गोल्ड कोस्ट, आठ अप्रैल । भारतीय भारोत्तोलकों का 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में सुनहरा अभियान जारी रखते हुए पूनम यादव ने 69 किलो वर्ग में पीला तमगा जीतकर भारत की झोली में पांचवां स्वर्ण पदक डाला । इसके बाद विकास ठाकुर ने पुरूषों के 94 किलो वर्ग में कांस्य जीता जिसके साथ यहां भारोत्तोलन में देश का अब तक का सफर उल्लेखनीय रहा।
ग्लास्गो में 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में 63 किलो वर्ग में पूनम ने कांस्य पदक जीता । उसने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 222 किलो ( 110 और 122 किलो ) वजन उठाया । इंग्लैंड की सारा डेविस 217 किलो वजन उठाकर दूसरे स्थान पर रही ।
कांस्य पदक फिजी की अपोलोनिया वेइवेइ को मिला जिसने 216 किलो वजन उठाया ।
पूनम ने कहा ,‘‘ मुझे फिजी से अच्छी चुनौती मिलने की उम्मीद थी, इंग्लैंड से नहीं । सारा ने जब आखिरी लिफ्ट में 128 किलो वजन उठाने का फैसला किया तो मैं नर्वस थी क्योंकि वह उठा सकती थी ।’’
उसने कहा ,‘‘ लेकिन यह किस्मत की बात है । मुझे वह मिला जो मेरी तकदीर में था और उसे वह जो उसकी तकदीर में था । शुक्र है कि कुछ देर के लिये हमारे फिजियो को आने दिया गया जिन्होंने मेरे घुटने पर पट्टी लगाई । मुझे वहां दर्द हो रहा था ।’’
उत्तर प्रदेश के वाराणसी के डंडूपुर गांव की रहने वाली पूनम ने पिछले साल राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था ।
उसने कहा ,‘‘ मैंने अपनी बड़ी बहन के कहने पर भारोत्तोलन अपनाया और 2014 में भारतीय टीम के शिविर में आई ।’’
पूनम ने कहा ,‘‘ मेरे पिता ने मेरे प्रशिक्षण के लिये कर्ज लिया था। मैंने पदक जीतने के बाद वह चुका दिया । वह घर में पूजा पाठ करते हैं और मेरी मां गृहिणी है । मैं और मेरी बहन ही घर चलाते हैं । मैं भारतीय रेलवे में कर्मचारी हूं ।’’
विकास ने 351 किलो ( 159 और 192 किलो ) वजन उठाया । पपुआ न्यू गिनी के स्टीवन कारी ने क्लीन एंड जर्क में राष्ट्रमंडल खेलों के रिकार्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता ।
विकास क्लीन एवं जर्क में अपने अंतिम दो प्रयास में विफल रहे जिसमें वह 200 किलो वजन उठाने की कोशिश कर रहे थे। अगर वह यह वजन उठा लेते तो उन्हें रजक पदक मिल जाता ।
रजत पदक कनाडा के बोडी सेंटेवी को मिला जिसने 369 किलो वजन उठाया । उसने स्नैच में नया रिकार्ड भी कायम किया ।
विकास ने 2014 खेलों में रजत पदक जीता था ।
24 साल के खिलाड़ी ने मजाकिया अंदाज में कहा, ‘‘मैंने सबसे वादा किया था कि मैं अपने पदक का रंग बदल दूंगा, मैंने कम से कम से वह किया ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं केवल दस महीने के नियमित प्रशिक्षण के बाद खेल रहा था क्योंकि चोट के कारण मेरे कंधे का ऑपरेशन हुआ था ।’’
विकास ने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि मैं अगले कुछ महीनों में कम से कम दस किलोग्राम ज्यादा वजन उठाने में सफल रहूंगा। मुझे एशियाई खेलों में बेहतर पदक मिलने का यकीन है ।’’
भारत अब तक भारोत्तोलन में पांच स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य पदक जीत चुका है ।
इससे पहले मीराबाई चानू ( 48 किलो ), संजीता चानू ( 53 किलो ), सतीश शिवलिंगम ( 77 किलो ) और वेंकट राहुल रागाला ( 85 किलो ) ने भारत को भारोत्तोलन में स्वर्ण दिलाये । पी गुरुराजा (56 किग्रा) ने रजत पदक जीता जबकि भारत को दूसरा कांस्य दीपक लाठेर (69 किलो) ने दिलाया था।attacknews.in