बिलासपुर 18 अप्रैल । लोकसभा चुनाव के लिए छत्तीसगढ़ में महिलाओं को उम्मीदवार बनाने के मामले में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बराबरी पर है।
छत्तीसगढ़ में 11 लोकसभा सीटों के लिए कांग्रेस और भाजपा ने दो-दो सीटों पर महिला उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने कोरबा सीट से श्रीमती ज्योत्सना महंत और दुर्ग सीट से श्रीमती प्रतिमा चंद्राकर को टिकट दिया है जबकि भाजपा ने रायगढ़ लोकसभा सीट से श्रीमती गोमती साय तथा सरगुजा से श्रीमती रेणुका सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है।
पिछले लोकसभा चुनावाें पर नजर डाली जाये तो राज्य में आधी आबादी को मौका देने में कांग्रेस आगे रही है तथा भाजपा दूसरे क्रम पर है। अविभाजित मध्यप्रदेश का हिस्सा रहे जांजगीर लोकसभा सीट से 1957 में कांग्रेस ने सबसे पहले मिनी माता अगम को अपना उम्मीदवार बनाया था। मिनी माता ने यह चुनाव जीता और इसके बाद 1962 , 1967 तथा 1971 के आम चुनाव में इसी सीट से कांग्रेस की टिकट पर लगातार चुनाव लड़ा और जीत की चौकड़ी बनायी।
कांग्रेस ने 1960 से 1990 के दशक में हुये आम चुनावों में रायगढ़ लोकसभा सीट से राजपरिवार की महिलाओं को राजनीति में उतरने का मौका दिया। वर्ष 1967 में कांग्रेस ने सुश्री रजनी देवी को टिकट दिया जिन्होंने यह चुनाव जीता। इसके बाद 1980 , 1984 और 1991 में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में सुश्री पुष्पा देवी ने जीत का परचम लहराया।
भाजपा ने 2004 के आम चुनाव में जांजगीर-चांपा सीट से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला (अब कांग्रेस में ) को उम्मीदवार बनाया और वह चुनाव जीत गयी। इसके बाद भाजपा ने यहां से महिलाओं को प्रतिनिधित्व का अवसर देते हुए 2009 और 2014 में श्रीमती कमला पाटले को टिकट दिया । श्रीमती पाटले दोनों बार यहां से निर्वाचित हुई।
वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 1996 से भाजपा के कब्जे वाली बिलासपुर लोकसभा सीट से छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी डॉ. रेणु जोगी को चुनाव मैदान में उतारा। बिलासपुर से महिला उम्मीदवार खड़े कर चुनाव परिणाम अपने पक्ष में करने की कांग्रेस की रणनीति विफल रही और डॉ. जोगी भाजपा के कद्दावर नेता दिलीप सिंह जूदेव के हाथों परास्त हो गयी।
कांग्रेस ने 2014 के चुनाव में भी बिलासपुर सीट से महिला उम्मीदवार खड़े करने की रणनीति अपनायी और श्रीमती करुणा शुक्ला को उम्मीदवार बनाया , लेकिन तब भी कांग्रेस को विफलता हाथ लगी। वर्ष 2014 के आम चुनाव में मोदी लहर का फायदा भाजपा को मिला। भाजपा के श्री लखन साहू ने बाहरी होने के बावजूद श्रीमती शुक्ला को पराजित किया ।
वर्ष 2014 के आम चुनाव में आम आदमी पार्टी ने नक्सली बहुल बस्तर लोकसभा सीट से सोनी सोरी को उम्मीदवार बनाया। सुश्री सोरी के चुनाव लड़ने से तब काफी विवाद का माहौल बना। उन पर नक्सलियों के प्रति सहानुभूति रखने तथा उन्हें सहायता पहुंचाने का आरोप लगा। नक्सलियों ने भी उन पर चुनाव लड़कर सरकार और निजी उद्योग संस्थानों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया। सुश्री सोरी को चुनाव में असफलता हाथ लगी और वह चौथे नंबर पर रही ।
कांग्रेस ने इस बार लोकसभा चुनाव के लिए कोरबा सीट से छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री एवं अविभाजित मध्यप्रदेश में गृहमंत्री रहे चरणदास महंत की पत्नी ज्योत्सना महंत और दुर्ग सीट से श्रीमती प्रतिमा चंद्राकर को टिकट दिया है जबकि भाजपा ने रायगढ़ सीट से जिला पंचायत अध्यक्ष गोमती साय तथा सरगुजा सीट से पूर्व विधायक रेणुका सिंह पर दांव आजमाया है। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी ने सरगुजा से माया भगत, दुर्ग से गीतांजलि सिंह और राजनांदगांव से रविता लकड़ा को उम्मीदवार बनाया है। इन महिला उम्मीदवारों से संबंधित सीटों में से राजनांदगांव में 18 अप्रैल को मतदान हो चुका है तथा अन्य सीटों पर 23 अप्रैल को मतदान होगा और इनके भाग्य का पिटारा ठीक एक महीने बाद 23 मई को खुलेगा ।
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