पटना, 27 जून ।केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बिहार के भागलपुर जिले में हुए अरबों रुपये के बहुचर्चित सृजन घोटाला के तीन अलग-अलग मामले में पूर्व जिलाधिकारी एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के वरीय अधिकारी के.पी रमैया समेत 60 लोगों के खिलाफ शनिवार को पटना की एक विशेष अदालत में भारतीय दंड विधान और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया।
ब्यूरो ने यह आरोप पत्र विशेष न्यायाधीश प्रजेश कुमार की अदालत में दायर किया है ।पहले मामले में ब्यूरो ने 28 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है।
आरोपितों में भागलपुर के पूर्व जिलाधिकारी के. पी रमैया, नजारत के उप समाहर्ता विजय कुमार , नाजिर अमरेंद्र कुमार यादव, सृजन संस्था की प्रबंधक सचिव सरिता झा, अध्यक्ष शुभ लक्ष्मी प्रसाद, बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य प्रबंधक शंकर प्रसाद दास, संयुक्त प्रबंधक वरुण कुमार, शाखा प्रबंधक गोलक बिहारी पांडा, शाखा प्रबंधक आनंद चंद्र गदाई के अलावा सृजन की पूर्व सचिव मनोरमा देवी (मृत) शामिल हैं।
दूसरे मामले में ब्यूरो ने 13 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है जिसमें सृजन संस्था की प्रबंधक सरिता झा, अध्यक्ष शुभ लक्ष्मी प्रसाद, इंडियन बैंक के शाखा प्रबंधक सुरजीत राहा, बैंक ऑफ बड़ौदा के शाखा प्रबंधक आनंद चंद्र गदाई शामिल है। साथ ही सृजन की पूर्व सचिव मनोरमा देवी को मृत दिखाते हुए आरोपित किया गया है।
ब्यूरो की ओर से तीसरे मामले में पूरक आरोप पत्र दाखिल किया गया है। यह आरोप पत्र 19 लोगों के खिलाफ दाखिल किया गया है। आरोपितों में इंडियन बैंक के मुख्य प्रबंधक देव शंकर मिश्रा, बैंक ऑफ बड़ौदा के शाखा प्रबंधक शंकर प्रसाद दास ,सृजन की सचिव सरिता झा और रजनी प्रिया तथा अध्यक्ष शुभ लक्ष्मी देवी शामिल है। इस मामले में ब्यूरो सात लोगों के खिलाफ पूर्व में ही आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है l
घोटाला वर्ष 2008 से 2014 के बीच भागलपुर जिले में महिला सुदृढ़ीकरण एवं सशक्तिकरण से जुड़ी सरकारी योजनाओं में अरबों रुपये की राशि का धोखाधड़ी एवं जालसाजी कर फर्जी निकासी का है। पूर्व में स्थानीय स्तर पर प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच की जा रही थी। बाद में वर्ष 2017 में सीबीआई ने मामले की जांच अपने हाथ में ली और पूर्व की कई प्राथमिकी के आधार पर विशेष मुकदमे दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया । ब्यूरो अभी तक 25 मामलों में आरोप पत्र दाखिल कर चुका है।