नयी दिल्ली,26 मई। केन्द्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कोरोना और लॉकडाउन जैसे मसलों पर कांग्रेस पर दाेगलेपन की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि देश में जब लॉकडाउन लगा था तब उसे दिक्कत थी और अब लॉकडाउन में ढील दी जा रही है तो भी उसे परेशानी है ,जो उसके दोहरे मापदंड़ को दर्शाता है।
श्री जावडेकर ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया करते हुए मंगलवार को कहा कि जिस समय देश में लॉकडाउन शुरू हुआ था उस वक्त कोरोना के मामलाें के दुगना होने की दर तीन दिन थी और इस समय कोरोना के दुगना होने की दर 13 दिन है और इसमें काफी सुधार हुआ है।
श्री जावडेकर ने कहा “विश्व के अनेेेक देशों ने भारत के समय रहते लिए गए इस फैसले की तारीफ की है। यह भारत की सफलता है और सबकी सफलता है। मुझे आश्चर्य होता है कि उस समय कांग्रेस ने हायतौबा मचाई थी और यह कहा था कि इससे देश की अर्थव्यवस्था तबाह हो जाएगी ,अब जब लॉकडाउन हटा रहे है तो भी वे शोर मचा रहे हैं और इसका भी विरोध करेंगे। यह कांग्रेस का नीति दोगलापन है और पाखंड है।”
उन्होंने कहा कि देश इस समय एक आपदा से लड़ रहा है लेकिन कांग्रेस पार्टी गलत बयान बाजी कर रही है । कांग्रेस इस समय भी राजनीति करने से बाज नहीं आ रही है और श्री गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस मेें जो बयान दिया है वह भी गलत था।
देश में लॉकडाउन असफल रहा: राहुल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना को नियंत्रित करने के लिए देश से 21 दिन का समय मांगा था लेकिन अब लॉकडाउन को दो महीने होने जा रहे हैं और महामारी घटने की बजाय तेजी से बढ़ रही है जिससे साबित होता है कि भारत में लॉकडाउन असफल रहा है।
श्री गांधी ने मंगलवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि श्री मोदी 21 दिन में कोरोना को रोकने में असफल रहे तथा फिर इसे तीन बार बढ़ाया गया। अब लॉकडाउन को 60 दिन होने वाले हैं लेकिन स्थिति सुधरने की बजाय बहुत ज्यादा बिगड़ गयी है। सरकार के पास कोराेना से लड़ने के लिए कोई ठोस रणनीति नहीं है इसलिए इसे नियंत्रित करने में हम असफल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ने के दुनिया के अनुभव को देखें तो भारत ही एक मात्र देश है जहां इसके तेजी से फैलने के बीच लॉकडाउन को खोला जा रहा है।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का लक्ष्य हासिल नहीं हुआ है। इस बारे में पहली रणनीति फेल हुई है लेकिन सरकार को बताना चाहिए कि वह अब लॉकडाउन किस तरह से हटाएगी और कारोबारियों तथा आम लोगों का हित किस तरह से साधा जाएगा। श्री मोदी को यह स्वीकार करना चाहिए कि कोरोना को रोकने के लिए उन्होंने जो पहला कदम उठाया था उसमें वह फेल हुए हैं तथा अब वह क्या कर रहे हैं इसके बारे में भी उन्हें बताना चाहिए। पहले वह ‘फ्रंट फुट’ पर याने आगे आकर इस लड़ाई को लड़ रहे थे लेकिन अब वह ‘बैक फुट’ पर आ गये हैं, यानी पीछे हट गये हैं। उन्हें आगे आकर बताना चाहिए कि कोरोना से लड़ने की उनकी अगली रणनीति क्या है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि कोरोना ने देश की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है और उन्होंने यह चेतावनी मार्च से पहले ही दे दी थी लेकिन सरकार ने तब उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि उनका सरकार से अब भी आग्रह है कि वह देश की अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए ठोस कदम उठाए। सरकार का 20 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज अर्थव्यवस्था में जान फूंकने वाला नहीं है और इससे कुछ नहीं होने वाला है।