तूतीकोरिन 27 फरवरी । कांग्रेस नेता एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री चीन से डरते है तथा कांग्रेस सरकार ने चीन का हमेशा बिना किसी झिझक के सामना किया।
तमिलनाडु में छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर दक्षिण तमिलनाडु के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे श्री गांधी ने कहा कि पश्चिमी लद्दाख में तनाव से पहले चीन ने वर्ष 2017 में डोकलाम में केंद्र सरकार की मंशा का टटोला था।
उन्होंने कहा, “चीन ने अब सीमा पर कई महत्वपूर्ण स्थानों पर अपना कब्ज़ा कर लिया है और यह कदम चीन ने डोकलाम में सरकार को परखने के बाद उठाया है। चीन ने डोकलाम में देखा था कि सरकार किस तरह की प्रक्रिया देगी और उन्होंने देखा की भारत सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं अायी तो इसके बाद ही चीन ने इस कदम को लद्दाख में भी बढ़ाया और मुझे लगता है ऐसा चीन ने अरुणाचल प्रदेश में भी किया।”
श्री राहुल ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर ‘हम दो हमारे दो’ का निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी चीन से डरते हैं, इसलिए उन्होंने कहा कि कोई भी भारत की सीमा में नहीं घुसा हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा, “प्रधानमंत्री का यह कहना कि भारत की सीमा में कोई नहीं घुसा है, इसका मतलब यह है कि श्री मोदी चीन से डरते हैं और यही संदेश उन्होंने चीन को दिया।’’
उन्होंने कहा, “आप लिख कर ले लीजिये कि देपसांग की महत्वूपर्ण हमारी जमीन इस सरकार के नेतृत्व में वापस नहीं आ सकती। श्री मोदी बेशक यह जाहिर करें कि मौजूदा सरकार देपसांग जमीन वापस ले लेगी लेकिन अंत में वह इस जमीन को खो देंगे।”
उन्होंने कहा कि श्री मोदी ने हालांकि कहा है कि सब कुछ सुलझा लिया गया है, लेकिन भारत उस क्षेत्र को खोने जा रहा है।
आरएसएस ने संस्थागत संतुलन किया खत्म : राहुल
राहुल गांधी ने शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंयेवक संघ (आरएसएस) पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि इसने देश में संस्थागत संतुलन को नष्ट कर दिया है।
श्री गांधी ने तमिलनाडु के दक्षिणी जिले में अपने दूसरे चरण के चुनाव अभियान के दौरान अधिवक्ताओं के साथ बातचीत में कहा कि पिछले छह वर्षों के दौरान सभी संस्थानों पर एक व्यवस्थित हमला किया गया है।
उन्होंने कहा, “भारत में लोकसभा, विधानसभा, पंचायतें, न्यायपालिका और स्वतंत्र प्रेस हैं। ये संस्थायें मिलकर देश को एक स्थान पर रखती हैं। पिछले छह वर्षों में हमने इन सभी संस्थानों पर एक व्यवस्थित हमला देखा है।”