गोल्ड कोस्ट, नौ अप्रैल। भारतीय भारोत्तोलक प्रदीप सिंह ( 105 किलो ) राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण के करीब पहुंचे लेकिन समोआ के सानेले माओ से कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद उन्हें रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा ।
राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप के स्वर्ण पदक विजेता प्रदीप ने कुल 352 किलो ( 152 और 200 किलो ) वजन उठाकर दूसरा स्थान हासिल किया ।
उसने 211 किलो वजन उठाने की कोशिश की जो राष्ट्रमंडल और खेलों का क्लीन एंड जर्क में रिकार्ड होता लेकिन आखरी प्रयास में नाकाम रहे ।
उसने कहा ,‘‘ मैने अतीत में 215 किलो वजन भी उठाया है लेकिन आज मेरा दिन नहीं था ।’’
माओ भी आखिरी प्रयास में 211 किलो वजन नहीं उठा सके लेकिन दूसरे प्रयास में 206 किलो वजन उठाया था । उन्होंने कुल 360 ( 154 और 206 किलो ) वजन उठाया । कांस्य पदक इंग्लैंड के ओवेन बोक्साल को मिला जिसने 351 किलो वजन उठाया ।
सिंह ने कहा ,‘‘ सब कुछ ईश्वर की मर्जी से होता है । मुझे रजत ही मिलना था तो मैने वही जीता ।’’
उसका दूसरा प्रयास 209 किलो का था जो जजों की मंजूरी मिलने के बाद भी अवैध करार दिया गया । ज्यूरी का मानना था कि उनकी कोहनी सिकुड़ गई थी ।
सिंह ने कहा ,‘‘मुझे समझ में नहीं आया कि इसे अवैध क्यो कहा गया । शायद मेरी किस्मत में रजत पदक ही था ।’’
सिंह ने तेरह बरस की उम्र से भारोत्तोलन शुरू किया । उसने कहा ,‘‘ मेरी कोई प्रेरणा नहीं थी । परिवार ने मुझे इसमें धकेला क्योंकि मेरे अंकल भी भारोत्तोलक थे ।’’
अभी तक भारतीय भारोत्तोलक पांच स्वर्ण, दो रजत और दो कांस्य जीत चुके हैं ।attacknews.in