लखनऊ, 05 अगस्त ।उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत 31 अगस्त तक बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में अपना फैसला सुनाएगी।
ट्रायल कोर्ट ने अपनी दिन-प्रतिदिन की सुनवाई लगभग पूरी कर ली है और अब आरोपियों को 10 अगस्त तक अपने वकीलों के माध्यम से लिखित दस्तावेज में स्पष्टीकरण या सबूत पेश करने को कहा गया है।
मुसलमान अभी भी मानते कि अयोध्या में है बाबरी मस्जिद
इधर लखनऊ से खबर है कि , बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ के सदस्य जफरयाब जिलानी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिये भूमि पूजन होने के बाद भी मानते हैं कि वहां बाबरी मस्जिद है जबकि एक अन्य मुस्लिम नेता का मानना है कि आज लगभग पांच सौ साल के विवाद का पूरी तरह पटाक्षेप हो गया और हिंदूओं की उम्मीद आज पूरी हो गई ।
श्री जिलानी ने कहा कि देश के मुसलमान अभी भी मानते हैं कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद है जिसे 6 दिसम्बर 1992 को गिरा दिया गया था ।
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी माना है कि वहां मस्जिद थी जिसे गिराना आपराधिक कृत था। सीबीआई की अदालत में इसका मुकदमा चल रहा है जिसका फैसला इस माह के अंत तक आने की उम्मीद है । उच्चतम न्यायालय के यह मानने के बावजूद फैसला दूसरे के पक्ष में सुना दिया गया । मुसलमान इस फैसले का नहीं मानते इसलिये पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी जिसे उच्चतम न्यायालय ने ठुकरा दिया ।