नयी दिल्ली, 13 सितंबर । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया ने गुरुवार को दावा किया कि एक मार्च, 2016 को संसद के केंद्रीय कक्ष में शराब कारोबारी विजय माल्या की वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ ‘विधिवत मुलाकात’ हुई थी और इसके वह साक्षी हैं।
पुनिया ने चुनौती दी कि अगर उनका यह दावा सच साबित नहीं हुआ तो वह राजनीति छोड़ देंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में पुनिया ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘एक मार्च, 2016 को केंद्रीय कक्ष में जेटली जी और माल्या की मुलाकात हुई। पांच-सात मिनट दोनों ने खड़े होकर बात की और फिर बैठकर बात की। 2016 के बजट सत्र में माल्या सिर्फ एक दिन संसद आए थे और वह सिर्फ जेटली से मिलने आए थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं मीडिया के साथ बातचीत में कई मौकों पर इसका उल्लेख करता रहा। ढाई साल तक जेटली चुप्पी साधे रहे। अब वह मुलाकात की बात मान रहे हैं। सच्चाई यह है कि दोनों बीच विधिवत मुलाकात हुई थी।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मेरी चुनौती है कि केंद्रीय कक्ष में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और उनकी फुटेज देखी जाए। सब पता चल जाएगा। या तो जेटली जी राजनीति छोड़ दें या मैं छोड़ दूंगा।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि माल्या वित्त मंत्री से ‘सलाह-मशविरा करके’ देश से भागा था।
इससे पहने पुनिया ने ‘भाषा’ के साथ बातचीत में कहा, ‘जब माल्या के देश से भागने की खबर आई तो उससे दो दिन पहले ही मैंने संसद के केंद्रीय कक्ष में उसे जेटली जी के साथ बातचीत करते देखा था। दोनों ने काफी देर तक बातचीत की थी।’ दरअसल, माल्या ने बुधवार को कहा कि वह भारत से रवाना होने से पहले वित्त मंत्री से मिला था।
लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश होने के लिए पहुंचे माल्या ने संवाददाताओं को बताया कि उसने मंत्री से मुलाकात की थी और बैंकों के साथ मामले का निपटारा करने की पेशकश की थी।
उधर, वित्त मंत्री ने माल्या के बयान को झूठा करार देते हुए कहा कि उन्होंने 2014 के बाद उसे कभी मिलने का समय नहीं दिया।
जेटली ने कहा कि माल्या राज्यसभा सदस्य के तौर पर हासिल विशेषाधिकार का ‘दुरुपयोग’ करते हुए संसद-भवन के गलियारे में उनके पास आ गया था।
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने माल्या के दावे को ‘अति गंभीर आरोप’ करार दिया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जांच का आदेश देना चाहिए और जांच पूरी होने तक जेटली को इस्तीफा दे देना चाहिए।attacknews.in