कोच्चि, नौ सितम्बर। विभिन्न कैथोलिक सुधार संगठनों ने रोमन कैथोलिक चर्च के बिशप के खिलाफ एक नन द्वारा दायर बलात्कार की शिकायत की जांच में पुलिस की ओर से कथित तौर पर ढिलाई बरते जाने के खिलाफ रविवार को यहां दूसरे दिन प्रदर्शन किया।
इस बीच पांच ननों ने शीर्ष पुलिस अधिकारियों पर मामले की जांच में रोड़े अटकाने के प्रयास करने का आरोप लगाया।
कोट्टायम में एक कान्वेंट की ननों ने जालंधर के बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ जांच अपराध शाखा को सौंपने के कथित रिपोर्टों की निंदा की। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारी बिशप फ्रैंको को बचाने के लिए मामले की जांच में देरी करने का प्रयास कर रहे हैं।
प्रदर्शन में शामिल लोगों ने ‘‘अपनी सिस्टर’’ के लिए न्याय की मांग की और उन्होंने वाइकोम के पुलिस उपाधीक्षक के.सुभाष द्वारा की जा रही जांच पर विश्वास जताया।
ननों ने दावा किया कि पुलिस अधिकारी बिशप फ्रैंको को बचाने के लिए मामले की जांच में देरी करने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा,‘‘हमें पुलिस उपाधीक्षक की जांच में पूर्ण विश्वास है लेकिल शीर्ष पुलिस अधिकारी उन्हें स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच करने नहीं दे रहे हैं।’’
एक नन ने कोट्टायम जिले में कुरविलंगाडू में संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया,‘‘उन्हें स्वतंत्र एवं निष्पक्ष ढंग से जांच नहीं करने दी जा रही है। मामले को दबाने के लिए वे जांच में देरी करने का प्रयास कर रहे हैं।’’
ननों ने कहा कि अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए शिकायतकर्ता पर कथित रूप से हमला करने वाले एक निर्दलीय विधायक के खिलाफ उन्होंने कानूनी कार्रवाई शुरू करने का निर्णय लिया है।
इस बीच पीड़ित नन के परिवार के सदस्यों ने कहा कि डीएसपी द्वारा की जा रही जांच में उन्हें पूरा भरोसा है और अदालत की निगरानी में जांच की मांग को लेकर उनकी केरल उच्च न्यायालय जाने की भी योजना है।
केरल के पुलिस महानिदेशक लोकनाथ बेहरा ने हालांकि कहा कि इस समय जांच को अपराध शाखा को सौंपने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है।
तिरुवनंतपुरम में पत्रकारों से बातचीत में डीजीपी ने कहा कि उन्होंने एर्नाकुलम रेंज के आईजी विजय सखारे को जल्द से जल्द मामले की जांच पूरी करने के निर्देश दिये है।attacknews.in