नयी दिल्ली, 22 मार्च । केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने शारदा पोंजी घाटोले के संचालकों को बचाने में कथित संलिप्तता के मामले में सोमवार को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के तीन अधिकारियों के कार्यालयों पर छापेमारी की।
अधिकारियों ने यह जानकारी दी लेकिन इन तीन अधिकारियों के नाम उजागर नहीं किए।
पश्चिम बंगाल में शारदा समूह के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज हैं। इनमें आरोप लगाया गया है कि शारदा समूह के अधिकारियों और उनके सहयोगियों ने अपनी जाली योजनाओं के जरिए हजारों निवेशकों को ठगा।
उच्चतम न्यायालय ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी और राज्य सरकार के अधिकारियों को मामले की जांच के लिए एजेंसी के जांच दल की हर मदद करने का निर्देश दिया था।
शारदा पोंजी घोटाला मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मुंबई में छापेमारी की है। मुंबई में सेबी के तीन सीनियर अफसरों के आवास और दफ्तरों पर सीबीआई ने सोमवार को रेड की है।
सीबीआई ने कुल 6 स्थानों पर छापेमारी की है। इन तीन अफसरों की 2009 से 2013 के बीच कोलकाता में पोस्टिंग रही थी। सीबीआई जांच में शारदा पोंजी स्कैम मामले में इन अधिकारियों की भूमिका संदेह के घेरे में आई थी।
शारदा पोंजी स्कैम के आरोपियों में कई बड़े नाम
शारदा पोंजी चिटफंड स्कैम को पश्चिम बंगाल के सबसे बड़े घोटाले में माना जाता है। कंपनियां बनाकर उसमें कई गुना ज्यादा रिटर्न देने का वादा कर निवेशकों का पैसा हड़पने से ये मामला जुड़ा है। कुछ रिपोट्स के मुताबिक 14 लाख से ज्यादा निवेशकों के हजारों करोड़ रुपए इसमें इन कंपनियों ने हड़प किए। जिसमें कई पश्चिम बंगाल के अलावा भी कई राज्यों के लोगों के साथ ये धोखाधड़ी हुई। 2008-09 में शारदा घोटाला मामला चर्चा में आया था। जो चल कई साल से रहा था। इसके बाद लगातार इसमें कुछ ना कुछ सामने आता रहा और 2012-13 तक ये बहुत बड़ा मामला बन चुका था और देश में इसके लेकर प्रदर्शन भी होने लगे। पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी टीएमसी समेत कुछ दलों के नेताओं के नाम भी इसमें सामने आए। फिलहाल सीबीआई इसकी जांच कर रही है