लखनऊ, 23 दिसम्बर। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ गत 19 दिसम्बर को राजधानी लखनऊ में हुई हिंसा के ‘मास्टरमाइंड’ समेत दो लोगों को सोमवार को गिरफ्तार किया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने यहां संवाददाताओं को बताया कि लखनऊ में गत 19 दिसम्बर को हुए हिंसक प्रदर्शन के मास्टरमाइंड नदीम और उसके सहयोगी अशफाक को गिरफ्तार कर लिया गया है।
उन्होंने बताया कि इनके एक सहयोगी वसीम को पहले ही गिरफ्तार किया गया था। उसकी निशानदेही पर नदीम और अशफाक को गिरफ्त में लिया गया है। इन दोनों ने योजनाबद्ध तरीके से शांति भंग करने की साजिश रची थी। दोनों ने व्हाट्सएप के माध्यम से एनआरसी और सीएए के विरोध में लोगों को बड़ी संख्या में एकत्र होकर उग्र प्रदर्शन करने की बात फोटो और वीडियो के माध्यम से वायरल की गयी।
नैथानी ने कहा कि नदीम और अशफाक ने उग्र धरना—प्रदर्शन में शामिल होने के लिये लोगों को उकसाया।
उन्होंने दावा किया कि वे तीनों पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के लिये काम करते हैं। वसीम पीएफआई का प्रदेश अध्यक्ष और अशफाक कोषाध्यक्ष है जबकि नदीम उसका सदस्य है। पीएफआई एक राजनीतिक संगठन एसडीपीआई के बैनर तले मुस्लिमों को शामिल करके एनआरसी और सीएए का विरोध कर रहा है।
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने रविवार को हिंसा में पीएफआई का हाथ होने का दावा किया था।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि वसीम लखनऊ के इंदिरा नगर का रहने वाला है जबकि नदीम और अशफाक बाराबंकी जिले के निवासी हैं।
नैथानी ने बताया कि पकड़े गये अभियुक्तों के पास से 26 तख्ती, 29 झंडे, 100 पर्चे और 36 पेपर कटिंग बरामद की गयी हैं जिनमें सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन का आह्वान किया गया था। इसके अलावा उनके कब्जे से अयोध्या विवाद, आतंकवाद समेत कई संदेहास्पद विषयों पर साहित्य भी बरामद किया गया है।
उन्होंने बताया कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों के विभिन्न मामलों में अब तक 39 मुकदमे दर्ज किये गये हैं। इनमें से छह मुकदमे 19 तारीख को राजधानी में हुए उपद्रव से पहले के हैं।
मुजफ्फरनगर प्रशासन ने हिंसा के मामलों की जांच के लिए विशेष प्रकोष्ठ बनाया:
मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन ने संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में यहां हुए प्रदर्शनों के दौरान हिंसा के मामलों की जांच के लिए एक विशेष जांच प्रकोष्ठ गठित किया है।
पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। इस प्रकोष्ठ में 13 निरीक्षकों सहित 18 पुलिसकर्मी होंगे।
पुलिस अधीक्षक (अपराध) आर बी चौरसिया ने बताया कि विशेष प्रकोष्ठ ने हिंसा के सिलसिले में 20 दिसंबर को दर्ज 24 मामलों की जांच प्रारंभ कर दी है।
उन्होंने बताया कि 262 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए जिनमें से 48 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
चौरसिया ने बताया कि किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान 16 लोग मारे गए और 263 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
उप्र में सीएए के विरोध में हिंसक प्रदर्शन के बाद अब हालात सामान्य:
उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हिंसक प्रदर्शन के बाद राजधानी लखनऊ, औद्योगिक नगरी कानपुर, मेरठ, अलीगढ़, फिरोजाबाद, वाराणसी, गोरखपुर, रामपुर, फिरोजाबाद समेत प्रदेश के सभी जिलों में अब हालात सामान्य है।
सीएए के विरोध में राज्य में हिंसक प्रदर्शन में 18 लोगों की मृत्यु हो गयी थी हालांकि पुलिस ने 15 की मृत्यु की पुष्टि की है। हिंसा में 263 पुलिसकर्मियों समेत 800 लोग घायल हुए हैं। 57 पुलिसकर्मी उपद्रवियों की गोली लगने से घायल हुये है। हिंसा के मामलों में अलग-अलग जिलों में 124 आपराधिक मुकदमे दर्ज किए गए हैं और 705 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा 4500 लोगों को पाबंद किया गया है। हिंसाग्रस्त इलाकों से प्रतिबंधित बोर के तमंचों के 405 से ज्यादा खोखे बरामद किये हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यहां बताया कि हर जगह पर हालात सामान्य के बाद भी पुलिस बेहद सतर्क है। कई आरोपितों की पहचान हो चुकी है जबकि अन्य आरोपितों की पहचान के लिए वीडियो फुटेज अभी भी खंगाले जा रहे हैैं। उधर पुलिस ने जिलों में आरोपितों की तस्वीरें भी जारी कर दी हैं। अब लगभग सभी जिलों में बाजार खुले है। वाराणसी और प्रयागराज में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल की गईं। प्रशासन ने चार दिन बाद इंटरनेट सेवाएं बहाल की। इंटरनेट सेवाएं बंद होने से व्यापारी और आम लोगों को हो काफी परेशानी रही थी।
अलीगढ़ से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार स्थिति अब पूर्ण शांति है। यहां पर संवदेनशील इलाकों में सुरक्षाबल तैनात है। हालात धीरे धीरे सामान्य हो रहे है। चप्पे चप्पे पर पुलिस बल तैनान है। आरोपियों के खिलाफ धरपकड़ जारी है।
राज्य सरकार नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुई हिंसा के दौरान संपत्ति के नुकसान का ब्योरा जुटा रहा है। हिंसा प्रभावित कई जिलों ने करोड़ों के नुकसान की रिपोर्ट भेजी है। इसके साथ ही कुछ जिलों से और ब्योरा मांगा गया। प्रदेश में नामजद उपद्रवियों की गिरफ्तारी के प्रयास भी और तेज करने के निर्देश दिए गए हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रामपुर में भी हालात सामान्य हाे रहे है। ऐहतियात के तौर पर प्रभावित क्षेत्रों में बड़ी तादाद में पुलिस बल तैनात किया गया है। अफवाहों से बचने के लिये लखनऊ और कानपुर समेत 15 जिलों मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को फिलहाल बाधित रखा गया है।
पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि उग्र प्रदर्शन मामले में अब तक करीब हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। लखनऊ में ही करीब 250 से अधिक लोग गिरफ्तार हुए हैं। इसमें एनजीओ और बाहरी तत्व शामिल हो सकते हैं। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
लखनऊ में 250 लोगों को वीडियो फुटेज और फोटो के आधार पर चिन्हित कर गिरफ्तार किया गया है। बाकी प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। प्रशासन आरोपियों पर रासुका और सम्पत्ति कुर्क की कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।