मुंबई, 11 जून । केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने यूनियन बैंक आफ इंडिया को कथित रूप से करीब 134.43 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने के मामले में गुजरात की एक निजी कंपनी, उसके निदेशकों और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है और शुक्रवार को उनके कार्यालयों तथा आवासों पर छापे मारे।
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर गुजरात में गांधीधाम स्थित मेसर्स एसोसिएट हाई प्रेशर टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी तथा उसके निदेशकों और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। कंपनी पर अपने निदेशकों और गारंटरों के माध्यम से बैंक के धन का दुरुपयोग करने और गलत ढंग से लाभ अर्जित करने का आरोप है।
शिकायत में यह भी कहा गया है कि अन्य बैंकिंग चैनल के माध्यम से धन को डायवर्ट करना ऋण स्वीकृति आदेशों के नियमों और शर्तों का उल्लंघन है तथा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को कथित रूप से करीब 134.43 करोड़ रुपये (ब्याज सहित) का नुकसान हुआ।
यूनियन बैंक को धोखाधड़ी के जरिए 134 करोड़ का चूना लगाने वाली गुजरात की एक कंपनी समेत 6 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया और आधा दर्जन से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की. इस छापेमारी के दौरान सीबीआई को घोटाले से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं।
सीबीआई प्रवक्ता आर सी जोशी के मुताबिक, जिन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, उनमें गुजरात की कंपनी एसोसिएट हाई प्रेशर टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के अलावा रामचंद्र इसरानी, मोहम्मद फारुख सुलेमान, श्रीचंद सत्तारामदास, इब्राहिम सुलेमान, मनोहर लाल अगरिचा, सतीश सुंदरदास अग्रिचा समेत अज्ञात सरकारी अधिकारियों और अन्य लोगों के नाम शामिल हैं।
सीबीआई के मुताबिक, इनमें से अनेक लोग कंपनी के निदेशक भी हैं. सीबीआई ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से प्राप्त शिकायत के आधार पर गांधीधाम (गुजरात) स्थित इस निजी कंपनी और अन्यों जिसमें निदेशक एवं अज्ञात लोक सेवक/अन्य शामिल है, के विरुद्ध मामला दर्ज किया।
आरोप है कि उक्त निजी कंपनी ने अपने निदेशक एवं जमानतदारों के माध्यम से बैंक धनराशि का गबन किया और अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए उक्त धनराशि को इधर से उधर उन कामों के लिए यूज़ किया, जिनके लिए लोन लिया ही नहीं गया था. यह भी आरोप है कि कंपनी का इरादा, ऋण मंजूरी आदेशों के नियम व शर्तों के उल्लंघन में अन्य बैंकिंग चैनलों के माध्यम से धनराशि को इस तरह अन्य जगहों पर भेज कर बैंक को धोखा देने का था।
कंपनी द्वारा की गई धोखाधड़ी के चलते यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को लगभग 134.43 करोड़ रुपये (प्लस इन्टरेस्ट) की कथित हानि हुई. मुकदमा दर्ज करने के बाद सीबीआई ने इस मामले में आधा दर्जन जगहों पर छापेमारी की. आरोपियों के परिसरों पर मारी की गई. छापेमारी के दौरान सीबीआई को अनेक महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं।
सीबीआई का दावा है कि इन दस्तावेजों में घोटाले से संबंधित दस्तावेज भी शामिल हैं. सीबीआई इस मामले में जल्दी कंपनी के निदेशकों को पूछताछ के लिए बुलाने जा रही है. मामले की जांच जारी है।