देश के निर्यात कारोबार में लगातार वृद्धि का रुख जारी: मई के पहले सप्ताह में निर्यात 80 प्रतिशत बढ़कर सात अरब डालर पर पहुंचा attacknews.in

नयी दिल्ली, नौ मई । देश के निर्यात कारोबार में लगातार वृद्धि का रुख जारी है। इस महीने के पहले सप्ताह में निर्यात पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 80 प्रतिशत बढ़कर 7.04 अरब डालर पर पहुंच गया। वाणिज्य मंत्रालय के शुरुआती आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।

आंकड़ों के मुताबिक इससे पिछले साल 2020 में एक से सात मई के दौरान 3.91 अरब डालर का निर्यात किया गया जबकि 2019 की इसी अवधि में 6.48 अरब डालर का निर्यात किया गया था।

इस अवधि में आयात भी 80.7 प्रतिशत बढ़कर 8.86 अरब डालर तक पहुंच गया जो कि पिछले साल इसी अवधि में 4.91 अरब डलर और 2019 में 10.39 अरब डालर था।

अप्रैल 2021 माह में देश का निर्यात कारोबार एक साल पहले इसी माह के मुकाबले तीन गुणा के करीब बढ़कर 30.21 अरब डालर रहा है। अप्रैल 2020 में लॉकडाउन के चलतिे देश से केवल 10.17 अरब डालर का निर्यात किया गया था।

इस दौरान रत्न एवं आभूषण, जूट, कालीन, हसतशिलप, चमड़ा, इलेक्ट्रानिक सामान, तेल खल, काजू, इंजीनियरिंग, पेट्रोलियम उत्पादों, समुद्री उत्पादों और रसायन का निर्यात कारोबार बेहतर रहा।

निर्यातक संगठनों के महासंघ फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशंस (फियो) के अध्यक्ष एस के सराफ ने कहा कि निर्यात वृद्धि काफी उत्साहवर्धक है और निर्यातकों के पास अच्छे आर्डर मौजूद हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं सरकार से कहना चाहूंगा कि वह निर्यातकों की सुविधा के लिये भारत से वाणिज्यिक वसतु निर्यात योजना (एमईआईएस) और निर्यात उत्पादों पर शुल्क एवं करों की वापसी की आरओडीटीईपी दरों पर गौर करे तथा इसके तहत जल्द से जल्द इसकी घोषणा करे क्योंकि निर्यातकों के मार्जिन पर इसका प्रभाव पड़ रहा है।’’

माइक्रोसॉफ्ट के मालिक बिल गेट्स और उनकी पत्नी मेलिंडा द्वारा तलाक़ लेने की घोषणा,27 साल साथ रहने के बाद अब अलग रहेंगे attacknews.in

सिएटल 04 मई ।विश्व के सबसे अधिक अमीर एवं माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स और उनकी पत्नी मेलिंडा ने अपने वैवाहिक जीवन के 27 साल गुजारने के बाद तलाक लेने की घोषणा की है।

गेट्स दंपती हालांकि दांपत्य सूत्र से अलग होने के बावजूद दुनिया के सबसे बड़े निजी चैरिटेबल फाउंडेशन बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के मिलकर काम करते रहेंगे।

दंपती ने ट्विटर पर जारी अपने बयान में कहा , “ वे अपने फाउंडेशन के लिए एक साथ काम करते रहेंगे , लेकिन हमें नहीं लगता कि एक दपंती के रूप में हम जीवन के आगामी समय में साथ रह सकते हैं।”

उन्होंने कहा, “ हम अब जीवन के एक नए दौर में प्रवेश कर रहे हैं और ऐसे में परिवार के लिए निजता अपरिहार्य है।”

उन्होंने कहा, “ हमने तीन बच्चों की परवरिश की है और एक ऐसी संस्था को आकार दिया है , जो विश्व भर में लोगों को स्वस्थ एवं बेहतर जीवन जीने में सक्षम बनाने के लिए काम करती है।”

उल्लेखनीय है श्री गेट्स दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति हैं और उनकी कुल संपत्ति 100 अरब डॉलर से अधिक है।

विमान ईंधन 6.7 प्रतिशत महंगा; जल्द आ सकती है डीजल, पेट्रोल की भी बारी;कच्चे तेल के महंगा होने से बढ़ाएं जा सकते है डीजल-पेट्रोल के खुदरा भाव attacknews.in

नयी दिल्ली, एक मई । विमान ईंधन के मूल्य में शनिवार को 6.7 की एक बड़ी वृद्धि की गयी। वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के महंगा होने से जल्द ही डीजल और पेट्रोल के खुदरा भाव भी बढ़ाए जा सकते हैं।

सरकारी तेल विपणन कंपनियों ने दिल्ली में विमान ईंधन (एटीएफ) का भाव प्रति हजार लीटर 3,885 रुपये यानी 6.7 प्रतिशत बढ़ा कर 61,690.28 रुपये कर दिया।

विभिन्न राज्यों पेट्रोलियम पर बिक्री कर की दरों में भिन्नता के कारण वहां एटीएफ के भाव अलग अलग हो सकते हैं।

इससे पहले कंपनियों ने दो बार एटीएफ के भाव घटाए थे। पहली अप्रैल को इसमें तीन प्रतिशत और 19 अप्रैल को एक प्रतिशत की कमी की गयी थी।

डीजल एवं पेट्रोल के भाव लगातार 16वें दिन एक ही स्तर पर बने हुए हैं। दिल्ली में पेट्रोल 90.40 रुपये और डीजल 80.73 रुपये प्रति लीटर का पड़ रहा है।

अधिकारियों ने संकेत दिया है कि मोटर वाहन ईंधनों के दामों में जल्दी ही संधोशन किया जा सकता है।एक अधिकारी ने कहा कि पिछले चार दिन (27 अप्रैल) से दाम लगातार चढ़ रहे हैं और इस दौरान दुबई में कच्चा तेल 2.91 डालर प्रति बैरल महंगा हो चुका है।

पेट्रोल और डीजल के खुदरा मूल्यों में क्रमश: 60 प्रतिशत और 54 प्रतिशत केंद्रीय व राज्य स्तरीय करों का होता है।

भारत में कोविड19 की नयी लहर से पेट्रोलियम की मांग पर असर पड़ने की संभावनाओं के बावजूद अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल चढ़ रहा है। इसके पीछे अमेरिका की मजबूत मांग और डालर की कमजोरी बताया जा रहा है।

” सुपर मार्केट ” का अधिपत्य टाटा कंपनी को मिला: सीसीआई ने सुपरमार्केट ग्रोसरी सप्लाईज प्राइवेट लिमिटेड की हिस्सेदारी के 64.3 प्रतिशत तक के अधिग्रहण को टाटा डिजिटल लिमिटेड द्वारा किए जाने को स्वीकृति दी attacknews.in

नईदिल्ली 30 अप्रैल ।भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने सुपरमार्केट ग्रोसरी सप्लाईज प्राइवेट लिमिटेड (एसजीएस) और एसजीएस के पूर्ण नियंत्रण वाली इनोवेटिव रिटेल कान्सैप्टस प्राइवेट लिमिटेड की कुल हिस्सेदारी के 64.3 प्रतिशत तक के अधिग्रहण को टाटा डिजिटल लिमिटेड द्वारा किए जाने को स्वीकृति दे दी है।

प्रस्तावित संयोजन में एक या अधिक श्रृंखलाओं में प्राथमिक और माध्यमिक अधिग्रहणों के संयोजन के माध्यम से (लेन-देन 1) एसजीएस की कुल शेयर पूंजी (पूर्ण विलय के आधार पर) का 64.3 प्रतिशत तक टाटा डिजिटल लिमिटेड (टीडीएल) द्वारा अधिग्रहण शामिल है।

यह भी जानकारी दी गई है कि बाद में, एक अलग लेनदेन के माध्यम से, एसजीएस, इनोवेटिव रिटेल कॉन्सेप्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (आईआरसी) (लेनदेन 2) पर एकमात्र नियंत्रण प्राप्त कर सकती है। लेनदेन 1 और लेनदेन 2 को सामूहिक रूप से प्रस्तावित संयोजन के रूप में जाना जाता है। प्रस्तावित संयोजन में टीडीएल के द्वारा एसजीएस की अधिकांश हिस्सेदारी और उस पर नियंत्रण शामिल है।

टीडीएल टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड (टाटा संस) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जो टाटा संस समूह से संबंधित संस्थाओं की अंतिम होल्डिंग कंपनी है।

वर्तमान में, टीडीएल  पहचान और पहुंच प्रबंधन, लायल्टी प्रोग्राम, प्रस्ताव और भुगतान से संबंधित प्रौद्योगिकी सेवाएं प्रदान करने से संबंधित कारोबार से जुड़ी है। टाटा संस समूह, अपनी समूह संस्थाओं के माध्यम से, व्यापार के क्षेत्र में, अन्य कार्यो के साथ: (ए) व्यापार से व्यापार (बी 2 बी) खाद्य और किराना, घरेलू उत्पादों और व्यक्तिगत और सौंदर्य देखभाल उत्पादों (प्रासंगिक उत्पाद) की भारत में बिक्री; (बी) उपभोक्ता को बिक्री (बी2सी) भारत में प्रासंगिक उत्पादों की बिक्री; और (ग) भारत में कुछ पैकेज्ड फूड और किराना उत्पादों का विनिर्माण और बिक्री करता है ।

एसजीएस को भारत के कानूनों के तहत निगमित कंपनी है और यह Business.bigbasket.com के माध्यम से भारत में प्रासंगिक उत्पादों की ऑनलाइन बी2बी बिक्री करती है।

आईआरसी भारत के कानूनों के तहत निगमित कंपनी है और यह भारत में प्रासंगिक उत्पादों की ऑनलाइन बी2सी बिक्री को अपनी वेबसाइट www.bigbasket.com और संबंधित मोबाइल एप्लीकेशनों के माध्यम से संचालित करती है।

सीसीआई  के विस्तृत आदेश बाद में जारी किया जाएगा।

उज्जैन नगर निगम ने जनता कर्फ्यू में फलों के रेट किए निर्धारित और विक्रेताओं को इस भाव में बेचने की दी हिदायत वरना चालानी कार्रवाई करके जब्त किया जाएगा सामान attacknews.in

उज्जैन 24 अप्रैल ।लॉकडाउन के दौरान कुछ फल विक्रेताओं द्वारा फलों को अत्यधिक राशि में विक्रय के जाने की शिकायत प्राप्त होने पर निगम द्वारा थोक व फुटकर फल विक्रेताओं के साथ चर्चा कर फलों की दरें निर्धारित की गई।

साथ ही निर्णय लिया गया कि यदि कोई फल विक्रेता निर्धारित दर से अतिरिक्त राशि वसूल करता पाया जाता है तो उसके विरुद्ध चालानी कार्रवाई करते हुए सामान जप्त किए जाने की कार्रवाई की जाएगी।

नागरिक निर्धारित दर से अधिक राशि वसूलने वाले फल विक्रेता की शिकायत निगम कंट्रोल रूम 0734-2535244 तथा मोबाइल नंबर 9200133393 पर कर सकते हैं।

फलों की निर्धारित दर :-

आम बादाम 60 से 90 प्रति किलो

सेव फल इंडियन 160 से 200 प्रति किलो

सेवफल विदेशी 200 से 250 प्रतिकिलो

केला ₹30 प्रति किलो

अंगूर 70 से ₹100 प्रति किलो

खरबूजा ₹30 से ₹40 प्रति किलो

तरबूज ₹20 प्रति किलो

संतरा ₹80 से ₹130 प्रति किलो

नारियल 60 प्रति नग

चीकू ₹60 से ₹80 प्रति किलो

मोसंबी 100 से ₹120 प्रति किलो

पाइनापल 50 से 60 रुपए प्रति किलो

पपीता ₹40 प्रति किलो

अनार रु 100 से 140 प्रति किलो

“Tiktok” ने भारत से अपना कारोबार समेटा:चीनी सोशल मीडिया कंपनी “बाइटडांस” जारी रखेगी भारत सरकार से बातचीत attacknews.in

नयी दिल्ली, 27 जनवरी ।चीनी सोशल मीडिया कंपनी बाइटडांस ने भारत में अपना कारोबार समेटने की घोषणा की है। साथ ही कंपनी भारत में अपने 2,000 कर्मचारियों की संख्या को घटाकर ‘न्यूनतम’ करेगी। हालांकि, कंपनी ने कहा है कि वह भारत सरकार के साथ बातचीत जारी रखेगी।

भारत में कंपनी के लोकप्रिय वीडियो ऐप टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है। भारत में कंपनी की वापसी को लेकर अनिश्चितता कायम है।

टिकटॉक के वैश्विक अंतरिम प्रमुख वेनेसा पाप्पस और वैश्विक व्यापार समाधान के उपाध्यक्ष ब्लेक चांडली ने कर्मचारियों को भेजे एक ईमेल में कंपनी के निर्णय के बारे में बताया कि वह टीम घटा रही है और इस निर्णय से भारत के सभी कर्मचारी प्रभावित होंगे।

बाइटडांस के सूत्रों ने कहा कि कंपनी भारत में अपने कर्मचारियों की संख्या कम कर रही है। कंपनी भारत में चुनिंदा विभागों मसलन विधि, प्रशासनिक, मानव संसाधन और लेखा आदि में न्यूनतम कर्मचारियों के साथ काम करेगी। इन कर्मचारियों के साथ वह निपटान और सरकार के साथ संपर्क कायम करने का काम करेगी।

अधिकारियों ने कंपनी की भारत में वापसी पर अनिश्चितता व्यक्त की, लेकिन कहा कि आने वाले समय में ऐसा होने की उम्मीद बनी हुई है।

बाइटडांस के एक सूत्र के अनुसार कंपनी ने बुधवार को एक टाउन हॉल का आयोजन किया, जहां उसने भारत के कारोबार को बंद करने के बारे में बताया। कर्मचारियों को तीन माह के वेतन तथा कंपनी में कार्य के प्रत्येक एक वर्ष के लिए एक माह के वेतन की पेशकश की गई है।

कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि हम यह नहीं जानते कि हम भारत में कब वापसी करेंगे। हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में वे ऐसा कर पाएंगे।

जब इस बारे में टिकटॉक के प्रवक्ता से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि कंपनी ने 29 जून, 2020 को जारी भारत सरकार के आदेश का लगातार पालन कर रही है।

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यह निशानाजनक है कि इन सात माह के दौरान हमारे प्रयासों के बावजूद हम स्पष्ट तौर पर यह नहीं बताया गया कि हमारे ऐप फिर कब शुरू हो सकेंगे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत में अपने 2,000 से अधिक कर्मचारियों को छह महीने तक समर्थन देने के बाद हमारे पास श्रमबल में कटौती के अलावा कोई विकल्प नहीं है।’’

प्रवक्ता ने कहा कि हम भारत में टिकटॉक को फिर शुरू करने के अवसर का इंतजार करेंगे।

सरकार ने पिछले साल जून में 59 ऐप पर रोक लगाई थी। इनमें बाइटडांस की टिकटॉक और हेलो ऐप भी शामिल हैं।

भारत में टिकटॉक और हेलो ऐप का स्वामित्व रखने वाली इस कंपनी की सेवाओं पर प्रतिबंधों जारी हैं।

टिकटॉक के वैश्विक अंतरिम प्रमुख वेनेसा पाप्पस और वैश्विक व्यापार समाधान के उपाध्यक्ष ब्लेक चांडली ने कर्मचारियों को भेजे एक ईमेल में कंपनी के निर्णय के बारे में बताया कि वह टीम के आकार को कम कर रही है और इस निर्णय से भारत के सभी कर्मचारी प्रभावित होंगे।

अधिकारियों ने कंपनी की भारत में वापसी पर अनिश्चितता व्यक्त की, लेकिन कहा कि आने वाले समय में ऐसा होने की उम्मीद बनी हुई है।

ईमेल में कहा गया है, “हम यह नहीं जानते कि हम भारत में कब वापसी करेंगे, हम अपने लचीलेपन पर भरोसा कर रहे हैं और आने वाले समय में ऐसा करने की इच्छा रखते हैं।”

बाइटडांस के एक सूत्र के अनुसार कंपनी ने बुधवार को एक टाउन हॉल का आयोजन किया, जहां उसने भारत के कारोबार को बंद करने के बारे में बताया।

जब इस बारे में टिकटॉक के प्रवक्ता से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि कंपनी ने 29 जून 2020 को जारी भारत सरकार के आदेश का लगातार पालन कर रही है।

उन्होंने कहा, “यह इसलिए निराशाजनक है कि पिछले सात महीनों में, हमारे प्रयासों के बावजूद हमें इस बारे में स्पष्ट दिशा नहीं दी गई कि हमारे ऐप को कैसे और कब फिर से चालू किया जा सकता है। इस बात का गहरा अफसोस है कि भारत में हमारे 2,000 से अधिक कर्मचारियों को आधे साल तक बनाए रखने के बाद अब हमारे पास अपने कार्यबल को घटाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।”

प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी टिक्कॉक को फिर से शुरू करने के लिए तत्पर है।

भारत सरकार ने जून 2020 में टिकटॉक और हेलो सहित चीन के 59 ऐप को बंद कर दिया था।

ईमेल में लिखा है, “हमने खर्चों में कटौती की है, जबकि हम अभी भी लाभ का भुगतान कर रहे हैं। हालांकि, जब हमारे ऐप काम नहीं कर रहे, हम कर्मचारियों के पूरी जिम्मेदारी का निर्वाह नहीं कर सकते। हम इस फैसले से कर्मचारियों पर होने वाले असर से परिचित हैं, और हमें अपनी टीम के साथ सहानुभूति है।”

बाइटडांस के अधिकारियों ने कहा कि कंपनी द्वारा स्थानीय काननों और नियमों का पालन करने के बावजूद उसके ऐप पर प्रतिबंध लगाया गया।

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने किया तेल से केमिकल कारोबार को अलग:परिशोधन संयंत्र, पेट्रोरसायन इकाइयां और खुदरा ईंधन विपणन कारोबार के लिए नयी इकाई बनाई attacknews.in

नयी दिल्ली, 24 जनवरी । अरबपति मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने तेल-से-रासायन कारोबार के लिए अलग इकाई बनाने का काम पूरा लिया है। कंपनी का कहना है कि इस कदम से उसे रणनीतिक साझेदारों के साथ वृद्धि के अवसरों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।

कंपनी की तेल-से-रसायन इकाई में परिशोधन संयंत्र, पेट्रोरसायन इकाइयां और खुदरा ईंधन विपणन कारोबार शामिल है। इसमें केजी-डी6 जैसे तेल व गैस उत्पादक क्षेत्र तथा कपड़ा व्यवसाय शामिल नहीं है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पहली बार चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के वित्तीय परिणामों में तेल-से-रसायन व्यवसाय की एकीकृत कमाई की जानकारी दी। इससे पहले परिशोधन व पेट्रोरसायन व्यवसाय की कमाई का ब्योरा अलग-अलग दिया जाता था, जबकि खुदरा ईंधन विपणन व्यवसाय के परिणाम कंपनी के खुदरा कारोबार के तहत जारी किये जाते थे।

दिसंबर तिमाही के परिणाम में कंपनी ने परिशोधन और पेट्रोरसायन के साथ-साथ खुदरा ईंधन विपणन कारोबार का परिणाम एक इकाई के तौर पर पेश किया। इसका परिणाम हुआ कि कंपनी ने परिशोधन से आय की जानकारी नहीं दी, जो कि कंपनी के तेल परिशोधन व्यवसाय के प्रदर्शन का आकलन करने के लिये सबसे महत्वपूर्ण आंकड़ा हुआ करता था।

कंपनी ने परिणाम जारी करने के बाद निवेशकों के समक्ष एक प्रस्तुति में कहा, ‘‘परिशोधन तथा पेट्रोरसायन कारोबार को तेल-से-रसायन इकाई के रूप में पुनर्गठित करने से नयी रणनीति के साथ ही प्रबंधन के नये रुख का पता चलता है।’’

कंपनी ने कहा कि यह समग्र व तेजी से निर्णय लेने की सुविधा देगा और इसके साथ-साथ रणनीतिक साझेदारी के साथ वृद्धि के आकर्षक अवसरों को आगे बढ़ाने की सहूलियत भी प्रदान करेगा।

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सऊदी अरामको जैसी कंपनियों को हिस्सेदारी की संभावित बिक्री के लिये तेल-से-रसायन व्यवसाय को अलग इकाई बनाने का काम पिछले साल शुरू किया था। कंपनी के तेल-से-रसायन व्यवसाय का मूल्यांकन 75 अरब डॉलर किया गया था। कंपनी सऊदी अरब ऑयल कंपनी (अरामको) के साथ 20 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री के लिये बातचीत कर रही थी।

हालांकि, कंपनी ने अरामको के साथ चल रही बातचीत का उल्लेख नहीं किया है।

विश्व व्यापार संगठन ने भारत द्वारा 2015-20 के दौरान व्यापार को आसान बनाने के लिए कई कदम उठाने की प्रक्रिया को विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्था में रिकार्ड किया attacknews.in

नयी दिल्ली, सात जनवरी । विश्व व्यापार संगठन ने कहा है कि भारत ने व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए 2015 से 2020 के बीच कई उपायों को लागू किया है, जिनमें आयात और निर्यात के लिए प्रक्रियाओं और सीमा शुल्क निकासी को सरल बनाना शामिल है।

जिनेवा स्थित डब्ल्यूटीओ ने कहा कि भारत द्वारा 2015 से शुरू की गई व्यापार सुविधा पहलों में भारतीय सीमा शुल्क इलेक्ट्रॉनिक गेटवे (आइसगेट), व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एकल खिड़की इंटरफेस (स्विफ्ट), बंदरगाह पर सीधे डिलीवरी और सीधे एंट्री की सुविधाएं और जोखिम प्रबंधन प्रणाली (आरएमएस) का अधिक इस्तेमाल शामिल है।

विश्व व्यापार संगठन में छह जनवरी से शुरू हुई भारत की सातवीं व्यापार नीति समीक्षा (टीपीआर) की रिपोर्ट में उक्त बिंदुओं का जिक्र किया गया है।

टीपीआर के तहत सदस्य देश की राष्ट्रीय व्यापार नीतियों की व्यापक समीक्षा की जाती है। भारत की आखिरी टीपीआर 2015 में हुई थी।

डब्ल्यूटीओ ने कहा, ‘‘भारत ने समीक्षाधीन अवधि के दौरान व्यापार को आसान बनाने के लिए कई उपायों को लागू किया, जैसे गैरजरूरी दस्तावेजों की संख्या में कमी और आयात-निर्यात के लिए सीमा शुल्क निकासी प्रणाली का स्वचालन।’’

व्यापार संस्था ने कहा कि पिछली समीक्षा के बाद से भारत की व्यापार नीति मोटेतौर पर अपरिवर्तित रही है।

डब्ल्यूटीओ ने कहा कि भारत ने व्यापार नीति के साधनों जैसे टैरिफ, निर्यात कर, न्यूनतम आयात मूल्य, आयात और निर्यात प्रतिबंध तथा लाइसेंस प्रणाली पर निर्भरता को जारी रखा है।

इस बीच एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि टीपीआर के लिए भारत के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वाणिज्य सचिव अनूप वधावन ने किया।

उन्होंने अपने प्रारंभिक वक्तव्य में कहा कि यह समीक्षा ऐसे समय में हो रही है, जब दुनिया एक अभूतपूर्व स्वास्थ्य और आर्थिक संकट का सामना कर रही है।

विश्व व्यापार संगठन में भारत की सातवीं व्यापार नीति समीक्षा शुरू

सदस्यों ने अधिक समावेशी और टिकाऊ तरीके से व्यापार एवं आर्थिक नीतियों में सुधार के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की

भारत की सातवीं व्यापार नीति समीक्षा (टीपीआर) बुधवार, 6 जनवरी 2021 को जिनेवा में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में शुरू हुई। डब्ल्यूटीओ के निगरानी संबंधी क्रियाकलाप के तहत व्यापार नीति की समीक्षा एक महत्वपूर्ण प्रणाली है, जिसमें सदस्य देशों की राष्ट्रीय व्यापार नीतियों की व्यापक समीक्षा की जाती है। भारत की आखिरी व्यापार नीति समीक्षा 2015 में हुई थी।

वाणिज्य सचिव डॉ. अनूप वधावन भारत के आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। इस अवसर पर डब्ल्यूटीओ के सदस्य देशों के लिए अपने प्रारंभिक वक्तव्य में वाणिज्य सचिव ने कहा कि यह टीपीआर ऐसे समय में हो रहा है जब दुनिया के सामने एक अभूतपूर्व स्वास्थ्य और आर्थिक संकट मौजूद है। उन्होंने भारत द्वारा कोविड-19 महामारी द्वारा उत्पन्न स्वास्थ्य और आर्थिक चुनौतियों को प्रभावी रूप से दूर करने के लिए आत्मनिर्भर भारत पहल सहित अन्य दूरगामी प्रयासों पर प्रकाश डाला।

डॉ. अनूप वधावन ने सभी के लिए वैक्सीन और कोविड के उपचार के लिए समान और सस्ती पहुंच सुनिश्चित करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की और इस संबंध में महत्वपूर्ण भूमिका की चर्चा की,जिसके बारे में बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली प्रभावी भूमिका निभा सकती है।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी शुरू होने तत्काल बाद ही इससे निपटने के लिए, भारत ने विश्व व्यापार संगठन में प्रभावी उपायों के एक अल्पकालिक पैकेज पर जोर दिया है, जिसमें विनिर्माण क्षमता बढ़ाने और सुनिश्चित करने के लिए कुछ ट्रिप्स प्रावधानों में एक अस्थायी छूट शामिल है, जैसे – कोविड-19 के लिए नए डायग्नोस्टिक्स, चिकित्सीय और टीकों की समय पर और सस्ती उपलब्धता,खाद्य सुरक्षा संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए सार्वजनिक स्टॉकहोलिंग (पीएसएच) के लिए एक स्थायी समाधानऔर एक बहुपक्षीय पहल, स्वास्थ्य देखभाल संबंधी पेशेवरों की मोड-4 के तहत एक से दूसरे देशों में आने-जाने की सुविधा आदि से चिकित्सा सेवाओं तक आसान पहुंच संभव हो सकता है।

वाणिज्य सचिव ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में, भारत की पिछली टीपीआर के बाद से, सरकार ने एक अरब से अधिक भारतीयों की सामाजिक-आर्थिक आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए संपूर्ण आर्थिक इको-सिस्टम को सुधारने और बदलने का काम किया है। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) की शुरुआत, दिवाला और दिवालियापन संहिता, श्रम क्षेत्र में अभूतपूर्व सुधार, एक सक्षम और निवेशक अनुकूल एफडीआई नीतिऔर मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और स्किल इंडिया जैसे विभिन्न राष्ट्रीय कार्यक्रमों के माध्यम से हमारे विनिर्माण क्षेत्रों में तेजी से परिवर्तन लाने पर जोर दिया गया। व्यापक सुधारों के कारण आर्थिक और व्यावसायिक वातावरण में सुधार होने से विश्व बैंक की डूइंग बिज़नेस रैंकिंग में भारत का स्थान 2015 के 142वां से बढ़कर 2019 में 63वां हो गया। यह सुधार उन निवेशकों द्वारा भी समर्थित है जो महामारी के परीक्षण समय के दौरान भी भारत को एक वांछनीय निवेश गंतव्य के रूप में देख रहे हैं।उनकी रूचि से एफडीआई प्रवाह वर्ष-दर-वर्ष 10 प्रतिशत से अधिक दर से बढ़ते हुए 2020-21 के पहले छह महीनों में 40 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया। 2019-20 में, भारत को 74.39 बिलियन अमरीकी डॉलर का सर्वाधिक एफडीआई प्राप्त हुआ।

इस अवसर पर विश्व व्यापार संगठन सचिवालय द्वारा एक व्यापक रिपोर्ट जारी की गई, जिसमें पिछले पांच वर्षों में भारत की सभी प्रमुख व्यापार और आर्थिक पहल शामिल हैं।इसमें समीक्षाधीन अवधि में भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत को महत्व दिया गया औ रइस अवधि के दौरान भारत में सुधार के प्रयासों को सकारात्मक माना गया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि मजबूत आर्थिक विकास के कारण भारत में प्रति व्यक्ति आय और जीवन प्रत्याशा जैसे सामाजिक-आर्थिक संकेतकों में सुधार हुआ है। सचिवालय की रिपोर्ट ने भारत को अपनी एफडीआई नीति को उदार बनाने, व्यापार सुविधा समझौते की पुष्टि करने और समीक्षाधीन अवधि में कई व्यापार-सुविधा उपायों को लागू करने के लिए भी सराहना की।

अपनी शुरुआती टिप्पणियों में, डब्ल्यूटीओ की टीपीआर बॉडी के अध्यक्ष, आइसलैंड के राजदूत श्री हैरल्ड एस्पेलुंड ने समीक्षाधीन अवधि में भारत को मजबूत आर्थिक विकास के लिए बधाई दी।

उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी को आसान बनाने, व्यापार की सुविधा बढ़ाने तथा विभिन्न कार्यक्रमों और नियमों को लागू करने के लिए भारत के प्रयासों के लिए इसकी सराहना की।

उन्होंने भारत की व्यापार नीति सक्षीक्षा से पहले ही डब्ल्यूटीओ सदस्यों से प्राप्त किए गए 700 से अधिक प्रश्नों के लिए समयानुसार तथा विस्तृत उत्तरों को लेकर भी भारत की सराहना की।

भारत की व्यापार नीति समीक्षा के लिए चर्चा में शामिल थाईलैंड की राजदूत (सुश्री) सुनान्ता कांगवालकुलकिज ने कहा कि यह व्यापार नीति समीक्षा सबसे महत्वपूर्ण सदस्यों में से एक के लिए है, जो विश्व व्यापार संगठन में एक महत्वपूर्ण और अमूल्य योगदानकर्ता है। उन्होंने समीक्षाधीन अवधि में अपने मजबूत आर्थिक विकास और व्यापक आर्थिक और संरचनात्मक सुधारों के लिए भारत की जोरदार तारीफ की।

उन्होंने कहा कि इन सुधारों से भारतीय अर्थव्यवस्था की दक्षता और समावेशिता में वृद्धि हुई है तथा भारत 2019 में 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा। उन्होंने भारत की एफडीआई व्यवस्था को उदार बनाने और कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधारों के लिए भारत की सराहना की।

इस अवसर पर वक्तव्य देने वाले डब्ल्यूटीओ के 50 से अधिक सदस्यों ने अपने मजबूत और लचीला आर्थिक विकास तथा कारोबारी सुगमता में व्यापक सुधार के लिए भारत की सराहना की, जिसे विश्व बैंक द्वारा भी माना गया। सदस्यों ने भारत द्वारा व्यापार और आर्थिक नीतियों को अधिक समावेशी और टिकाऊ तरीके से सुधारने के लिए उठाए गए उल्लेखनीय कदमों के बारे में चर्चा की। कई सदस्यों ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ वैश्विक प्रयासों में भारत के नेतृत्व की भूमिका की सराहना की और भारत को ‘विश्व की फार्मेसी’ के रूप में स्वीकार किया। भारत की एफडीआई व्यवस्था का उदारीकरण, कई कारोबारी सुगमता संबंधी उपायों के कार्यान्वयनऔर भारत की राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) नीति का कार्यान्वयन आदि सुधार के अन्य उपायों में शामिल हैं,जिनकी डब्ल्यूटीओ सदस्योंनेसराहना की। कई सदस्यों ने डब्ल्यूटीओ में भारत के उत्कृष्ट अधिसूचना और पारदर्शिता रिकॉर्ड की भी सराहना की।

भारतीय बाजार के तेजी से बढ़ते आकार को ध्यान में रखते हुए, प्रमुख औद्योगिक और विकसित देशों ने विशेष रूप से कृषि के क्षेत्र में, अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार अपने मानकों की प्रणाली का सामंजस्य कायम करने के साथ-साथ एंटी-डंपिंग में कमी लाने तथा व्यापार के अन्य सुधारों सहित भारत की व्यापार नीति को अधिक उदार बनाने की मांग की।कई सदस्यों ने एक रणनीतिक और व्यापारिक साझेदार के रूप में भारत के महत्व की चर्चा और भारत के साथ अपने द्विपक्षीय या क्षेत्रीय मुक्त व्यापार समझौतों में प्रगति जारी रखने की इच्छा व्यक्त की। कई सदस्यों ने डब्ल्यूटीओ में भारत की नेतृत्वकारी भूमिका की सराहना की और साथ ही अल्प-विकासशील देशों (एलडीसी) सहित विकासशील देशों के हितों को आगे बढ़ाने के लिए भारत की सराहना की।

व्यापार नीति समीक्षा की बैठक 8 जनवरी 2021 को दूसरे दिन भी जारी रहेगी, जब भारत की व्यापार और आर्थिक नीतियों पर सदस्यों के बीच अगले दौर की चर्चा होगी।

महाशियां दी हट्टी’ ( M.D.H) के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी को कोरोना ने नहीं छोड़ा,कीर्तिनगर में 1959 में मसाला का व्यापार शुरू करने से पहले तांगा चलाने का काम भी किया attacknews.in

नयी दिल्ली, तीन दिसंबर । भारत के मसाला किंग और एमडीएच मसाला के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी का गुरुवार को शहर के अस्पताल में निधन हो गया।

सूत्रों ने बताया कि गुलाटी (97) का माता चनन देवी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।

खबरों के मुताबिक उनका कोविड-19 संक्रमण के बाद का इलाज चल रहा था और गुरुवार सुबह हृदय गति रुकने से उनका निधन हुआ।

मसाला किंग के नाम से मशहूर गुलाटी को 2019 में देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।

उनका जन्म 27 मार्च 1923 को सियालकोट (अब पाकिस्तान में) में हुआ था और वह विभाजन के बाद भारत आ गए और दिल्ली में अपना व्यवसाय स्थापित किया।

‘महाशियां दी हट्टी’ (एमडीएच) की स्थापना उनके दिवंगत पिता महाशय चुन्नी लाल गुलाटी ने की थी।

गुलाटी स्वयं अपने ब्रांड की पहचान थे और वर्षों तक एमडीएच मसाला के विज्ञापन खुद करते रहे। उनके निधन पर सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में शुभचिंतकों ने श्रद्धाजंलि दी।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने ट्वीट किया, ‘‘पद्म भूषण से सम्मानित, ‘महाशयां दी हट्टी’ (एमडीएच) के अध्यक्ष श्री धर्म पाल गुलाटी जी के निधन से दुःख हुआ। वे भारतीय उद्योग जगत के एक प्रसिद्ध व्यक्तित्व थे। समाज सेवा के लिए किये गए उनके कार्य भी सराहनीय हैं। उनके परिवार व प्रशंसकों के प्रति मेरी शोक संवेदनाएं।’’

देश-विदेश में भारतीय मसालों की खुशबू बिखेरने वाले महाशयां दी हट्टी (एमडीएच) समूह के संस्थापक महाशय धर्मपाल गुलाटी का गुरुवार को दिल का दौरा पड़ा था। वह 97 साल के थे।

पद्म भूषण से सम्मानित महाशय धर्मपाल कोरोना वायरस से संक्रमित थे और पिछले तीन सप्ताह से माता चन्नन देवी अस्पताल में उनका उपचार चल रहा था।

एमडीएच मसालों के स्वयंभू ब्रांड एम्बेसडर महाशय धर्मपाल का जन्म 27 मार्च, 1923 को सियालकोट ( वर्तमान में पाकिस्तान ) में हुआ था। वर्ष 1933 में पांचवीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने से पहले ही उन्होंने स्कूल छोड़ दिया था। वर्ष 1937 में अपने पिता की मदद से उन्होंने व्यापार शुरू किया और उसके बाद साबुन, लकड़ी के सामान, कपड़ा, हार्डवेयर, चावल आदि का कारोबार किया।

देश के बंटवारे के बाद धर्मपाल जेब में महज डेढ़ हजार रूपये लिए अपने परिवार के साथ अमृतसर आ गये थे। बाद में वह अमृतसर से दिल्ली आ गए और यहां के कीर्तिनगर में 1959 में एमडीएच मसाला बनाने की पहली फैक्टरी खोली। मसाला का व्यापार शुरू करने से पहले तांगा चलाने का काम भी किया था।

मौजूदा समय में धर्मपाल का कारोबार काफी फल-फूल रहा है तथा पूरे भारत तथा दुबई में उनकी 18 फैक्टरियां हैं। वह धर्मार्थ के क्षेत्र में भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने अस्पताल और कई स्कूल आदि बनवाए।

देश में पिछले 5 महीनों में साइकिलों की रिकार्ड बिक्री, कई शहरों के लोगों को अपनी पसंदीदा साइकिल खरीदने के लिए करना पड़ रहा है इंतजार attacknews.in

जयपुर, 14 अक्तूबर । दुनिया में साइकिल के प्रमुख बाजार भारत में पिछले पांच महीने में साइकिलों की बिक्री लगभग दोगुना हो गयी है और कई शहरों में लोगों को अपनी पसंद की साइकिल खरीदने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है।

जानकारों के अनुसार देश में पहली बार लोगों का साइकिल को लेकर ऐसा रुझान देखने को मिला है और इसकी एक बड़ी वजह कोरोना महामारी के बाद लोगों का अपनी सेहत को लेकर सजग होना भी है।

एक अनुमान के अनुसार भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा साइकिल विनिर्माता देश है।

साइकिल विनिर्माताओं के राष्ट्रीय संगठन एआईसीएमए के अनुसार मई से सितंबर 2020 तक पांच महीनों में देश में कुल 41,80,945 साइकिल बिक चुकी हैं।

आल इंडिया साइकिल मैन्युफेक्चरर्स एसोसिएशन (एआईसीएमए) के महासचिव केबी ठाकुर कहते हैं कि साइकिलों की मांग में बढोतरी अभूतपूर्व है। शायद इतिहास में पहली बार साइकिलों को लेकर ऐसा रुझान देखने को मिला है। उन्होंने बताया, ‘‘इन पांच महीनों में साइकिलों की बिक्री 100 प्रतिशत तक बढ़ी है। कई जगह लोगों को अपनी पंसद की साइकिल के लिए इंतजार करना पड़ रहा हैं, बुकिंग करवानी पड़ रही है।’’

संगठन ने बताया कि आंकड़ों के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के बाद लॉकडाउन के कारण अप्रैल महीने में देश में एक भी साइकिल नहीं बिकी। मई महीने में यह आंकड़ा 4,56,818 रहा। जून में यह संख्या लगभग दोगुनी 8,51,060 हो गयी जबकि सितंबर में देश में एक महीने में 11,21,544 साइकिल बिकीं। बीते पांच महीने में कुल मिलाकर 41,80,945 साइकिल बिक चुकी हैं।

ठाकुर कहते हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण महामारी ने लोगों को अपनी सेहत व इम्युनिटी को लेकर तो सजग बनाया ही वह सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर सचेत हुए हैं। ऐसे में साइकिल उनके लिए ‘एक पंथ कई काज’ साधने वाले विकल्प के रूप में सामने आई है।

उन्होंने बताया कि अनलॉक के दौरान सड़कों पर वाहनों की संख्या व प्रदूषण में कमी के कारण भी लोग साइक्लिंग को लेकर प्रोत्साहित हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि ज्यादा लोग पहली बार साइकिल खरीद रहे हैं।

जयपुर में आनंद साइकिल स्टोर के गोकुल खत्री कहते हैं कि लॉकडाउन के बाद साइकिलों की बिक्री 15 से लेकर 50 प्रतिशत बढ़ी है। वे कहते हैं कि लोग जरूरी काम निपटाने के साथ साथ वर्जिश के लिहाज से भी साइकिल खरीद रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह सेहत ठीक रखने का यह सबसे सस्ता, सुंदर व टिकाउ जरिया है।

मानसरोवर के एक अन्य दुकानदार के अनुसार इस समय सबसे अधिक बिक्री 10,000 रुपये या इससे आपपास मूल्य की ऐसी साइकिलों की है जिन्हें ‘रफ टफ’ इस्तेमाल किया जा सके।

कोरोना वायरस महामारी के चलते लागू किए गए लॉकडाउन के चलते विनिर्माण को लेकर चुनौतियां भी आईं।

एक प्रमुख साइकिल कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘अनलॉक शुरू होते ही जहां साइकिलों की मांग में उछाल आया, वहीं मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन करना मुश्किल हो रहा था। हालांकि बीते पांच महीने में हमने हालात काबू में कर लिए हैं और अब उत्पादन सामान्य स्तर की ओर जा रहा है।’’ उन्होंने बताया कि कई जगह पर कुछ विशेष मॉडल की साइकिल अभी भी स्टॉक में नहीं हैं, खासतौर से गियर वाली साइकिलें। उन्होंने कहा कि यह कमी जल्द दूर हो जाएगी।

गूगल पे के जरिए सेवाओं की बिक्री पर प्ले बिलिंग अनिवार्य करते हुए ऐप से हुई बिक्री का एक प्रतिशत शुल्क लेगा गूगल attacknews.in

नयी दिल्ली, 29 सितंबर । गूगल ने मंगलवार को कहा कि प्ले स्टोर के माध्यम से डिजिटल सामग्री बेचने वाले ऐप को गूगल प्ले बिलिंग प्रणाली का इस्तेमाल करना होगा और ऐप से हुई बिक्री का एक प्रतिशत शुल्क के तौर पर देना होगा।

गूगल हाल में कुछ घंटों के लिए पेटीएम को ब्लॉक करके विवादों में आ गई थी।

कंपनी ने कहा कि उसकी बिलिंग प्रणाली के इस्तेमाल की नीति पहले से बनी हुई है, लेकिन इसे स्पष्ट करने की जरूरत थी।

गूगल के निदेशक (कारोबार विकास, गेम और एप्लिकेशंस पूर्णिमा कोचिकर ने यहां एक वर्चुअल संवाद में संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज, हम प्ले बिलिंग नीति को स्पष्ट कर रहे हैं, जो लंबे समय से चली आ रही है और… हाल की घटनाओं से हमने महसूस किया है कि नीतियों को स्पष्ट करना और उन्हें समान रूप से लागू करना बहुत महत्वपूर्ण है… प्रत्येक डेवलपर जो गूगल प्ले के जरिए अपनी डिजिटल सामग्री को बेचता है, उन्हें प्ले बिलिंग का इस्तेमाल करना होगा।’’

इसका मतलब है कि डेवलपर को सितंबर 2021 से गूगल बिलिंण प्रणाली का इस्तेमाल करना होगा, जो ऐप के जरिए किए गए भुगतान पर 30 प्रतिशत शुल्क लेता है।

हालांकि, यदि डेवलपर कोई भौतिक वस्तु या अपनी वेबसाइट के जरिए भुगतान लेता है, तो उसे प्ले बिलिंग की जरूरत नहीं होगी।

कोचिकर ने कहा कि लगभग 97 प्रतिशत डेवलपर्स इस नीति को समझते हैं और इसका पालन करते हैं, हालांकि उन्होंने उन लोगों के नाम नहीं लिए जिन्होंने इसका पालन नहीं किया

गूगल पे और वीजा ने कार्ड आधारित भुगतान के लिए साझेदारी की,टोकनाइजेशन को लागू करने की घोषणा की,उपयोगकर्ताओं के डेबिट या क्रेडिट कार्ड  रहेंगे सुरक्षित attacknews.in

नयी दिल्ली, 22 सितंबर । गूगल पे ने सोमवार को अपने मंच पर टोकनाइजेशन को लागू करने की घोषणा की, जिसके जरिए उपयोगकर्ता अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड का सुरक्षित रूप से इस्तेमाल कर सकेंगे।

टोकनाइजेशन के जरिए गूगल पे एंड्रायड उपयोगकर्ता अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल अपने कार्ड को प्रत्यक्ष रूप से स्वैप किए बिना कर सकेंगे। इसके तहत कार्ड से जुड़े मोबाइल नंबर पर भेजे गए सुरक्षित डिजिटल टोकन के जरिए भुगतान हो जाएगा।

कंपनी ने एक बयान में कहा कि वीजा और बैंकिंग भागीदारों के साथ यह सुविधा अब एक्सिस और एसबीआई कार्ड के सभी उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध है। कोटक और अन्य बैंकों के साथ यह सुविधा बहुत जल्द शुरू होने की उम्मीद है।

बयान में कहा गया कि टोकन भुगतान के साथ, गूगल पे उपभोक्ताओं को एनएफसी सक्षम एड्रायड डिवाइस या फोन का इस्तेमाल करके सुरक्षित भुगतान करने में मदद मिलेगी। बयान के मुताबिक इस सुविधा से 25 लाख से अधिक वाजा व्यापारिक स्थानों पर संपर्क रहित भुगतान किया जा सकेगा। इसके साथ ही 15 लाख से अधिक भारत क्यूआर में स्कैन करके भुगतान किया जा सकेगा।

गूगल पे के कारोबार प्रमुख सजीथ शिवनंदन ने कहा, ‘‘हम अपने उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित भुगतान के अनुभव की पेशकश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, और टोकन के इस्तेमाल से धोखाधड़ी का कोई मौका भी खत्म हो जाता है।’’

खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग की सख्त कार्रवाई से फ्लिपकार्ट, एमेजॉन, स्नैपडील जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से हटे 160 नकली खादी उत्पाद; ” फैबइंडिया” से मांगा 500 करोड़ का हर्जाना attacknews.in

नईदिल्ली 19 सितम्बर ।खादी एवं ग्रामोद्योगआयोग (केवीआईसी) की सख्त कार्रवाई से एमेजॉन, फ्लिपकार्ट,स्नैपडील जैसे अन्य ई-कॉमर्स पोर्टल्स ने ‘खादी’ ब्रांड नाम के तहत उत्पादों की बिक्री करने वाले अपने 160 से अधिक वेब लिंक को हटा दिया है।

केवीआईसी ने आज एक बयान में कहा कि केवीआईसी ने 1,000 से अधिक उन कंपनियों को कानूनी नोटिस भेजा था जो अपने उत्पादों को बेचने के लिए ‘खादी इंडिया’ ब्रांड नाम का उपयोग कर रही थीं।इस प्रकार वे खादी की प्रतिष्ठा को धूमिल कर रही थीं और खादी कारीगरों को काम का नुकसान पहुंचा रही थीं। केवीआईसी के उसी नोटिस के बाद ई-कॉमर्स प्‍लेटफॉर्मों ने यह पहल की है।

केवीआईसी ने यह भी कहा है कि उसके द्वारा भेजे गए कानूनी नोटिस के बाद खादी ग्लोबल ने भी अपनी वेबसाइट www.khadiglobalstore.com से उन्हें बाहर कर दिया है और ट्विटर, फेसबुक एवं इंस्टाग्राम पर अपने सोशल मीडिया पेजों को भी हटा दिया है

साथ ही उसने ऐसी सभी सामग्री और उत्पाद को हटाने के लिए 10 दिन का समय मांगा है जो ‘खादी’ ब्रांड नाम का उपयोग कर रहे थे।

केवीआईसी की इस कार्रवाई से देश भर में ऐसे कई स्टोर बंद हो गए हैं जो नकली खादी उत्पादों को बेच रहे थे।

ये ई-कॉमर्स पोर्टल खादी मास्क,हर्बल साबुन,शैंपू, सौंदर्य प्रसाधन, हर्बल मेहंदी, जैकेट, कुर्ता और ‘खादी’ ब्रांड नाम का इस्तेमाल करने वाले विभिन्न विक्रेताओं के ऐसे तमाम उत्पादों की बिक्री कर रहे थे

इससे ऑनलाइन खरीदारों के बीच गलत धारणा बनाई जा रही थी कि ये वस्तुएं असली ‘खादी’ उत्पाद थे।

केवीआईसी ने यह भी कहा है कि हटाए गए अधिकतर उत्पादों की बिक्री एक आयुष ई-ट्रेडर्स द्वारा की जा रही थी।

इस फर्म ने केवीआईसी को पुष्टि की है कि उसने विभिन्न उत्पादों के लिए 140 लिंक हटा दिए हैं जिन्हें ‘वागड़ के खादी उत्पाद’ के तौर पर बेचा जा रहा है।

केवीआईसी ने आगे कहा कि खादी उत्पादों को खरीदने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा की गई अपील के बाद हाल के वर्षों में खादी की लोकप्रियता में कई गुना वृद्धि हुई है और ऐसे में खादी ट्रेडमार्क के उल्लंघन के मामले भी बढ़े हैं।

इस अवसर का फायदा उठाने के लिए कई ऑनलाइन विक्रेताओं ने खादी के नाम पर विभिन्न उत्पादों की बिक्री शुरू कर दी।

इसके अलावा विभिन्न शहरों में ऐसे सैकड़ों स्टोर खुल गए जो नकली खादी उत्पादों की बिक्री कर रहे थे।

हाल के महीनों में, खासकर कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान इस तरह के फर्जी ऑनलाइन विक्रेताओं में काफी तेजी आई थी।

हालांकि, ऑनलाइन ग्राहकों को असली खादी उत्पादों की खरीदारी करने में समर्थ बनाने के लिए केवीआईसी ने www.kviconline.gov.in/khadimask पर 300 उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए अपना ई-पोर्टल लॉन्च किया है।

केवीआईसी के चेयरमैन श्री विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि केवीआईसी ने फर्जी खादी उत्पादों की बिक्री करने वालों से कहा है कि वे खादी के नाम पर उत्पादों को बेचना बंद करें अथवा भारी क्षतिपूर्ति के लिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी।

सक्‍सेना ने कहा, ‘खादी कारीगरों के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक तौर पर विभिन्न फर्मों को कानूनी नोटिस जारी किए गए हैं।

इस ट्रेडमार्क के उल्लंघन का सीधा असर हमारे कारीगरों की आजीविका पर पड़ता है जो असली दस्तकारी के साथ खादी उत्पाद बना रहे हैं।’

केवीआईसी ने ‘खादी इंडिया’ ट्रेडमार्क अधिकारों की प्रभावी तौर पर निगरानी करने के लिए एक दमदार ऑनलाइन प्रवर्तन योजना तैयार की है।

इसके लिए उसने एक समर्पित कानूनी टीम तैनात की है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि खादी के नाम पर बेचे जाने वाले अनधिकृत उत्पादों की मानव और तकनीकी उपकरणों की मदद से लगातार निगरानी की जा रही है।

केवीआईसी खादी उत्पादों के विनिर्माण में लगे सभी पंजीकृत खादी संस्थानों को भी शिक्षित कर रहा है कि केवल केवीआईसी के साथ उनके पंजीकरण से उन्हें यह अधिकार नहीं मिल जाता कि वे ‘खादी’ ट्रेडमार्क या ‘खादी इंडिया’ लोगों का उपयोग करने के लिए किसी अन्य को अधिकृत कर सकें।बल्कि इसके लिए कंपनी को केवीआईसी से बकायदा लाइसेंस हासिल करने की आवश्यकता होगी।

पिछले महीने केवीआईसी ने खादी के नाम से अनधिकृत तौर पर सौंदर्य प्रसाधनों एवं अन्य उत्पादों की बिक्री करने के लिए दो फर्मों- खादी इसेंशियल और खादी ग्लोबल- को।कानूनी नोटिस जारी किया था।

बयान में कहा गया है कि केवीआईसी ने फैबइंडिया से 500 करोड़ रुपये का हर्जाना भी मांगा है जिसके लिए मामला फिलहाल मुंबई उच्च न्यायालय में लंबित है।

रिलायंस 200 अरब डालर से अधिक बाजार पूंजीकरण वाली भारत की पहली कंपनी बनी,रिलायंस के बल पर शेयर बाजार में तूफानी तेजी आई attacknews.in

मुंबई,10 सितंबर । एशिया के सबसे अमीर मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने गुरुवार को देश के कंपनी जगत में इतिहास का नया अध्याय लिखा और 200 अरब डालर से अधिक बाजार पूंजीकरण वाली पहली कंपनी बनने का श्रेय हासिल किया।

देश के शेयर बाजारों में जोरदार बढ़त के साथ ही आरआईएल के शेयर ने ऊंची छंलाग लगाई और एनएसई में कारोबार के दौरान कल की तुलना में साढ़े आठ प्रतिशत बढ़कर अर्थात 2344.95 रुपए के रिकार्ड स्तर तक पहुंचा और कंपनी का बाजार पूंजीकरण 210 अरब डालर को छू गया।

यही नहीं रिलायंस के राईट इश्यू के तहत आंशिक भुगतान वाले शेयर पर तेजी की वजह से दस प्रतिशत का अपर सर्किट लगाना पड़ा। यह कारोबार में ऊंचे में 1393.7 रुपये तक चढ़ा।

रिलायंस के शेयर और आंशिक भुगतान वाले राईट इश्यू के शेयरों को जोड़ दिया जाये तो बाजार पूंजीकरण 15.45 लाख करोड़ रुपये हो गया और 73.33 रुपये की विनिमय दर पर कंपनी का बाजार पूंजीकरण 210 अरब डालर पर पहुंच गया । इस प्रकार रिलायंस 200 अरब डालर के बाजार पूंजीकरण वाली देश की पहली कंपनी बन गई।

कर्ज मुक्त हो चुकी रिलायंस तीन दशक में पहली बार 1257 रुपये की कीमत पर राईट इश्यू लाई थी और इस राशि का भुगतान तीन किश्तों में किया जाना है। पहली किश्त के रुप में 314.25 रुपये का भुगतान किया गया है। राईट इश्यू चार जून को बंद हुआ था और मात्र तीन माह में आंशिक भुगतान वाला शेयर 4.4 गुना की छंलाग लगा चुका है। आंशिक भुगतान वाला शेयर 15 जून को सूचीबद्ध हुआ था।

रिलायंस ने 150 अरब डालर के बाजार पूंजीकरण का आंकड़ा इसी वर्ष 19 जून को छुआ था और 60 से कम कार्यदिवसों में रोजाना औसतन एक अरब डालर अर्थात 7300 करोड़ रुपये का इजाफा बाजार पूंजीकरण में हुआ।

रिलायंस के 633.9 करोड़ पूर्ण चुकता शेयर और 42.26 करोड़ आंशिक भुगतान वाले शेयर हैं।

रिलायंस के बल पर शेयर बाजार में तूफानी तेजी

देश की सबसे बड़ी निजी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के रिटेल क्षेत्र की कंपनी में अमेजन के निवेश करने से हुयी भारी लिवाली के बल पर आज शेयर बाजार में तूफानी तेजी रही और इस दौरान सेंसेक्स 646.40 अंक बढ़कर 38840.32 अंक अौर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 171.25 अंक चढ़कर 11449.25 अंक पर रहा।

रिलायस इंडस्ट्रीज में हुयी लिवाली के बल पर यह कंपनी 14.67 लाख करोड़ रुपये की बाजार पूंजीकरण वाली देश की पहली कंपनी भी बन गयी है। कंपनी के शेयर बाजार में सेंसेक्स में सबसे अधिक 7.10 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गयी। रिलायंस इंडस्ट्रीज के बल पर बीएसई के एनर्जी समूह में सबसे अधिक 6.26 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गयी। बीएसई में टेलीकॉम 1.42 प्रतिशत, धातु 0.81 प्रतिशत और सीडी 0.03 प्रतिशत की गिरावट को छोड़कर शेष सभी समूह बढ़त में रहे। तेल एवं गैस समूह में भी 3.59 प्रतिशत की बढोतरी दर्ज की गयी।

बीएसई में दिग्गज कंपनियों की तुलना में छोटी और मझौली कंपनियों में लिवाली कम देखी गयी। मिडकैप 0.92 प्रतिशत बढ़कर 14575.14 अंक पर और स्मॉलकैप 1.27 प्रतिशत बढ़कर 14483.41 अंक पर रहा। बीएसई में कुल 2876 कंपनियों में कारोबार हुआ जिसमें से 1821 में तेजी रही जबकि 889 गिरावट में रहे। 166 में कोई बदलाव नहीं हुआ।

वैश्विक स्तर पर अधिकांश प्रमुख सूचकांक लाल निशान में रहे। ब्रिटेन का एफटीएसई 0.55 प्रतिशत, जर्मनी का डैक्स 0.25 प्रतिशत, हांगकांग का हैंगसेग 0.64 प्रतिशत और चीन का शंघाई कंपोजिट 0.61 प्रतिशत की गिरावट में रहा। जापान का निक्केई 0.88 प्रतिशत की बढ़त में रहा।

फिच का अनुमान:GDP की गिरावट 2022 तक नहीं थमने वाली,चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में आएगी 10.5 प्रतिशत की गिरावट attacknews.in

नयी दिल्ली, आठ सितंबर । फिच रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 10.5 प्रतिशत की भारी गिरावट का अनुमान लगाया है।

रेटिंग एजेंसी ने मंगलवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के वृद्धि दर के अनुमान को संशोधित कर -10.5 प्रतिशत कर दिया। इससे पहले फिच ने भारतीय अर्थव्यवस्था में पांच प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया था।

फिच ने कहा कि देश में कोविड-19 संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। इसके चलते देश के विभिन्न हिस्सों में टुकड़ों में लॉकडाउन लगाना पड़ रहा है, जिससे आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 23.9 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में गिरावट के सबसे ऊंचे आंकड़ों में से है। हालांकि, फिच का मानना है कि अर्थव्यवस्था अब खुल रही है, जिससे जुलाई-सितंबर की तिमाही में इसमें उल्लेखनीय सुधार देखने को मिल सकता है।

इसके साथ ही उसने कहा कि इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि अर्थव्यवस्था में सुधार की रफ्तार सुस्त और असमान रहेगी।

वैश्विक आर्थिक परिदृश्य पर अपने सितंबर के अपडेट में फिच ने कहा कि सबसे अधिक मंदी भारत, ब्रिटेन और स्पेन जैसे देशों में देखने को मिल रही है। फिच ने कहा कि इन देशों में लॉकडाउन काफी सख्त और लंबा (अप्रैल-जून) रहा है। इन देशों के खुदरा और अन्य क्षेत्रों में आवाजाही सबसे अधिक प्रभावित रही है।

फिच ने कहा कि लघु और मध्यम अवधि में कई चुनौतियों हैं जिनसे वृद्धि में सुधार रुका हुआ है।

फिच ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस के नए मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसकी वजह से कुछ राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को अंकुशों को फिर से सख्त करना पड़ा है। महामारी के लगातार फैलने तथा देशभर में छिटपुट बंदी की वजह से धारणा कमजोर हुई है और आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं।’’

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि गतिविधियों में भारी गिरावट से परिवारों और कंपनियों की आय भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। इस दौरान वित्तीय समर्थन भी सीमित रहा है। इसके साथ ही वित्तीय क्षेत्र की संपत्ति की गुणवत्ता नीचे आ रही है, जिससे बैकों के कमजोर पूंजी बफर के बीच ऋण प्रावधान पर असर पड़ेगा।

फिच ने कहा कि मुद्रास्फीति ऊंची रहने से परिवारों की आय पर दबाव बढ़ा है और आपूर्ति श्रृंखला बाधित हुई है। उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी से कीमतें बढ़ रही हैं। हालांकि, उसका अनुमान है कि कमजोर मांग, आपूर्ति श्रृंखला की बाधाएं समाप्त होने तथा मानसून अच्छा रहने से मुद्रास्फीति नीचे आएगी।

फिच ने कहा, ‘‘हमने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी के अपने अनुमान को संशोधित कर -10.5 प्रतिशत कर दिया है। जून में जारी वैश्विक आर्थिक परिदृश्य की तुलना में भारत की अर्थव्यवस्था में गिरावट के अनुमान को पांच प्रतिशत अंक बढ़ाया गया है। हमारा अनुमान है कि हमारे वायरस पूर्व के अनुमान की तुलना में 2022 की शुरुआत तक गतिविधियों में करीब 16 प्रतिशत की गिरावट आएगी।’’

फिच का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी जुलाई-सितंबर की तिमाही में जीडीपी में 9.6 प्रतिशत की गिरावट आएगी। तीसरी अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही में अर्थव्यवस्था 4.8 प्रतिशत नीचे आएगी। वहीं जनवरी-मार्च की चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 4 प्रतिशत रहेगी।

फिच ने कहा कि अगले वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 11 प्रतिशत रहेगी। 2022-23 में अर्थव्यवस्था 6 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी।

इस बीच, इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने भी मंगलवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के वृद्धि दर के अनुमान को संशोधित कर -11.8 प्रतिशत कर दिया। इससे पहले इंडिया रेटिंग्स ने भारतीय अर्थव्यवस्था में 5.3 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया था।

फिच ने कहा कि चीन को छोड़कर अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं में यह महामारी काफी तेजी से फैल रही है। इस समय कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे अधिक मामले ब्राजील, रूस और भारत जैसे देशों में हैं।

फिच ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था दो अंकीय वृद्धि दर्ज करेगी। इसकी मुख्य वजह पिछले वित्त वर्ष का आधार प्रभाव होगा। फिच ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था जनवरी-मार्च, 2022 से पहले महामारी से पूर्व का स्तर हासिल नहीं कर पाएगी।’’