लखनऊ/नईदिल्ली , 24 मई । बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का अघोषित प्रवक्ता करार देते हुये कांग्रेस के नेताओं ने एक सुर में कहा कि उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ रही दलित उत्पीड़न की घटनाओं पर चुप्पी साधकर बसपा प्रमुख ने साबित कर दिया है कि उनका और भाजपा का अंदरखाने का समझौता हो गया है।कांग्रेस ने रविवार को उन्हें ‘‘टिवटर बहनजी’’ करार दिया और आरोप लगाया कि वह भाजपा की भाषा बोलती हैं।
कांग्रेस दफ्तर में रविवार को बुलायी गयी प्रेस कांफ्रेंस में पार्टी के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में दलित समाज पर राज्य संरक्षण में हमले बढ़े हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अयोध्या में बाल कटवाने गए एक दलित युवक की धार वाले हथियार से गला रेत कर हत्या कर दी गयी वहीं कन्नौज में भाजपा सासंद सुब्रत पाठक द्वारा तहसीलदार अरविंद कुमार के घर में घुसकर मारपीट की गई, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
उन्होने कहा कि रामपुर में एक सफाईकर्मी के साथ मारपीट कर उसके मुंह में सैनिटाइजर का डाल दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। लखीमपुर में गुड़गांव से अपने गांव लौटे दलित युवक को पुलिसकर्मी ने इतना बेरहमी से मारा कि उसने खुदकुशी कर ली। आजमगढ़ में दबंगों ने दलित मजदूर की हत्या के बाद परिवार को शव देकर धमकाते हुए कहा कि कानूनी कार्रवाई करोगे तो वहीं हाल होगा जो उसका हुआ। मैनपुरी के ग्राम बीरपुर कलां मे दबंगों ने समर का पानी फैलाने का विरोध करने पर दलितों के परिवार पर जानलेवा हमला कर दिया।
श्री पुनिया ने कहा कि दलित उत्पीड़न की फेहरिस्त लंबी है और यह सब सरकारी संरक्षण में हो रहा है। हमने लगातार यह सवाल उठाया है और लड़ रहे हैं, लेकिन स्वघोषित दलितों की नेता मायावती की चुप्पी क्या साबित करती है।
कांग्रेस अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने कहा कि योगी सरकार में दलित समाज पर हमला बढ़ा है लेकिन बहन मायावती के मुंह से एक शब्द नहीं निकलता है। प्रदेश में दलितों-वंचितों के खिलाफ हो रहे उत्पीड़न पर मायावती जी क्यों नहीं बोलती हैं। बहन मायावती और दलित विरोधी भाजपा के अंदरखाने समझौता हो गया है और वह भाजपा की अघोषित प्रवक्ता हैं।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अनुसूचित जाति विभाग के चेयरमैन आलोक प्रसाद ने कहा कि पूरे प्रदेश में हम सेवा कर रहे हैं। बाहर से लौट रहे प्रवासी मजदूरों के लिए कांग्रेस 40 जगहों पर स्टॉल्स लगाकर नाश्ता वितरित कर रही है। 22 जिलों में हम रसोईघर चला रहे हैं। 67 लाख लोगों तक हमने मदद पहुंचायी है।
उन्होंने कहा “ हमारे प्रदेश अध्यक्ष को जनसेवा करने के कारण जेल में डाल दिया गया है। कई दर्जन नेताओं के ऊपर फर्जी मुकदमें दर्ज किए गए हैं लेकिन योगी आदित्यनाथ सुन लीजिए आपका दमन हमारे सेवा को नहीं रोक सकता हैं।”
कांग्रेस ने मायावती को बताया ‘ट्विटर बहनजी’
बसपा प्रमुख मायावती पर हमला बोलते हुए कांग्रेस ने रविवार को उन्हें ‘‘टिवटर बहनजी’’ करार दिया और आरोप लगाया कि वह भाजपा की भाषा बोलती हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पुनिया ने कहा कि ‘‘ट्विटर बहनजी’’ जिस तरह की भाषा और ट्वीट का इस्तेमाल कर रही हैं, उससे साफ पता चलता है कि वह भाजपा का प्रेस नोट बनाकर भेजती हैं । वह कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की सक्रियता पर नाराज महसूस करती हैं ।
वहीं, कांग्रेस अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने आरोप लगाया कि मायावती और दलित विरोधी भाजपा में अंदरखाने समझौता हो गया है तथा मायावती भाजपा की अघोषित प्रवक्ता हैं।
पुनिया ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की दलित विरोधी सरकार में दलित समाज पर राज्य संरक्षण में हमले बढ़े हैं।
प्रवासी मजदूरों पर भाजपा और कांग्रेस कर रही हैं राजनीति :मायावती
नयी दिल्ली से खबर है कि, बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने प्रवासी मजदूरों को लेकर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुये रविवार को कहा कि मजदूरों को उचित मजदूरी दिलाने के प्रयास नहीं किये गये जिसके उन्हें परेशानी झेलनी पडती है.
सुश्री मायावती ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा के लिए भाजपा की केंद्र सरकार और कांग्रेस दोनों जिम्मेदार हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि मजदूरों के मुद्दे पर दोनों ही पार्टियां घिनौनी राजनीति कर रही हैं।
बसपा नेता ने कहा कि भाजपा सरकार और कांग्रेस ने मजदूरों की लगातार अनदेखी की है जिसके कारण उन्हें रोजगार के लिए अलग-अलग शहरों में जाना पड़ा और अब लॉकडाउन के कारण वे भूखे-प्यासे सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर हैं . उन्होंने कहा कि मजदूरों के साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। अभी तक जहां मजदूर काम कर रहे थे उनसे काम ज्यादा लिया जाता था और वेतन कम दिया जाता था। उन्होंने कहा, ” बसपा ने हमेशा ही मजदूरों के भले के लिए काम किया। हम उन्हें बेरोजगारी भत्ता नहीं रोजगार देते थे.”