भोपाल 19 जनवरी । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी का शुक्रवार को 93 वर्ष की आयु में दिल्ली अस्पताल में निधन हो गया।
अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी की तबियत पहले से खराब थी जिसके कारण उन्हें बुधवार को दिल्ली के संजयगांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
बताया जा रहा है कि अध्यक्ष श्रीनिवास को सालों से सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, जिसके चलते परीक्षण के लिए बीते बुधवार को अस्पताल ले जाया गया था, जहां पर चिकित्सकों ने भर्ती कर लिया था। जिसके बाद शुक्रवार की सुबह अस्पताल में ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी का निधन हो गया।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के निधन बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं और उनके समर्थकों की भारी भीड़ अस्पताल में जमा हो गई। डॉक्टरों ने बताया कि श्रीनिवास के फेफड़े में इंफेक्शन था। तिवारी परिवार उनकी सेहत को फिक्रमंद थे, लेकिन शुक्रवार की सुबह पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के निधन के बाद सभी को गहरा दुख हुआ।
कई बार हो चुके है भर्ती
93 वर्षीय श्रीनिवास तिवारी को इससे पहले भी कई बार स्वास्थ्य चेकअप के लिए संजय गांधी चिकित्सालय में भर्ती कराया जा चुका है। अस्पताल में स्थिति में सुधार होने के बाद वह अपने अमहिया स्थित घर में ही नियमित दवाएं लेते रहे हैं। लेकिन मंगलवार को रात में अचानक सांस लेने में तकलीफ होने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान उनकी स्थिति में सुधार था, लेकिन चिकित्सकों ने उच्च चिकित्सकीय सुविधां की जरुरत बताते हुए दिल्ली रेफर कर दिया है। डॉ. मनोज इंदुलकर ने बताया कि उनकी गंभीर हालत को देखते हुए दिल्ली रेफर किया गया था।
दोपहर में एयर एंबुलेंस से गए
संजय गांधी चिकित्सालय में भर्ती पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी की तबीयत स्थिर होने पर बुधवार को चिकित्सकों ने दिल्ली के लिए रेफर कर दिया। सुबह 10.30 बजे में रीवा एयरपोर्ट काम चलने के कारण सतना रवाना कर दिया है। दोपहर 12.30 बजे सतना हवाई पट्टी से एस्कार्ट हॉस्पिटल से आई एयर एम्बुलेंस से दिल्ली ले जाया गया है। दिल्ली में रेफर होने की खबर जैसे ही समर्थकों को लगी बड़ी संख्या में लोग अस्पताल पहुंचने लगे। चिकित्सकों ने बताया कि उन्हें सीने में संक्रमण के चलते सांस लेने में तकलीफ हो रही है।
समाजवादी से कांग्रेसी बनने का सफर
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी ने ही 1948 में समाजवादी पार्टी का गठन किया। जिसके बाद 1952 में समाजवादी पार्टी से प्रत्याशी बनकर विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए। श्रीनिवास जमींदारी उन्मूलन के लिए कई आंदोलन संचालित किए जिसमें कई बार उन्हे जेल भी जाना पड़ा। सन् 1972 में समाजवादी पार्टी से मध्यप्रदेश विधान सभा के लिए निर्वाचित हुए। धीरे-धीरे उन्होंने राजनैतिक की ओर रूख करते हुए सन् 1973 में कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए।
बाद में सन् 1977, 1980 और 1990 में विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए। सन् 1980 में अर्जुन सिंह के मंत्रिमंडल में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के मंत्री भी बने।attacknews.in
सन् 1973 से अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी और मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रबंध समिति के सदस्य अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा की कार्य परिषद् में विश्वविद्यालय की स्थापना से ही कई बार सदस्य बने। सन् 1990 से सन् 1992 तक मध्यप्रदेश विधान सभा के उपाध्यक्ष रहे। बाद में सन् 1993 में विधान सभा सदस्य निर्वाचित होकर अक्टूबर 1993 से फरवरी 1999 तक मध्यप्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष रहे। 1998 में सातवीं बार विधान सभा सदस्य निर्वाचित होकर फरवरी, 1999 से 12 दिसम्बर, 2003 तक मध्यप्रदेश विधान सभा अध्यक्ष पद पर रहे।
जीवन परिचय-
श्रीनिवास तिवारी का जन्म उनके ननिहाल में ग्राम शाहपुर जिला रीवा में 17 सितम्बर 1926 को हुआ। श्रीनिवास तिवारी का गृह ग्राम तिवनी जिला रीवा है। उनकी माता का नाम कौशिल्या देवी और पिता का नाम पं. मंगलदीन तिवारी है। इनकी प्रारंभिक शिक्षा गृह ग्राम तिवनी मनगंवा और मार्तण्ड स्कूल रीवा में हुई। उन्होंने एमए, एलएलबी, टीआरएस कॉलेज रीवा (तत्कालीन दरबार कॉलेज) से उच्च शिक्षा प्राप्त की।
श्रीनिवास तिवारी छात्र जीवन से ही स्वतंत्रता आंदोलन में भागीदारी, सामंतवाद के विरोध में कार्य सक्रिय रहे। यहीं से इन्होंने राजनीति में कदम रखा। 1952 मे सबसे कम उम्र के विधायक बनने का गौरव भी श्रीनिवास ने हासिल किया। इसके बाद 1957 में 1972 से 1985, 1990 से 2003 तक लगातार जीत दर्ज की। सन् 1980 में प्रदेश सरकार में मंत्री, 23/3/1990 से 15/12/1992 विधानसभा उपाध्यक्ष, और 1993 से 2003 तक विधानसभा अध्यक्ष रहे।
वैसे तो श्रीनिवास की कई उपलब्धियां रही, लेकिन इनमें से भी राजनीति, समाजसेवा, प्रशासन एवं साहित्य के क्षेत्र में इनका उल्लेखनीय कार्य रहा हैं।attacknews.in