।
उन्होंने कहा कि किसान देश की आवाज हैं और उनके साथ अन्याय हो रहा है। उनका नुकसान हो रहा है और उनको संकट की तरफ धकेला जा रहा है। उनकी चोरी हो रही है और उनके अधिकार छीने जा रहे हैं। इन सब स्थितियों के बीच प्रधानमंत्री को कैसे लगता है कि जिन लोगों के साथ अन्याय हो रहा है और जिसके खिलाफ वे आंदोलन करने काे मजबूर हुए हैं, वे आंदोलन स्थल से अपनी मांगे पूरी हुए बिना हट जाएंगे।
कांग्रेस नेता ने कहा कि श्री मोदी काे समझ लेना चाहिए कि किसानों के साथ जो अन्याय हो रहा है उससे देश को भारी नुकसान होने वाला है। अगर देश को नुकसान होने से बचाना है तो किसानों से बात करनी पड़ेगी और उनकी बात को मानते हुए तीनों कानून वापस लेने होंगे। किसानों की बात सुननी होगी और जल्द से जल्द उनसे बात कर देश को बड़े नुकसान की तरफ बढ़ने से रोकना होगा।