पाकिस्तानी खिलाड़ी नदीम ने ओलंपिक में नीरज चौपड़ा के भाले को तहस-नहस कर छुपा दिया था attacknews.in

नीरज चोपड़ा के भाले से छेड़खानी कर रहे थे पाकिस्तानी भाला फेंक खिलाड़ी अरशद नदीम

नईदिल्ली 25 अगस्त ।टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक प्राप्त करने के पश्चात से सूबेदार नीरज चोपड़ा चर्चा में बने हुए हैं। लेकिन हाल ही में उनके एक बयान ने फिर वामपंथियों की नींद उड़ा दी है। जिस भाला फेंक स्पर्धा में उन्होंने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था, उसी में पांचवें स्थान पर आकर पाकिस्तानी भाला फेंक एथलीट अरशद नदीम ने सभी को चकित कर दिया था।

पाकिस्तानी धावक अब्दुल खालिक के पश्चात अरशद नदीम पहले ऐसे एथलीट थे, जिन्होंने इस स्तर की ख्याति प्राप्त की थी। लेकिन जो दिखता है, जरूरी नहीं वैसा ही हो।

भारत के ही खिलाड़ियों में से कुछ क्या राणा अयूब, क्या बरखा दत्त, क्या ज्वाला गुट्टा, सभी अरशद नदीम की बढ़ाई कर रहे थे, और उसे ‘Sportsmanship’ का अनुपम उदाहरण सिद्ध करने पर तुले हुए थे। परंतु क्या वाकई में ऐसा था?

बिल्कुल भी नहीं।नीरज चोपड़ा ने हाल ही में टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए अपने साक्षात्कार में बताया कि कैसे उन्हे प्रारंभ में अपना भाला नहीं मिल रहा था।

उनके साक्षात्कार के अनुसार, “ओलंपिक के प्रारंभ में मैं अपना भाला ढूंढ रहा था, जो मुझे मिल नहीं रहा था। अचानक मैंने अरशद नदीम को मेरे भाले के साथ घूमते हुए देखा। मैंने उससे स्पष्ट कहा, ‘भाई, ये मेरा भाला है, वापस दो मुझे’। उसे देना पड़ा, और आपने देखा होगा कि क्यों मैंने अपना पहला दांव हड़बड़ी में फेंका था”

और चीजों को जाने दीजिए, लेकिन सिर्फ स्पर्धा की दृष्टि से भी इसे अनप्रोफेशनल माना जाएगा। आप यूं ही किसी के भी भाले को नहीं उठा सकते, विशेषकर जब ओलंपिक जैसे ईवेंट का आयोजन हो रहा हो।

हालांकि, यहाँ बात पाकिस्तान की हो रही है, जिनके राजनयिक विदेशी आयोजनों में अन्य राजनयिकों के पर्स तक चोरी कर लेते हैं।

एक ट्विटर यूजर ने इमरान खान के भ्रष्ट व्यवहार पर प्रश्न उठाते हुए यहाँ तक ट्वीट किया, “पाकिस्तान के अरशद नदीम ने ओलंपिक स्वर्ण पदकधारी नीरज चोपड़ा का भाला लिया। एक पूर्व स्टेट लेवल फाइनलिस्ट होने के नाते मैं आपको बता सकता हूँ कि यह काफी अनप्रोफेशनल है। लगता है कि इमरान खान के समय का भ्रष्टाचार अब पाकिस्तानी खेल के कोने कोने तक फैल चुका है”

लेकिन इतनी चुनौतियों के पश्चात भी यदि नीरज चोपड़ा ने पहले ही दांव में 87.05 मीटर तक भाला फेंका, तो इसके लिए उनकी जितनी प्रशंसा की जाए, वो कम होगी।

यदि अरशद नदीम ने वास्तव में सूबेदार नीरज चोपड़ा के भाले के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास किया था, तो ये यही सिद्ध कर सकता है कि कुछ लोग अपनी प्रवृत्ति कभी नहीं बदल सकते, और पाकिस्तानी भी उन्ही में से एक हैं।

सिडनी ओलम्पिक से रोते हुए वापस आने वाली मीराबाई चानू ने तोक्यो ओलंपिक में भारोत्तोलन में रजत पदक जीतकर भारत भर में मुस्कान बिखेर दी attacknews.in

तोक्यो, 24 जुलाई । ओलंपिक की भारोत्तोलन स्पर्धा में पदक के लिये भारत का 21 वर्ष का इंतजार खत्म करने वाली मीराबाई चानू ने 49 किलो वर्ग में रजत पदक जीता तो उनकी विजयी मुस्कान ने उन सभी आंसुओं की भरपाई कर दी जो पांच साल पहले रियो में नाकामी के बाद उनकी आंखों से बहे थे ।

पांच साल पहले खेलों के महासमर में निराशाजनक पदार्पण के बाद इसी मंच से वह रोती हुई गयी थीं।

उनकी इस ऐतिहासिक जीत से भारत पदक तालिका में अभी दूसरे स्थान पर पहुंच गया, देश ने यह उपलब्धि पहले कभी हासिल नहीं की थी।

मणिपुर की 26 साल की भारोत्तोलक ने कुल 202 किग्रा (87 किग्रा + 115 किग्रा) से कर्णम मल्लेश्वरी के 2000 सिडनी ओलंपिक में कांस्य पदक से बेहतर प्रदर्शन किया। इससे उन्होंने 2016 में रियो ओलंपिक के खराब प्रदर्शन को भी पीछे छोड़ दिया जिसमें वह एक भी वैध वजन नहीं उठा सकीं थीं।

करियर की इस शानदार जीत के बाद चानू ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं बहुत खुश हूं, मैं पिछले पांच वर्षों से इसका सपना देख रही थी। इस समय मुझे खुद पर गर्व महसूस हो रहा है। मैंने स्वर्ण पदक की कोशिश की लेकिन रजत पदक भी मेरे लिये बहुत बड़ी उपलब्धि है। ’’

वह पिछले कुछ महीनों से अमेरिका में ट्रेनिंग कर रही थी। 2016 का अनुभव काफी खराब रहा था और उन्होंने इसके बारे में बात करते हुए कहा था कि बड़े मंच पर अपने पदार्पण के दौरान वह कितनी घबरायी हुई थी।

यह पूछने पर कि मणिपुरी होने के नाते इसके क्या मायने है तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं इन खेलों में भारत के लिये पहला पदक जीतकर बहुत खुश हूं। मैं सिर्फ मणिपुर की नहीं हूं, मैं पूरे देश की हूं। ’’

शनिवार को चानू पूरे आत्मविश्वास से भरी थी और पूरे प्रदर्शन के दौरान उनके चेहरे पर मुस्कान रही। और उनके कान में ओलंपिक रिंग के आकार के बूंदे चमक रहे थे जो उनकी मां ने उन्हें भेंट दिये थे।

चीन की होऊ जिहुई ने 210 किग्रा (94 किग्रा +116 किग्रा) के प्रयास से स्वर्ण पदक जीता जबकि इंडोनेशिया की ऐसाह विंडी कांटिका ने 194 किग्रा (84 किग्रा +110 किग्रा) के प्रयास से कांस्य पदक अपने नाम किया।

स्नैच को चानू की कमजोरी माना जा रहा था, लेकिन उन्होंने पहले ही स्नैच प्रयास में 84 किग्रा वजन उठाया। मणिपुर की इस भारोत्तोलक ने समय लेकर वजन उठाया।

उन्होंने अगले प्रयास में 87 किग्रा वजन उठाया और फिर इसे बढ़ाकर 89 किग्रा कर दिया जो उनके व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 88 किग्रा से एक किग्रा ज्यादा था जो उन्होंने पिछले साल राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में बनाया था।

हालांकि वह स्नैच में अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को बेहतर नहीं कर सकीं और स्नैच में उन्होंने 87 किग्रा का वजन उठाया और वह जिहुई से ही इसमें पीछे रहीं जिन्होंने 94 किग्रा से नया ओलंपिक रिकार्ड बनाया।

चीन की भारोत्तोलक का इसमें विश्व रिकार्ड (96 किग्रा) भी है।

क्लीन एवं जर्क में चानू के नाम विश्व रिकार्ड है, उन्होंने पहले दो प्रयासों में 110 किग्रा और 115 किग्रा का वजन उठाया।

हालांकि वह अपने अंतिम प्रयास में 117 किग्रा का वजन उठाने में असफल रहीं लेकिन यह उन्हें पदक दिलाने और भारत का खाता खोलने के लिये काफी था।

पदक जीतकर वह रो पड़ीं और खुशी में उन्होंने अपने कोच विजय शर्मा को गले लगाया। बाद में उन्होंने ऐतिहासिक पोडियम स्थान हासिल करने का जश्न पंजाबी भांगड़ा करके मनाया।

इस उपलब्धि की उनकी खुशी मास्क से भी छुप नहीं रही थी जो पदक समारोह के दौरान और बढ गई।

खेलों के लिये बनाये गये कोविड-19 प्रोटोकॉल में पदक विजेताओं को सामाजिक दूरी बनाये रखनी थी और वे ग्रुप फोटोग्राफ के लिये एक साथ नहीं हो सके।

लेकिन तीनों पदकधारियों ने एक दूसरे को बधाई दी और फोटो भी खिंचवाई लेकिन एक अधिकारी ने उन्हें अलग होने के लिये कह दिया।

इस भारतीय ने अंतरराष्ट्रीय एरीना में हर जगह खुद को साबित किया, बस इसमें ओलंपिक पदक की कमी थी जो अब पूरी हो गयी।

वह विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण, राष्ट्रमंडल खेलों में (2014 में रजत और 2018 में स्वर्ण) दो पदक और एशियाई चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीत चुकी हैं।

उड़न सिख मिल्खा सिंह की हालत पहले से बेहतर है लेकिन वह अब भी ऑक्सीजन पर , सोशल मीडिया पर दिनभर दी जाती रही श्रद्धांजलि attacknews.in

चंडीगढ़, 05 जून । उड़न सिख मिल्खा सिंह की हालत पहले से बेहतर है लेकिन वह अब भी ऑक्सीजन पर हैं।इधर सोशल मीडिया पर निधन की अफवाह पर दिनभर श्रद्धांजलि दी जाती रही ।

मिल्खा के पारिवारिक सूत्रों के अनुसार मिल्खा को कोरोना से संक्रमित होने के बाद तीन जून को पीजीआईएमईआर के आईसीयू में भर्ती कराया गया था।

अस्पताल की तरफ से दोपहर ढाई बजे जारी बुलेटिन के अनुसार आज किये गए मेडिकल मापदंडों के अनुसार मिल्खा की स्थिति कल के मुकाबले बेहतर है और तीन डाक्टरों की टीम उनकी स्थिति पर निगरानी रखे हुए है।

मिल्खा परिवार ने अपने प्रशंसकों को उनकी प्रार्थनाओं और शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद दिया है।

दुबई में 2021 एएसबीसी एशियाई महिला एवं पुरुष मुक्केबाजी चैंपियनशिप में पूजा ने भारत को दिलाया पहला स्वर्ण, मैरीकोम, लालबुतसाही और अनुपमा को मिला रजत attacknews.in

 

दुबई, 30 मई ।भारत की पूजा रानी एशियाई चैम्पियनशिप में अपना खिताब बचाने में सफल रही हैं।

पूजा ने रविवार को दुबई में 2021 एएसबीसी एशियाई महिला एवं पुरुष मुक्केबाजी चैंपियनशिप के 75 किग्रा के फाइनल मुकाबले में उजबेकिस्तान की मावलुदा मोल्दोनोवा को एकतरफा अंदाज में 5-0 से हराते हुए भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया जबकि एमसी मैरीकोम(51 किग्रा), लालबुतसाही (64 किग्रा) और अनुपमा (+81 किग्रा) को अपने अपने वजन वर्गों के फ़ाइनल में हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा।

साल 2019 में खिताब जीतने वाली ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकीं पूजा रानी ने मोल्दोनोवा को 5-0 से हराया।

बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीएफआई) और यूएई बॉक्सिंग फेडरेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप में भारत ने 8 कांस्य और दो रजत के बाद पहला स्वर्ण जीता है।

भारतीय दल अब तक 15 पदक जीत चुका है। बैंकाक में 2019 में भारत ने 13 पदक (2 स्वर्ण, 4 रजत और 7 कांस्य) जीते थे और तालिका में तीसरे स्थान पर रहा था।

हरियाणा के भिवानी की पूजा का एशियाई चैम्पियनशिप में यह चौथा और लगातार दूसरा स्वर्ण पदक है। इंचियोन एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीत चुकीं पूजा ने बैंकाक में 2019 में स्वर्ण जीता था जबकि उससे पहले 2015 में कांस्य और 2012 में रजत पदक जीता था।

इससे पहले, छह बार की विश्व चैम्पियन एमसी मैरी कोम को अपना आइडल मानने वाली भारत की निडर युवा मुक्केबाज लालबुतसाही को फाइनल में हार मिली। पहली बार एशियाई चैम्पियनशिप में खेल रहीं पुलिस में काम करने वाली और 2019 विश्व पुलिस खेलों में स्वर्ण पदक जीतन वाली लालबुतसाही का 64 किग्रा के फाइनल में सामना कजाकिस्तान की मिलाना साफरोनोवा से हुआ। वह अनुभवी साफरोनोवा से बिल्कुल नहीं डरीं और जमकर मुक्के बरसाए लेकिन वह 2-3 से यह मुकाबला हार गईं।

लालबुतसाही से पहले मैरी कोम अपने रिकार्ड छठे स्वर्ण से महरूम रह गईं थी। मैरी को 51 किग्रा वर्ग के फाइनल में दो बार की विश्व चैंपियन नाज़िम काज़ैबे ने 3-2 से हराया। मैरी ने एशियाई चैम्पियनशिप में सातवीं बार हिस्सा लेते हुए दूसरी बार रजत पदक जीता है। उनके नाम पांच स्वर्ण और दो रजत हैं।

मैरी कोम और लैशराम सरिता देवी ने एशियाई चैम्पियनशिप में पांच-पांच स्वर्ण पदक जीते हैं। इस महान मुक्केबाज ने 2003, 2005, 2010, 2012 और 2017 संस्करणों में स्वर्ण जीता था जबकि 2008 औऱ इस साल उनके हिस्से में रजत पदक आया था।

अनुपमा को 81 किग्रा से अधिक के वजन वर्ग में कजाखस्तान की लज्जत कुंजईबायेवा से नजदीकी मुकाबले में 2-3 से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा।

पुरुष वर्ग में मौजूदा चैम्पियन अमित पंघल, अब तक इस टूर्नामेंट में पांच पदक अपने नाम कर चुके शिवा थापा (64 किग्रा) और संजीत (91 किग्रा) सोमवार को अंतिम बार एक्शन में दिखेंगे। .

इस साल की खास बात यह है कि चैम्पियनशिप की पुरस्कार राशि में भारी इजाफा किया गया है। इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन (एआईबीए) ने इस चैंपियनशिप के लिए 4,00,000 अमेरिकी डॉलर की पुरस्कार राशि आवंटित की है। पुरुषों और महिलाओं की श्रेणियों के स्वर्ण पदक विजेताओं को 10,000 अमेरीकी डालर से सम्मानित किया जाएगा, जबकि रजत और कांस्य पदक विजेताओं को क्रमशः 5,000 अमेरीकी डालर और 2,500 अमेरीकी डालर का पुरस्कार दिया जाएगा।

आठ भारतीय मुक्केबाज सिमरनजीत कौर (60 किग्रा), विकास कृष्ण (69 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा), जैस्मीन (57 किग्रा), साक्षी चौधरी (64 किग्रा), मोनिका (48 किग्रा), स्वीटी (81 किग्रा) और वरिंदर सिंह (60 किग्रा) को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। इन सबने देश के लिए कांस्य पदक हासिल किया है।

उल्लखनीय है कि भारत, उज्बेकिस्तान, मंगोलिया, फिलीपींस और कजाकिस्तान जैसे मजबूत मुक्केबाजी राष्ट्रों सहित 17 देशों के 150 मुक्केबाजों ने इस चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया।

आईपीएल 2021 सीजन के बाकी बचे 31 मैच सितंबर-अक्टूबर में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में होंगे;बीसीसीआई की जनरल मीटिंग में फैसला attacknews.in

नयी दिल्ली, 29 मई । आईपीएल 2021 सीजन के बाकी बचे 31 मैच सितंबर-अक्टूबर में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में होंगे।

भारतीय क्रिकेट कंट्राेल बाेर्ड (बीसीसीआई) ने शनिवार को वर्चुअल रूप से आयोजित अपनी विशेष आम बैठक (एसजीएम) में यह फैसला लिया है।

वहीं बीसीसीआई ने आगामी टी-20 विश्व कप की मेजबानी के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से और समय मांगा है जो मूल रूप से अक्टूबर के मध्य और 14 नवंबर के बीच भारत में आयोजित होना है।

समझा जाता है कि बीसीसीआई ने आईपीएल को दोबारा शुरू करने के लिए अस्थायी रूप से 20 सितंबर की तारीख निर्धारित की है।

बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने शनिवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “ भारत में मानसून के सीजन के मद्देनजर शेष आईपीएल 2021 सत्र को इस साल सितंबर-अक्टूबर में यूएई में आयाेजित करने का फैसला लिया गया है, क्योंकि आमतौर पर मानसून जून और अक्टूबर की शुरुआत के बीच होता है। ”
शेष आईपीएल के लिए सीमित विंडो में बीसीसीआई के सामने कई बाधाएं हैं, जिसमें सबसे पहली दुविधा इंग्लैंड में भारत की पांच मैचों की टेस्ट सीरीज है जो चार अगस्त को शुरू होगी और 14 सितंबर को समाप्त। ऐसे में बीसीसीआई के लिए सितंबर की शुरुआत में आईपीएल को शुरू करना मुमकिन नहीं है। वहीं इंग्लैंड के खिलाड़ी आईपीएल में उपलब्ध नहीं होंगे, क्योंकि भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज के करीब एक हफ्ते बाद इंग्लैंड को बंगलादेश के दौरे पर जाना है और उसके बाद पाकिस्तान के खिलाफ उसके घर पर सफेद गेंद श्रृंखला खेलनी है, जो अक्टूबर के मध्य तक चलने की उम्मीद है। इस कारण इंग्लैंड के खिलाड़ियों की अनुपलब्धता कई फ्रेंचाइजियों को चिंता का विषय है।

इसके अलावा दूसरी प्रमुख चुनौती कैरिबियाई प्रीमियर लीग (सीपीएल) है, जिसने शुक्रवार को खिलाड़ियों के मसौदे की घोषणा करते हुए दोहराया कि 2021 संस्करण 28 अगस्त से 19 सितंबर के बीच आयोजित किया जाएगा। कई शीर्ष कैरिबियाई खिलाड़ी और कई अन्य विदेशी खिलाड़ी और कोचिंग स्टाफ सीपीएल में शामिल हैं। इसके मद्देनजर बीसीसीआई ने सीपीएल के साथ बातचीत शुरू की है और उन्हें अपने शैड्यूल में बदलाव करने का आग्रह किया है, ताकि खिलाड़ियों को सीपीएल के आयोजन स्थल सेंट किट्स से यूएई में बायो-बबल में जल्द स्थानांतरित किया जा सके, हालांकि बीसीसीआई के लिए यह आसान काम नहीं होगा।

बीसीसीआई ने कहा कि एसजीएम ने पदाधिकारियों को आईसीसी से टी-20 विश्व कप की मेजबानी को लेकर उचित फैसला लेने के लिए और समय की मांग करने के लिए कहा है। उल्लेखनीय है कि यह मुद्दा एक जून को होने वाली आईसीसी बोर्ड की बैठक के एजेंडे के प्रमुख मुद्दों में से एक है, जिसमें बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरभ गांगुली के हिस्सा लेने की उम्मीद है।

समझा जाता है कि एसजीएम में घरेलू खिलाड़ियों को भुगतान का मामला चर्चा में नहीं लाया गया। इन खिलाड़ियों को कई टूर्नामेंट आयोजित नहीं किए जाने के बाद भुगतान किया जाना था। एक क्रिकेट संघ ने चर्चा के लिए इस मुद्दे को उठाया भी, लेकिन अध्यक्ष सौरभ गांगुली और उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने यह कहते हुए इस पर चर्चा से इंकार कर दिया कि यह एजेंडा का हिस्सा नहीं है।

वहीं आईसीसी ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि टी-20 विश्व कप, जो 16-20 अक्टूबर से 14 नवंबर के बीच होने की संभावना है, की विंडो को बदला नहीं जा सकता है।

आईसीसी ने यह भी कहा है कि बीसीसीआई इस बात पर विचार करे कि क्या टी-20 विश्व कप में 16 टीम हिस्सा लें या नहीं। साथ ही बीसीसीआई यह भी बताए कि क्या टी-20 विश्व भारत में आयोजित किया जा सकता है या इसे यूएई में स्थानांतरित किया जाना चाहिए, जिसे बैक-अप स्थल के रूप में नामित किया गया है।

मध्यप्रदेश के सभी खेल अलंकरण पुरस्कारों के आवदेन की तिथि बढ़ी,आवेदन 15 जून तक आमंत्रित attacknews.in

 

भोपाल,27 मई ।मध्यप्रदेश के खेल एवं युवा कल्‍याण विभाग ने विक्रम, एकलव्‍य, विश्‍वामित्र, प्रभाष जोशी और लाईफ टाईम एचीवमेंट पुरस्‍कार के लिये आगामी 15 जून तक आवेदन पत्र आमंत्रित किये हैं।

जिला खेल एवं युवा कल्‍याण अधिकारी ने बताया कि पात्र एवं इच्‍छुक खिलाड़ी निर्धारित तिथि तक जिला खेल और युवा कल्याण कार्यालय अथवा संचालनालय खेल और युवा कल्याण टी.टी.नगर स्टेडियम भोपाल में ऑफलाईन आवेदन 15 जून तक कर सकते

मध्यप्रदेश में खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा वर्ष 2020 के एकलव्य पुरस्कार, विक्रम पुरस्कार, विश्वामित्र पुरस्कार, लाइफ टाईम एचीव्हमेंट एवं स्व. प्रभाष जोशी खेल पुरस्कार के लिए आवदेन करने की अंतिम तिथि अब 15 जून तक बढ़ा दी गई है।

संचालक खेल और युवा कल्याण पवन जैन ने बताया कि वर्ष 2020 के एकलव्य पुरस्कार, विक्रम पुरस्कार, विश्वामित्र पुरस्कार, लाइफ टाईम एचीव्हमेंट एवं स्व. प्रभाष जोशी खेल पुरस्कार के लिए पूर्व में 30 जून 2020 तक ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए थे, लेकिन कोविड-19 संक्रमण को ध्यान में रखते हुए आवदेन की तिथि में बढ़ोतरी की गई है। जिन खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों एवं खेल हस्तियों ने पूर्व में किन्हीं कारणों के चलते आवेदन नहीं कर पाए वह अपने जिले के जिला खेल और युवा कल्याण कार्यालय अथवा संचालनालय खेल और युवा कल्याण, टी.टी. नगर स्टेडियम भोपाल में ऑफलाईन आवेदन 15 जून तक प्रस्तुत कर सकते हैं। ऐसे आवेदक जिन्होंने वर्ष 2020 के अवार्ड हेतु ऑनलाईन आवेदन पूर्व में जमा करा दिए हैं उन्हें दोबारा आवेदन करने की जरूरत नहीं है। आवेदन-पत्र विभागीय वेबसाइट से भी डाउनलोड किया जा सकता है।

सात राज्यों में 143 खेलो इंडिया केंद्र खोलेगी भारत सरकार;महाराष्ट्र, मिजोरम, गोवा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में स्थापित होने वाले प्रत्येक केंद्र में किसी एक खेल की सुविधा उपलब्ध होगी attacknews.in

नयी दिल्ली, 25 मई । खेल मंत्रालय ने जमीनी स्तर पर प्रतिभाओं को निखारने के लिये सात राज्यों में कुल 143 खेलो इंडिया केंद्र खोलने का फैसला किया है जिस पर कुल 14.30 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

इन केंद्रों को महाराष्ट्र, मिजोरम, गोवा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में स्थापित किया जाएगा। प्रत्येक केंद्र में किसी एक खेल की सुविधा उपलब्ध होगी।

खेल मंत्री कीरेन रीजीजू ने बयान में कहा, ‘भारत को 2028 ओलंपिक में शीर्ष दस देशों में शामिल करने का हमारा प्रयास है। इसे हासिल करने के लिये हमें खिलाड़ियों की उनकी छोटी उम्र में ही पहचान करने और उन्हें निखारने की आवश्यकता है। ‘ उन्होंने कहा, ‘जिलास्तरीय खेलो इंडिया केंद्रों पर अच्छे प्रशिक्षकों और उपकरणों की मौजूदगी में मुझे विश्वास है कि हम सही समय पर सही खेल के लिये सही बच्चे ढूंढने में सफल रहेंगे।’ मंत्रालय ने जून 2020 में चार साल में 1000 खेलो इंडिया केंद्र खोलने की योजना बनायी थी। इनमें से कम से कम प्रत्येक जिले में एक केंद्र खोलने की योजना है।

इनमें से 217 केंद्र पहले ही कई राज्यों में खोले जा चुके हैं। इसके अलावा मंत्रालय ने पूर्वोत्तर, जम्मू—कश्मीर, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप और लद्दाख के प्रत्येक जिले में दो — दो केंद्र खोलने का फैसला किया था।

राज्यवार खेलो इंडिया केंद्रों का विवरण इस प्रकार है महाराष्ट्र: 3.60 करोड़ रुपये के बजट अनुमान के साथ 30 जिलों में 36 खेलो इंडिया केंद्र।

मिजोरम: 20 लाख रुपये के बजट अनुमान के साथ कोलासिब जिले में दो खेलो इंडिया केंद्र।

अरुणाचल प्रदेश: 4.12 करोड़ रुपये के बजट अनुमान के साथ 26 जिलों में 52 खेलो इंडिया केंद्र।

मध्य प्रदेश: 40 लाख रुपये के बजट अनुमान के साथ चार खेलो इंडिया केंद्र।

कर्नाटक: 3.10 करोड़ रुपये के बजट अनुमान के साथ 31 खेलो इंडिया केंद्र।

मणिपुर: 1.60 करोड़ रुपये के बजट अनुमान के साथ 16 खेलो इंडिया केंद्र।

गोवा: 20 लाख रुपये के बजट अनुमान के साथ दो खेलो इंडिया केंद्र।

कोरोना के आगे आईपीएल भी पस्त :बायो बबल में भी कई मामले आने के बाद लीग अनिश्चितकाल के लिये स्थगित,बाकी मैच कब होंगे,पता नहीं? attacknews.in

नयी दिल्ली, चार मई । जैव सुरक्षित वातावरण (बायो बबल) में कोविड-19 के कई मामले पाये जाने के कारण पिछले लगभग एक महीने से सुचारू रूप से चल रहे इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) को मंगलवार को अनिश्चितकाल के लिये स्थगित कर दिया गया।

लीग के चेयरमैन बृजेश पटेल ने कहा, ‘‘टूर्नामेंट को अनिश्चितकाल के लिये निलंबित कर दिया गया है। हम अगले उपलब्ध समय में इस प्रतियोगिता का आयोजन करने की कोशिश करेंगे लेकिन इस महीने ऐसी संभावना नहीं है। ’’

यह घोषणा सनराइजर्स हैदराबाद के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा और दिल्ली कैपिटल्स के स्पिनर अमित मिश्रा के कोविड-19 के लिये पॉजिटिव पाये जाने के बाद की गयी।

बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने कहा, ‘‘हम देखेंगे कि कया साल के दौरान बाद में हमें आईपीएल आयोजन के लिये कोई उपयुक्त समय मिल सकता है। यह सितंबर हो सकता है लेकिन अभी यह केवल कयास होंगे। अभी की स्थिति यह है कि हम टूर्नामेंट का आयोजन नहीं कर रहे हैं।’’

इससे पहले सोमवार को चेन्नई सुपर किंग्स के गेंदबाजी कोच एल बालाजी तथा कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के गेंदबाजों संदीप वारियर्स और वरुण चक्रवर्ती के परिणाम भी पॉजिटिव आये थे।

इससे पहले संक्रमण बढ़ने के कारण दो आईपीएल मैचों को स्थगित कर दिया गया था।

लीग के आयोजकों ने औपचारिक बयान भी जारी किया और कहा कि उसके खिलाड़ियों और स्टाफ की सुरक्षा सर्वोपरि है।

बयान में कहा गया है, ‘‘इंडियन प्रीमियर लीग संचालन परिषद (आईपीएल जीसी) और भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने एक आपात बैठक में आईपीएल 2021 को तुरंत प्रभाव से अनिश्चितकाल के लिये स्थगित करने का सर्वसम्मत फैसला किया।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘बीसीसीआई खिलाड़ियों, सहयोगी स्टाफ और आईपीएल के आयोजन में शामिल अन्य भागीदारों की सुरक्षा से समझौता नहीं करना चाहता। यह फैसला सभी हितधारकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर किया गया। ’’

आईपीएल ने इसके साथ ही कहा कि बीसीसीआई खिलाड़ियों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिये अपनी तरफ से हर तरह के प्रयास करेगा। आईपीएल में इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड सहित कई अन्य देशों के खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं।

आईपीएल ने कहा, ‘‘यह मुश्किल समय है विशेषकर भारत में और हमने कुछ सकारात्मकता और खुशी लाने की कोशिश की लेकिन अब जरूरी है कि टूर्नामेंट निलंबित किया जाए और हर कोई इस मुश्किल दौर में वापस अपने परिवार और प्रियजनों के पास चला जाए।’’

उसने कहा, ‘बीसीसीआई आईपीएल 2021 में भाग ले रहे भागीदारों की सुरक्षित वापसी के लिये अपनी तरफ से हर संभव प्रयास करेगा। ’’

टूर्नामेंट नौ अप्रैल को शुरू हुआ था तथा केकेआर में मामले पाये जाने तक यह सहजता से आगे बढ़ रहा था।

साथ ही दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान के कुछ मैदानकर्मी पॉजिटिव पाए गए हैं। दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अध्यक्ष रोहन जेटली ने हालांकि कहा कि इनमें कोई भी मैदानकर्मी वह नहीं है जिसे मैदान पर जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

इससे कुछ दिन पहले आस्ट्रेलिया के तीन खिलाड़ी कोविड-19 की चिंताओं के कारण लीग से हट गये थे।

कोविड-19 के कारण 2020 में आईपीएल का आयोजन यूएई में जैव सुरक्षित वातावरण में किया गया था। तब केवल टूर्नामेंट से पहले संक्रमण के कुछ मामले सामने आये थे।

भारत में अभी प्रतिदिन तीन लाख से अधिक माामले सामने आ रहे हैं जबकि हर दिन 3000 से अधिक लोगों की मौत हो रही है।

आस्ट्रेलिया की गाबा में 32 वर्षों से चली आ रही बादशाहत भी खत्म,टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम पारियों में 1000 रन पूरे करने वाले भारतीय विकेटकीपर बने ॠषभ पंत ने महेन्द्र सिंह धोनी का रिकार्ड तोड़ा attacknews.in

ब्रिसबेन, 19 जनवरी ।आस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे और आखिरी क्रिकेट टेस्ट में भारत की जीत के नायकों में रह ऋषभ पंत ने महेंद्र सिंह धोनी का रिकार्ड तोड़ दिया और वह सबसे तेज 1000 टेस्ट रन बनाने वाले भारतीय विकेटकीपर बन गए ।

पंत ने यह आंकड़ा 27वीं पारी में छुआ जबकि धोनी ने 32 टेस्ट पारियों में 1000 रन पूरे किये थे । पंत ने चौथे टेस्ट के पांचवें और आखिरी दिन यह रन पूरे किये । वह 89 रन बनाकर नाबाद रहे ।

भारत ने यह श्रृंखला 2 . 1 से जीती । इससे पहले सिडनी में तीसरे टेस्ट में भी पंत ने 97 रन की पारी खेली थी जिसे भार ने ड्रॉ कराया था ।

इंग्लैंड के खिलाफ 2018 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाले पंत इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया में शतक जमाने वाले भारत के अकेले विकेटकीपर बल्लेबाज हैं ।

पिछली बार 2018 . 19 के आस्ट्रेलिया दौरे पर भी उन्होंने सिडनी में नाबाद 159 रन बनाये थे जो उनका सर्वोच्च टेस्ट स्कोर है।

अब तक वह 16 टेस्ट में 1088 रन बना चुके हैं जिसमें दो शतक और चार अर्धशतक शामिल हैं

अपने दो युवा बल्लेबाजों शुभमन गिल और ऋषभ पंत की आकर्षक अर्धशतकीय पारियों के दम पर भारत ने चौथे और अंतिम टेस्ट क्रिकेट मैच में तीन विकेट से ऐतिहासिक जीत दर्ज करके श्रृंखला अपने नाम करने के साथ आस्ट्रेलिया की गाबा में 32 वर्षों से चली आ रही बादशाहत भी खत्म कर दी।

भारत ने एडीलेड में पहला टेस्ट मैच गंवाने के बाद शानदार वापसी की और आस्ट्रेलिया को उसकी सरजमीं पर लगातार दूसरी बार श्रृंखला में 2-1 से हराकर बोर्डर-गावस्कर ट्राफी अपने पास बरकरार रखी। भारत ने यह जीत तब दर्ज की जबकि उसके कई शीर्ष खिलाड़ी चोटिल होने या अन्य कारणों से टीम में नहीं थे।

शुभमन गिल शतक से चूक गये लेकिन उन्होंने 91 रन की प्रवाहमय पारी खेली जबकि पंत ने आक्रामकता और रक्षण की अच्छी मिसाल पेश करके नाबाद 89 रन बनाये। भारत के सामने 328 रन का लक्ष्य था और उसने सात विकेट पर 329 रन बनाकर गाबा में अपनी पहली जीत दर्ज की।

इन सबके बीच चेतेश्वर पुजारा की 211 गेंदों पर खेली गयी 56 रन की पारी खेलकर फिर से अपना जुझारूपन दिखाया। उन्होंने अपने इन दोनों युवा साथियों को खुलकर खेलने का मौका दिया। पुजारा ने गिल के साथ 240 गेंदों पर 114 और पंत के साथ 141 गेंदों पर 61 रन की उपयोगी साझेदारियां की।

आस्ट्रेलिया ने गाबा में आखिरी टेस्ट मैच 1988 में वेस्टइंडीज के खिलाफ गंवाया था। इसके बाद से उसे इस मैदान पर कभी हार नहीं मिली।

आस्ट्रेलिया ने नयी गेंद से पुजारा और मयंक अग्रवाल (नौ) के विकेट लिये लेकिन पंत ने दूसरे छोर से रन बनाने जारी रखे और वाशिंगटन सुंदर (22) ने उनका पूरा साथ दिया। आस्ट्रेलियाई खेमे में हताशा साफ नजर आ रही थी।

सुंदर ने कमिन्स की लगातार गेंदों पर छक्का और चौका लगाकर माहौल बदला जबकि पंत ने लियोन पर लगातार दो चौके लगाये। पंत के साथ छठे विकेट के लिये 53 रन जोड़कर सुंदर लियोन की गेंद पर बोल्ड हो गये।

पहली पारी में 67 रन बनाने वाल शार्दुल ठाकुर ने आसान कैच दे दिया लेकिन पंत डिगे नहीं। उन्होंने जोश हेजलवुड पर विजयी चौका लगाया।

भारत आखिरी दिन अगर 325 रन बना पाया तो इसका पूरा श्रेय गिल और पंत को जाता है। रोहित शर्मा (सात) के सुबह जल्दी आउट होने के बावजूद गिल ने मजबूत इरादों के साथ बल्लेबाजी की।

दिन के पहले भाग में गिल छाये रहे तो बाद में पंत ने जलवा दिखाया। इन दोनों पर इस बीच पुजारा की छत्रछाया भी बनी रही जिनके खिलाफ आस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों ने लगातार शार्ट पिच गेंदें की जिनमें से कई उनके शरीर पर भी लगी।

गिल अपने पूरे प्रवाह में दिखे और उन्होंने किसी भी ढीली गेंद को नहीं बख्शा। इस 21 वर्षीय बल्लेबाज ने सहजता से कट और ड्राइव किये और कुछ शार्ट पिच गेंदों खूबसूरत पुल शॉट भी लगाये। उन्होंने अपना दूसरा अर्धशतक पूरा करने के बाद मिशेल स्टार्क के बाउंसर को बैकवर्ड प्वाइंट पर छह रन के लिये भी भेजा। इसी गेंदबाज पर उन्होंने लंच के बाद छक्का और फिर लगातार तीन चौके लगाये।

जब भारत एक आकर्षक शतक का इंतजार कर रहा था तब अपना 100वां टेस्ट मैच खेल रहे नाथन लियोन (85 रन देकर दो) की आफ स्टंप से बाहर जाती गेंद को ड्राइव करने की कोशिश में उन्होंने स्लिप में स्टीव स्मिथ को कैच दे दिया। गिल ने 146 गेंदें खेली तथा आठ चौके और दो छक्के लगाये।

कप्तान अजिंक्य रहाणे (24) ने सकारात्मक अंदाज में बल्लेबाजी की। उन्होंने लियोन पर मिडविकेट क्षेत्र में छक्का भी जमाया लेकिन पैट कमिन्स (55 रन देकर चार) की कोण लेती गेंद पर उहापोह में उन्होंने विकेट के पीछे आसान कैच दे दिया।

मैन आफ द मैच पंत को अग्रवाल से पहले भेजने का मतलब साफ था कि भारत जीतने का प्रयास करेगा। तीसरे सत्र में कुछ समय तक संभलकर खेलने के बाद उन्होंने हाथ खोलने शुरू किये। लियोन के एक ओवर में चूकने के बाद अगले ओवर में उन्होंने गेंद छह रन के लिये भेजी।

पुजारा ने 196 गेंदों में अपना 28वां अर्धशतक पूरा किया जो उनका सबसे धीमा पचासा भी है लेकिन आस्ट्रेलिया ने 80 ओवर के बाद नयी गेंद ली और कमिन्स ने दूसरी गेंद पर ही भारतीय दीवार को पगबाधा आउट कर दिया। पुजारा ने डीआरएस भी लिया लेकिन रीप्ले से लगा कि गेंद गिल्ली पर लगती और अंपायर ब्रूक्स ऑक्सनफोर्ड का फैसला बना रहा।

अपनी पारी के दौरान टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम पारियों में 1000 रन पूरे करने वाले भारतीय विकेटकीपर बने पंत ने लियोन के सामने सतर्कता बरती लेकिन पुजारा के पवेलियन लौटने के बाद खूबसूरत ड्राइव से स्कोर बोर्ड चलायमान कर दिया और फिर अपना तीसरा अर्धशतक पूरा किया।

इस मैच में मध्यक्रम के बल्लेबाज के रूप में खेल रहे अग्रवाल नयी गेंद के सामने ज्यादा देर तक नहीं टिक पाये। सुंदर फिर से दृढ़ इरादों के साथ क्रीज पर उतरे थे और पंत के साथ उनकी साझेदारी महत्वपूर्ण साबित हुई।

BCCI देगी 5-5 करोड़ रूपये बोनस:

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने भारतीय क्रिकेट टीम को आस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों की श्रृंखला में 2-1 से जीत के साथ बोर्डर-गावस्कर ट्राफी बरकरार रखने के लिये पांच करोड़ रुपये बोनस देने की घोषणा की।

भारत ने चौथे और अंतिम टेस्ट मैच के आखिरी दिन 328 रन का लक्ष्य हासिल करके ब्रिसबेन के गाबा में पिछले 32 साल से चली आ रही आस्ट्रेलियाई बादशाहत खत्म की। बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह ने इसके तुरंत बाद ट्वीट करके भारतीय टीम को बधाई दी और बोनस की घोषणा की।

गांगुली ने ट्वीट किया, ‘‘उल्लेखनीय जीत। आस्ट्रेलिया जाकर इस तरह से टेस्ट श्रृंखला में जीत दर्ज करना भारतीय क्रिकेट के इतिहास में हमेशा याद रखी जाएगी। बीसीसीआई ने भारतीय टीम के लिये पांच करोड़ रुपये बोनस की घोषणा की है। यह जीत किसी भी संख्या से बढ़कर है। टीम का प्रत्येक सदस्य बधाई का पात्र है। ’’

शाह ने उनसे ठीक पहले ट्वीट किया, ‘‘बीसीसीआई ने टीम के लिये बोनस के तौर पर पांच करोड़ रुपये देने की घोषणा की है। यह भारतीय क्रिकेट के लिये विशेष क्षण हैं। टीम ने अपने जज्बे और कौशल का बेजोड़ नमूना पेश किया।’’।

ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम नस्लभेद का शिकार: तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के बाद मोहम्मद सिराज को दर्शकों की भीड़ ने ‘ब्राउन डॉग’, ‘बिग मंकी’ कहा,2007-08 में हुए दौरे के ‘मंकीगेट’ प्रकरण की याद ताजा हो गयी attacknews.in

नयी दिल्ली/ सिडनी/ दुबई , 10 जनवरी । भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अधिकारी ने आरोप लगाया है कि भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज को रविवार को तीसरे टेस्ट के दौरान आस्ट्रेलियाई दर्शकों के एक समूह ने नस्ली टिप्पणियां करते हुए ‘ब्राउन डॉग’ और ‘बिग मंकी’ कहा। इन दर्शकों को बाद में सिडनी क्रिकेट मैदान (एससीजी) से बाहर कर दिया गया।

सिराज और टीम के उनके सीनियर साथी जसप्रीत बुमराह को शनिवार को भी नस्ली टिप्पणियों का सामना करना पड़ा था जिसकी शिकायत भारतीय टीम प्रबंधन ने औपचारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के मैच रैफरी डेविड बून से की थी।

बीसीसीआई सूत्र ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘‘सिराज को ‘ब्राउन डॉग’ और ‘बिग मंकी’ कहा गया जो दोनों नस्ली टिप्पणी हैं। मैदानी अंपायरों को तुरंत इस मामले की जानकारी दी गई। वे बुमराह को भी लगातार अपशब्द कह रहे थे।’’

रविवार को आस्ट्रेलिया की दूसरी पारी के 86वें ओवर के दौरान सिराज को बाउंड्री से आकर स्क्वायर लेग अंपायर से बात करते देखा गया जिसके बाद गेंदबाजी छोर के अंपायर और बाकी सीनियर खिलाड़ी भी वहां आकर चर्चा करने लगे।

खेल लगभग 10 मिनट रुका रहा जिसके बाद स्टेडियम के सुरक्षाकर्मी और न्यू साउथ वेल्स पुलिस के कर्मचारी संबंधित स्टैंड में गए जहां से अपशब्द कहे जा रहे थे।

समीप के क्षेत्र में बैठे लोगों से बात करने के बाद पुलिस ने छह समर्थकों को स्टेडियम से बाहर निकाल दिया और अब ये न्यू साउथ वेल्स पुलिस की हिरासत में हैं।

पता चला है कि शनिवार को भारतीय टीम ने तीसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद मैच अधिकारियों को दर्शकों के दुर्व्यवहार के बारे में बताया था लेकिन तब तक वे स्टेडियम से जा चुके थे।

सूत्र ने कहा, ‘‘असल में खिलाड़ी मैच के दौरान अपना ध्यान नहीं भटकाना चाहते थे और फैसला किया गया कि दिन का खेल खत्म होने के बाद इस मामले की शिकायत की जाएगी। हालांकि अंपायरों ने हमें कहा कि जब भी इस तरह की कोई चीज हो तो खिलाड़ी तुरंत इसकी जानकारी दें।’’

क्रिकेट आस्ट्रेलिया ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का वादा किया है और मेहमान टीम से माफी भी मांगी है।

भारतीय खिलाड़ियों ने दर्शकों के खराब बर्ताव की शिकायत की, सीए ने माफी मांगी

भारत और आस्ट्रेलिया के बीच तीसरे क्रिकेट टेस्ट के चौथे दिन रविवार को कुछ मिनट के लिए खेल रुका जब मेहमान टीम के खिलाड़ियों ने यहां सिडनी क्रिकेट मैदान (एससीजी) पर दर्शकों द्वारा अपशब्दों की शिकायत की।

मेजबान बोर्ड क्रिकेट आस्ट्रेलिया (सीए) ने इसके बाद माफी मांगी और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का वादा किया।

इससे पहले कल भी एससीजी पर नशे में धुत्त एक दर्शक ने कथित तौर पर भारतीय खिलाड़ियों जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज पर नस्ली टिप्पणी की थी। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से इसकी शिकायत की है।

सीए के इंटिग्रिटी एवं सुरक्षा प्रमुख सीन केरोल ने कहा, ‘‘क्रिकेट आस्ट्रेलिया हर तरह के भेदभावपूर्ण व्यवहार की कड़ी निंदा करता है।’’

स्थानीय मीडिया की खबरों के अनुसार सुरक्षाकर्मियों ने छह लोगों को मैदान से बाहर निकाला जबकि इस दौरान लगभग दस मिनट तक खेल रुका रहा।

केरोल ने कहा, ‘‘श्रृंखला का मेजबान होने के नाते हम भारतीय क्रिकेट टीम में अपने मित्रों से माफी मांगते हैं और उन्हें आश्वासन देते हैं कि हम इस मामले में कड़ी कार्रवाई करेंगे।’’

रविवार को चौथे दिन के दूसरे सत्र के दौरान भारतीय खिलाड़ी मैदान के बीच एकत्रित हो गए जब स्क्वायर लेग बाउंड्री पर खड़े सिराज ने अपशब्द कहे जाने की शिकायत की। इससे पहले सिराज के ओवर में कैमरन ग्रीन ने लगातार दो छक्के जड़े थे।

इसके बाद सुरक्षाकर्मी दर्शक दीर्घा में गए और अपशब्द कहने वाले व्यक्ति को ढूंढने लगे और फिर दर्शकों के एक समूह को स्टैंड से जाने को कहा गया।

केरोल ने कहा, ‘‘अगर आप नस्ली अपशब्द का इस्तेमाल करते हो तो आस्ट्रेलियाई क्रिकेट में आपका स्वागत नहीं है। सीए को शनिवार को सिडनी क्रिकेट मैदान पर की गई शिकायत के मामले में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की जांच के नतीजे का इंतजार है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जिम्मेदार लोगों की पहचान होने के बाद सीए अपनी उत्पीड़न रोधी संहिता के तहत कड़े कदम उठाएगा जिसमें लंबे प्रतिबंध और न्यू साउथ वेल्स पुलिस के पास मामला भेजना भी शामिल है।’’

अंपायरों को भी इस दौरान खिलाड़ियों से बात करते देखा गया। खिलाड़ियों की तरफ हालांकि कोई चीज नहीं फेंकी गई।

न्यू साउथ वेल्स स्थल की मुख्य कार्यकारी केरी माथेर ने कहा कि जिम्मेदार लोगों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच जा रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम इसे बेहद गंभीरता से ले रहे हैं। अगर इससे जुड़े लोगों की पहचान होती है तो उन्हें हमारे कानून के तहत सिडनी क्रिकेट ग्रांउड और न्यू साउथ वेल्स के अंतर्गत आने वाले सभी स्थलों से प्रतिबंधित किया जाएगा।’’

भारतीय अपने खिलाड़ियों के साथ हुई इस घटना से नाराज थे और दर्शकों को स्टैंड से बाहर किए जाने के बाद मामला शांत हुआ।

पता चला है कि भारतीय टीम के साथ पहली बार दौरे पर आए सिराज अपने कप्तान अजिंक्य रहाणे और मैदानी अंपायरों के पास पहुंचे और अपने साथ जो हुआ उसकी शिकायत की। शनिवार को भी इसी स्थान पर क्षेत्ररक्षण करते हुए सिराज को अपशब्दों का सामना करना पड़ा था।

रहाणे को इसके बाद सिराज के कंधे पर हाथ रखकर स्टैंड पर एक समूह की ओर इशारा करते देखा गया जबकि इस दौरान वह अंपायरों से बात कर रहे थे और सुरक्षाकर्मी भी इस दौरान अपने काम में लग गए।

मैच के तीसरे दिन नशे में धुत्त एक दर्शक ने कथित तौर पर सिराज को ‘बंदर’ कहा था जिससे 2007-2008 श्रृंखला के कुख्यात ‘मंकीगेट’ प्रकरण की यादें ताजा हो गई थी।

मंकीगेट प्रकरण भी सिडनी टेस्ट के दौरान हुआ था जब एंड्रयू साइमंड्स ने दावा किया था कि हरभजन सिंह ने कई बार उनके प्रति नस्ली टिप्पणी की। भारतीय आफ स्पिनर को हालांकि सुनवाई के दौरान इस मामले में पाक साफ करार दिया गया।

आईसीसी ने सिडनी टेस्ट में नस्लवाद की आलोचना की, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया से कार्रवाई रिपोर्ट मांगी

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने रविवार को सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट के दौरान दर्शकों द्वारा भारतीय खिलाड़ियों के खिलाफ नस्ली दुर्व्यवहार की घटनाओं की निंदा की और मेजबान देश के क्रिकेट बोर्ड से कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी।

रविवार को चौथे दिन के दूसरे सत्र के दौरान भारतीय खिलाड़ी मैदान के बीच में एकत्रित हो गए जब स्क्वायर लेग बाउंड्री पर खड़े सिराज ने अपशब्द कहे जाने की शिकायत की।

इसके बाद सुरक्षाकर्मी दर्शक दीर्घा में गए और अपशब्द कहने वाले व्यक्ति को ढूंढने लगे और फिर दर्शकों के एक समूह को स्टैंड से जाने को कहा गया। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड ने इस पर माफी मांगी।

आईसीसी से जारी बयान में कहा गया, ‘‘ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद सिडनी क्रिकेट मैदान में ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच चल रहे तीसरे टेस्ट मैच के दौरान नस्लवाद की घटनाओं की कड़ी निंदा करता है और इसकी जांच में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को सभी आवश्यक समर्थन देने की पेशकश करता है।’’

आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनु साहनी ने इस बात को दोहराया कि आईसीसी किसी भी तरह के भेदभाव के प्रति शून्य-सहिष्णुता की नीति अपनाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे खेल में भेदभाव के लिए कोई जगह नहीं है और हम अविश्वसनीय रूप से निराश हैं कि प्रशंसकों का एक छोटा समूह ऐसा सोचता है कि यह घृणित व्यवहार स्वीकार्य है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे पास एक व्यापक भेदभाव-रोधी नीति है, जिसका सदस्यों को पालन करने के साथ यह भी सुनिश्चित करना है कि प्रशंसकों द्वारा इसका पालन किया जाए । हम मैदान के अधिकारियों और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया द्वारा की गई कार्रवाई का स्वागत करते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हम क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और संबंधित अधिकारियों को मामले की किसी भी जांच में अपना पूर्ण समर्थन प्रदान करेंगे क्योंकि हम अपने खेल में किसी भी नस्लवाद को बर्दाश्त नहीं करेंगे।’’

रविवार की हुई इस घटना से पहले मैच के तीसरे दिन शनिवार को नशे में धुत एक दर्शक ने जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज पर नस्ली टिप्पणी की थी।

आईसीसी की भेदभाव-रोधी नीति के तहत, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को अब ‘इस मुद्दे की जांच कर आईसीसी को एक रिपोर्ट सौंपनी होगी जिसमें यह सुनिश्चित किया गया हो कि इस मामाले में कार्रवाई कर उसे उचित तरीके से निपटाया गया है।

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के एक सूत्र के मुताबिक सिराज को एक दर्शक ने कथित तौर पर ‘मंकी’ और ‘ब्राउन डॉग’ कह कर संबोधित किया। इससे 2007-08 में भारतीय टीम के आस्ट्रेलिया दौरे के ‘मंकीगेट’ प्रकरण की याद ताजा हो गयी।

आईसीसी के दशक के सर्वोच्च सम्मान के साथ सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर बने विराट कोहली,महेन्द्र सिंह धोनी ने जीता दशक का ‘क्रिकेट खेल भावना’ का सम्मान attacknews.in

दुबई, 28 दिसंबर ।टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) का दशक का सर्वोच्च सम्मान अपने नाम किया जब उन्होंने पिछले 10 साल के सर्वश्रेष्ठ पुरुष क्रिकेटर के लिए सर गारफील्ड सोबर्स ट्रॉफी जीती।

कोहली को दशक का सर्वश्रेष्ठ एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर भी चुना।

पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने आईसीसी का दशक का खेल भावना पुरस्कार जीता। प्रशंसकों ने 2011 में नॉटिंघम टेस्ट में इयान बेल के अजीब हालात में रन आउट होने के बाद उन्हें वापस बुलाने के लिए धोनी को इस पुरस्कार के लिए चुना।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने ट्विटर पर कोहली के इस पुरस्कार के लिए चुने जाने की घोषणा की। कोहली ने ‘आईसीसी पुरस्कारों’ के समय के दौरान अपने 70 में से 66 अंतरराष्ट्रीय शतक जड़े।

इस दौरान उनके नाम पर सर्वाधिक अर्धशतक (94), सर्वाधिक रन (20396) के अलावा 70 से अधिक पारी खेलते हुए सर्वाधिक औसत (56.97) का रिकॉर्ड भी रहा।

कुल मिलाकर 32 साल के कोहली ने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में 12040 रन, टेस्ट क्रिकेट में 7318 रन और टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 2928 रन बनाए हैं और सभी प्रारूपों में मिलाकर उनका औसत 50 से अधिक का है। कोहली इसके अलावा 2011 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य भी रहे।

कोहली ने बयान में कहा, ‘‘सबसे पहले तो यह पुरस्कार मिलना मेरे लिए बड़े सम्मान की बात है। पिछले एक दशक में जो लम्हा मेरे दिल के सबसे करीब है वह निश्चित तौर पर 2011 में विश्व कप, 2013 में चैंपियन्स ट्रॉफी और 2018 में आस्ट्रेलिया में श्रृंखला जीतना है।’’

सर्वश्रेष्ठ एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर चुने जाने पर कोहली ने कहा, ‘‘एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से मैं काफी जल्दी जुड़ गया था। मैंने पहले एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय टीम में जगह बनाई और इसके कुछ साल बाद मैंने टेस्ट पदार्पण किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मुझे काफी पहले ही अपने खेल को समझने का मौका मिला। और मैं पहले भी कह चुका हूं कि मेरा एकमात्र इरादा और मानसिकता टीम के लिए विजयी योगदान देना था और मैंने अपने प्रत्येक मैच में सिर्फ ऐसा करने का प्रयास किया।’’

कोहली ने कहा, ‘‘अपने इस सफर के दौरान मैंने कभी आंकड़ों और संख्या पर ध्यान नहीं दिया और आप मैदान पर जो कुछ भी करते हो यह उसका नतीजा है और मेरे लिए यह जीत के रास्ते पर चलते हुए हासिल की गई उपलब्धियां हैं।’’

कोहली आईसीसी के पुरस्कार समय के दौरान एकदिवसीय क्रिकेट में 10000 से अधिक रन बनाने वाले एकमात्र बल्लेबाज रहे। उन्होंने इस दौरान 39 शतक और 48 अर्धशतक जड़े और 61.83 की औसत से रन बनाए।

वैश्विक संचालन संस्था ने आस्ट्रेलिया के स्टार बल्लेबाज स्टीव स्मिथ को दशक का सर्वश्रेष्ठ टेस्ट क्रिकेटर जबकि अफगानिस्तान के स्टार स्पिनर राशिद खान को दशक का सर्वश्रेष्ठ टी20 क्रिकेटर चुना।

आस्ट्रेलिया की एलिस पैरी ने महिला पुरस्कारों में बाजी मारते हुए आईसीसी की दशक की सर्वश्रेष्ठ महिला क्रिकेटर के अलावा दशक की सर्वश्रेष्ठ एकदिवसीय और टी20 महिला क्रिकेटर के पुरस्कार भी अपने नाम किए।

पूर्व भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाकर डीडीसीए से दिया इस्तीफा, स्टैंड से अपना नाम हटाने को कहा attacknews.in

नयी दिल्ली, 24 दिसंबर । अपनी खरी बातों और बगावती तेवरों के लिए प्रसिद्ध पूर्व भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी ने दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अध्यक्ष रोहन जेटली को पत्र लिखकर राजधानी के अरुण जेटली स्टेडियम से दर्शक स्टैंड से उनका नाम हटाने की अपील की है और साथ ही उन्होंने डीडीसीए की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

बेदी ने जेटली को पत्र लिखकर यह मांग की है। यह पत्र उस वक्त लिखा गया है जब डीडीसीए के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय अरुण जेटली की प्रतिमा स्टेडियम में लगाने का फैसला किया गया है। 2017 में ही अरुण जेटली स्टेडियम का एक स्टैंड पूर्व लेफ्ट आर्म स्पिनर बेदी के नाम पर रखा गया था। लेकिन उनके इस पत्र के बाद से एक बार फिर डीडीसीए का अंदरूनी विवाद सामने आ गया है।

बेदी ने पत्र में लिखा, “मैं इस पत्र को भारी मन से लिख रहा हूं। हालांकि मैं जनता हूं कि किसी दिवंगत व्यक्ति में कुछ भी कहना अच्छा नहीं होता है। मुझे उम्मीद है कि आपको पता है कि मेरे दिवंगत अरुण जेटली से निजी संबंध किस प्रकार के थे और हमारे बीच मतभेद रहते थे। हमारी जान पहचान क्रिकेटर के रुप में नहीं हुई थी लेकिन वह डीडीसीए के अध्यक्ष थे। मुझे याद है जब उनके आवास पर बैठक के दौरान वह अप्रिय भाषा का उपयोग कर रहे एक व्यक्ति वहां से बाहर निकालने में असमर्थ दिखाई दे रहे थे तब मैं बीच में ही उस बैठक से चला गया था।”

उन्होंने लिखा, “मैं आने वाली पीढ़ी के लिए लड़ाई लड़ने आगे नहीं आया हूं लेकिन मुझे यह भी सिखाया गया है कि अगर मैं एक दृष्टिकोण लेने में दृढ़ता से विश्वास करता हूं तो मुझे इसके साथ रहना चाहिए। डीडीसीए में चल रहा भाई-भतीजावाद एक दिन काफी गलत साबित होगा। आप उन सभी निर्णयों के लिए भी दोषी पाए जाते हैं और उनसे भाग नहीं सकते हैं तथा आप अपनी अनुपस्थिति का बहाना भी नहीं दे सकते। मैं अब आपके नेतृत्व में देख रहा हूं कि डीडीसीए में चापलूसी संस्कृति का दौर जारी है।”

पूर्व भारतीय कप्तान बेदी ने लिखा, “जब फिरोजशाह कोटला का नाम स्वर्गीय अरुण जेटली के नाम पर रखा गया तब मुझे उम्मीद थी कि यह एक अच्छे कार्य के लिए किया जा रहा है। लेकिन मैं कितना गलत था। अब जब अरुण जेटली की प्रतिमा स्थापित होने जा रही है तो मैं इससे कतई सहमत नहीं हूं। डीडीसीए ने मेरे धैर्य की खूब परीक्षा ली है और मुझे इस कठोर कार्रवाई के लिए मजबूर किया है। मैं आपसे अपील करता हूं कि स्टैंड से मेरे नाम को तत्काल प्रभाव से हटा दिया जाए। इसके अलावा मैं डीडीसीए की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा देता हूं।”

उन्होंने कहा, “मैंने यह निर्णय पर्याप्त विचार-विमर्श के साथ लिया है। मुझे उस सम्मान की अवहेलना करने का खतरा नहीं है जो मुझे दिया गया था। मैं न्यायमूर्ति सेन और डॉ एनडी पुरी, डॉ रवि चतुर्वेदी, विजय लोकपल्ली और नीरु भाटिया की समिति का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने मुझ पर और मोहिंदर अमरनाथ पर भरोसा जताया।”

बेदी ने लिखा, “आप इंटरनेट पर सर्च करेंगे तो पाएंगे कि अरुण जेटली का डीडीसीए के अध्यक्ष के रुप में कार्यकाल भ्रष्टाचार के लिए जाना जाता था। एक वकील होने के नाते आपको पता ही होगा कि बड़े पैमाने पर फंड की हेराफेरी का मामला अदालत में चल रहा है। अरुण जेटली एक योग्य राजनीतिज्ञ थे, इसलिए क्रिकेट स्टेडियम को नहीं संसद को उन्हें याद रखना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “अरुण जेटली एक अच्छे क्रिकेट प्रशंसक हो सकते हैं लेकिन क्रिकेट प्रशासक के रुप में उनकी स्थिति संदिग्ध रही। मेरे इस कथन को बयानबाज़ी के रुप में नहीं देखा जाए बल्कि यह मूल्यांकन है।”

भारत में खिलाड़ियों ने सोशल साइट्स पर खूब एन्जॉय किया ,2020 में ट्विटर पर छाए रहे विराट, गीता फोगाट ने सिंधू को पीछे छोड़ा attacknews.in

नयी दिल्ली, 14 दिसंबर । टीम इंडिया के कप्तान और सुपरस्टार बल्लेबाज विराट कोहली 2020 में सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर सबसे अधिक छाये रहे जबकि दंगल गर्ल के नाम से मशहूर महिला पहलवान गीता फोगाट ने महिला खिलाड़ियों में बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधू को पीछे छोड़ दिया।

इस साल दुनियाभर में कोरोना के कारण लॉकडाउन लगा था जिसकी वजह से खेल गतिविधियां काफी समय तक ठप्प रही थीं। इस दौरान खिलाड़ी और प्रशंसक ट्विटर पर एक दूसरे से जु़ड़े रहे।

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह ने इस साल 15 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की थी जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिकेट में धोनी के योगदान की सराहना करते हुए एक पत्र लिखा था। धोनी ने इस पत्र का जवाब दिया था जो इस साल भारतीय खेलों में ट्विटर पर सर्वाधिक री-ट्वीट किया जाने वाले ट्वीट रहा।

विराट ने ट्विटर पर अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ फोटो शेयर कर नया मेहमान घर आने के बारे में जानकारी दी थी। उनकी यह पोस्ट ट्विटर पर सर्वाधिक पसंद की गयी। खेलों में सर्वाधिक हैशटैग के मामले में आईपीएल 2020 पहले स्थान पर रहा।

कोरोना के कारण इस बार आईपीएल के 13वें सत्र का आयोजन संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में किया गया था जिसमें मुंबई इंडियंस ने पांचवीं बार खिताबी जीत हासिल की जबकि धोनी की चेन्नई ने सबसे ज्यादा निराश किया।

धोनी के नेतृत्व वाली चेन्नई सुपर किंग्स की टीम आईपीएल 2020 में सर्वाधिक ट्वीट की जाने वाली टीम रही और व्हीसलपोडु हैशटैग इस साल ट्विटर पर सबसे ज्यादा ट्वीट किए जाने के मामले में दूसरे स्थान पर रहा जबकि टीम इंडिया हैशटैग तीसरे नंबर पर रहा।

इस साल ट्विटर पर सर्वाधिक चर्चा किए जाने वाले भारतीय पुरुष खिलाड़ियों में विराट पहले स्थान पर रहे जबकि धोनी दूसरे और रोहित शर्मा तीसरे नंबर पर रहे। महिलाओं में दंगल गर्ल के नाम से मशहूर पहलवान गीता फोगाट ट्विटर पर छायी रहीं और पहले स्थान रहीं जबकि बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधू और सायना नेहवाल क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहीं। हालांकि सिंधू ने इस साल रिटायर शब्द का इस्तेमाल कर सबसे ज्यादा सनसनी फैला दी थी लेकिन उन्होंने तुरंत बाद ही स्पष्ट किया कि वह कोरोना के कारण उपजी नकारात्मक परिस्थितियों से रिटायर हो रही हैं और अगले साल जनवरी में कोर्ट पर वापसी करेंगी।

भारत में क्रिकेट सर्वाधिक पसंद किया जाने वाले खेल है लेकिन इस साल ट्विटर पर क्रिकेट के अलावा फुटबॉल के बारे में सबसे ज्यादा ट्वीट किए गए जबकि इस सूची में बास्केटबॉल (एनबीए) दूसरे और एफ-1 रेसिंग तीसरे स्थान पर रहा।

भारत में वैश्विक खेल हस्तियों के बारे में ट्वीट किए जाने के मामले में फुटबॉल स्टार क्रिस्टियानो रोनाल्डो पहले स्थान पर रहे जबकि ऑस्ट्रेलिया के विस्फोटक सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर दूसरे और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व ऑलराउंडर एबी डीविलियर्स तीसरे स्थान पर रहे।

भारतीयों ने वैश्विक टीमों में मैनचेस्टर यूनाइटेड टीम पर सर्वाधिक ट्वीट किए। इस सूची में एफसी बार्सिलोना दूसरे और आर्सेनल तीसरे स्थान पर है।

अर्जेंटीना में भीगी पलकों से हजारों प्रशंसकों ने अपने महानायक डिएगो माराडोना को दी अंतिम विदाई,माता पिता डालमा और डिएगो के पास दफनाया गया attacknews.in

ब्यूनस आयर्स, 27 नवंबर (एपी) अपने महानायक डिएगो माराडोना को अंतिम विदाई देने के लिये हजारों की तादाद में फुटबॉलप्रेमियों का हुजूम यहां सड़कों पर उमड़ पड़ा जो आंखों में आंसू और हाथ में अर्जेंटीना का झंडा लिये फुटबॉल के गीत गाते रहे जिन्हें नियंत्रित करने के लिये पुलिस को बल प्रयोग भी करना पड़ा ।

माराडोना के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन शाम छह बजे बंद कर दिये गए । इससे उनकी एक झलक पाने को आतुर दर्शक उतावले हो गए और कब्रिस्तान के दरवाजों पर तनाव पैदा हो गया ।

जार्डिन बेल्ला विस्टा कब्रिस्तान पर एक निजी धार्मिक समारोह और अंतिम संस्कार के लिये करीब दो दर्जन लोग मौजूद थे । माराडोना को उनके माता पिता डालमा और डिएगो के पास दफनाया गया ।

उनकी अंतिम यात्रा में प्रशंसक फुटबॉल के गीत गा रहे थे जबकि कुछ ने राष्ट्रध्वज लपेटा हुआ था । उन्होंने प्लाजा डे मायो से 20 ब्लॉक की दूरी पर लंबी कतार बना रखी थी । यह वही जगह है जहां माराडोना की अगुवाई में 1986 विश्व कप जीतने पर जश्न मनाया गया था ।

उनके अंतिम दर्शन का समय कम करने से क्रोधित प्रशंसकों को नियंत्रित करने के लिये पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा । प्रशंसकों ने पुलिस पर पत्थर फेंके जिसके जवाब में पुलिस ने रबर बुलेट चलाई ।

हिंसा की वजह से कइयों को चोटे आई और गिरफ्तारियां भी हुई जिससे माराडोना के परिवार ने सार्वजनिक दर्शन बंद करने का फैसला लिया । इसके बाद ताबूत को कार पर रखा गया जिस पर माराडोना का नाम लिखा था ।

उन्हें अंतिम विदाई देने को आतुर प्रशंसक राष्ट्रपति भवन की दीवारों पर चढ गए मानों वह फुटबॉल का स्टेडियम हो । दमकलकर्मी उन्हें हटाने के लिये जूझते रहे ।

उनके जनाजे के रवाना होने के साथ ही लोग नारे लगाने लगे ,‘‘ डिएगो मरा नहीं है , डिएगो लोगों के दिलों में रहता है ।’’ अंतिम यात्रा में गाड़ियों के काफिले के साथ पुलिस भी थी ।

माराडोना का बुधवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था ।

उनके प्रशंसक उनकी अंतिम यात्रा में जज्बात पर काबू नहीं रख सके और बिलखते हुए उन्होंने ताबूत को चुंबन दिये । माराडोना का पार्थिव शरीर अर्जेंटीना के ध्वज और दस नंबर की जर्सी में लिपटा हुआ था । बोका जूनियर्स क्लब से लेकर राष्ट्रीय टीम तक उन्होंने दस नंबर की जर्सी ही पहनी ।

उनकी बेटियों और परिवार के करीबी सदस्यों ने पहली विदाई दी । उनकी पूर्व पत्नी क्लाउडिया विलाफेर माराडोना की बेटियों डालमा और जियानिन्ना के साथ आई थी । उसके बाद उनकी अन्य पूर्व पत्नी वेरोनिका उनके बेटे डिएगुइटो फर्नांडो के साथ आई ।

उनका बेटा जाना माराडोना भी अंतिम संस्कार के समय मौजूद था ।

इसके बाद 1986 विश्व कप विजेता टीम के साथी खिलाड़ी पहुंचे जिनमें आस्कर रगेरी शामिल थे । अर्जेंटीना के कई अन्य फुटबॉलर भी इस मौके पर मौजूद थे ।

इससे पहले सुबह राष्ट्रपति अलबर्टो फर्नांडिज ने उनके ताबूत पर अर्जेंटीनोस जूनियर्स टीम की जर्सी रखी जहां से माराडोना ने फुटबॉल के अपने सफर की शुरूआत की थी ।

उन्होंने मानवाधिकार संगठन ‘ मदर आफ द प्लाजा डे मायो’ के दो रूमाल भी माराडोना के पार्थिव शरीर के पास रखे । माराडोना 1976 से 1983 के बीच अर्जेंटीना में सैन्य तानाशाही के दौरान बच्चों के गायब होने के विरोध में बरसों तक ये रूमाल पहनकर खेले थे ।

वामपंथ की ओर रूझान रखने वाले माराडोना ने अपने एक हाथ पर क्रांतिकारी चे ग्वेरा की तस्वीर बना रखी थी । इंग्लैंड के खिलाफ विश्व कप 1986 क्वार्टर फाइनल में दो गोल दागकर वह अर्जेंटीना के महानायक बन गए थे । अर्जेंटीना के लिये वह जीत महज एक फुटबॉल की जीत नहीं थी बल्कि फाकलैंड युद्ध में मिली हार का बदला भी थी ।

फुटबॉल इतिहास के महानतम खिलाड़ियों में से एक अर्जेंटीना के डिएगो माराडोना का दिल का दौरा पड़ने से निधन,उन्हें फुटबॉल के महानतम खिलाड़ी ब्राजील के पेले के समक्ष माना जाता है attacknews.in

ब्यूनस आयर्स, 25 नवम्बर । फुटबॉल इतिहास के महानतम खिलाड़ियों में से एक अर्जेंटीना के डिएगो माराडोना का बुधवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 60 वर्ष के थे। अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडेज ने माराडोना के निधन की खबर के बाद तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है।

माराडोना के वकील ने बताया कि इस दिग्गज फुटबॉलर का अपने घर में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। माराडोना की कुछ सप्ताह पहले उनके मस्तिष्क में खून के थक्के की सर्जरी हुई थी।

माराडोना के साथ स्वस्थ्य सम्बन्धी समस्याएं बनी हुई थीं। पूर्व फुटबॉलर ने गत 30 अक्टूबर को अपना 60वां जन्मदिन मनाया था। उन्हें ब्यूनस आयर्स के बाहरी हिस्से में स्थित अपने घर में दिल का दौरा पड़ा जिससे उनका निधन हो गया।

माराडोना का शुमार इतिहास के महान खिलाड़ियों में होता है और उन्हें फुटबॉल के महानतम खिलाड़ी ब्राजील के पेले के समक्ष माना जाता है।

माराडोना का जन्म 30 अक्टूबर 1960 को लानुस में हुआ था। उन्होंने 1982, 1986, 1990 और 1994 में चार विश्व कप में हिस्सा लिया था।

उन्होंने 1986 के विश्व कप में अर्जेंटीना को विश्व चैंपियन बनाया था। माराडोना मेक्सिको में हुए इस विश्व कप में अर्जेंटीना की टीम के कप्तान थे। उन्होंने इस विश्व कप में पांच गोल किये थे और पांच गोलों में उनका योगदान रहा था।

1986 के विश्व कप के क्वार्टरफाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ मारगोना के दो गोल आज भी याद किये जाते हैं। उनका पहला गोल बॉक्स में हवा में उछलते हुए हाथ की मदद से था, हालांकि उस समय इस गोल पर उतना गौर नहीं किया गया था जितना आज तकनीक के जमाने में किया जाता। इस गोल को फुटबॉल इतिहास में हैंड ऑफ गॉड गोल के नाम से जाना जाता है। लेकिन उनका दूसरा गोल फुटबॉल इतिहास के सर्वश्रेष्ठ गोलों में से एक है।

माराडोना का दूसरा गोल पहले गोल के चार मिनट बाद हुआ। माराडोना ने अपने हाफ में गेंद ली और अकेले इंग्लैंड के गोल की तरफ बढ़ चले। उन्होंने अपने रास्ते में आये इंग्लैंड के पांच खिलाड़ियों को छकाया और फिर गोलकीपर पीटर शिल्टन को भी छकाते हुए गोल कर डाला। इस गोल को फीफा ने विश्व कप के इतिहास का सर्वश्रेष्ठ गोल करार दिया था।