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गिरफ्तार पीड़िता ने अपने साथियों सहित चिन्मयानन्द से 5 करोड़ रुपये वाट्सअप मेसेज से मांगने की बात स्वीकारी,जमानत अर्जी खारिज attacknews.in

शाहजहांपुर :उप्र:, 25 सितंबर । पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली विधि छात्रा की, उनसे पांच करोड़ रुपये मांगे जाने के मामले में बुधवार को गिरफ्तारी के बाद अदालत में जमानत अर्जी खारिज हो गई ।

वहीं चिन्मयानंद की जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख तय की गयी है ।

सहायक अभियोजन अधिकारी लाल साहब ने फोन पर बताया कि चिन्मयानंद से पांच करोड़ रूपये की रंगदारी मांगने वाली विधि छात्रा की जमानत अर्जी उनके अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी ने एसीजीएम की अदालत में लगाई थी जिसे अदालत ने खारिज कर दिया ।

उधर चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह ने बताया कि आज उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री की जमानत की अर्जी जिला जज की अदालत में दी है जिस पर सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख तय हुई है ।

पीड़िता की गिरफ्तारी के बाद विशेष जांच दल :एसआईटी: ने प्रेस वार्ता की, जिसमें आईपीएस भारती सिंह ने बताया कि चिन्मयानंद को धमकी भरा मैसेज मोबाइल पर भेजा गया था जिसमें उनसे पांच करोड़ रुपए की मांग की गई थी । ना देने पर उनका अश्लील वीडियो टीवी चैनल पर चलवा कर उनकी इज्जत मिट्टी में मिलाने की धमकी दी गई थी ।

आईपीएस भारती ने बताया कि इस मामले में मुकदमा कोतवाली में दर्ज किया गया था । इसके बाद मौखिक अभिलेख तथा इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य एकत्र किए गए और विवेचना की प्रगति रिपोर्ट उच्चतम न्यायालय में 23 सितंबर को प्रस्तुत की गयी, जिससे न्यायालय संतुष्ट हुआ है ।

उन्होंने बताया कि पूर्व में गिरफ्तार संजय, विक्रम तथा सचिन ने रंगदारी मांगने की बात स्वीकार की थी तथा साक्ष्य मिटाने के इरादे से मोबाइल फोन राजस्थान के दौसा में रास्ते में फेंक दिया था । तीनों आरोपियों ने स्वीकार किया कि इस रंगदारी की मांग में ‘मिस ए’ यानी पीड़िता की प्रमुख भूमिका है ।

मोबाइल फोन बरामद करने के लिए ही सचिन तथा विक्रम को अदालत से पुलिस हिरासत पर लिया गया है। उनकी पुलिस हिरासत की अवधि 95 घंटे की है।

भारती ने बताया कि उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर ‘मिस ए’ पीड़िता से 24 सितंबर को उनके आवास पर पूछताछ की गई और उन्हें फॉरेन्सिक लैब द्वारा जांच के उपरांत वीडियो क्लिपिंग दिखाई गई जिसमें पीड़िता द्वारा फर्जी सिम का प्रयोग कर व्हाट्सएप के माध्यम से चिन्मयानंद से रंगदारी मांगने की बात स्वीकार की गई है ।

आईपीएस सिंह ने बताया कि वीडियो क्लिप में संजय, विक्रम, सचिन तथा ‘मिस ए’ साथ में थे । ऐसे में टोल टैक्स होटल में उनकी एक साथ उपस्थिति तथा सीडीआर के पुख्ता साक्ष्य इकट्ठे किए गए ।

उन्होंने बताया कि साक्ष्यों के साथ एसआईटी दोबारा पीड़िता के घर गई और उन्हें वीडियो क्लिप दिखाई गई तो पीड़िता ने अपनी और अपने साथियों की आवाज होने की पुष्टि की है ।

एसआईटी ने पीड़िता को गिरफ्तार करके आज सुबह जेल भेज दिया ।

अधिवक्ता ओम सिंह ने बताया कि पीड़िता को विशेष जांच दल ने एसीजेएम :अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट: विनीत कुमार की अदालत में पेश किया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया ।

उल्लेखनीय है कि स्वामी सुखदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली छात्रा ने 24 अगस्त को एक वीडियो वायरल कर कहा था कि उसे चिन्मयानंद से अपनी जान को खतरा है एवं इस सन्यासी ने कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद कर दी है ।

इसके बाद पीड़िता के पिता ने कोतवाली में चिन्मयानंद के विरुद्ध अपहरण और जान से मारने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था । इसी मामले की जांच एसआईटी कर रही थी जिसमें पीड़िता को दोषी पाते हुए उसे जेल भेज दिया गया ।

एसआईटी प्रमुख नवीन अरोड़ा ने बताया कि हमने लड़की से गहन पूछताछ की, सारे वीडियो दिखाये और आवाज सुनायी । इस बात का स्पष्ट साक्ष्य है कि पांच करोड़ रूपये की मांग की गयी थी ।

मामले में चिन्मयानंद समेत पांच आरोपियों को विशेष एसआईटी जेल भेज चुकी है ।

चिन्मयानंद प्रकरण में पीड़िता की जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उसके अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी ने पत्रकारों को बताया कि वह कल यानी गुरूवार को सत्र न्यायाधीश के यहां जमानत की अर्जी दाखिल करेंगे ।

त्रिवेदी ने कहा कि पीड़िता ने जो 12 पेज की शिकायत दिल्ली पुलिस को दी थी, उसमें बलात्कार होने की बात कही गई है और चिन्मयानंद पर तमाम आरोप लगाए गए हैं । इसके बाद भी एसआईटी ने धारा 376सी चिन्मयानंद पर लगाई है जबकि इसमें कई बड़ी धाराएं चिन्मयानंद पर लगानी चाहिए थी ।


उधर भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि चिन्मयानंद पार्टी के सदस्य नहीं हैं ।

भाजपा के उत्तर प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चंद्र श्रीवास्तव ने बुधवार को कहा, ‘चिन्मयानंद भाजपा के सदस्य नहीं है ।’

उनसे पूछा गया कि चिन्मयानंद ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था, वह पार्टी के सांसद और केन्द्रीय मंत्री भी रहे । इस पर श्रीवास्तव ने कहा कि उन्होंने बहुत पहले चुनाव लड़ा था और मंत्री बने थे, लेकिन उसके बाद से वह भाजपा के सदस्य नहीं हैं ।

उन्होंने कहा कि चिन्मयानंद प्रकरण में कानून अपना काम कर रहा है । कानून को अपना काम करने की छूट है ।

उल्लेखनीय है कि चिन्मयानंद वाजपेयी सरकार में गृह राज्य मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश के जौनपुर से 1999 में चुनाव लड़ा था । चिन्मयानंद 1991 में बदायूं और 1998 में मछलीशहर से भी लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं ।

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