भोपाल, 17 मई । महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को ‘देशभक्त’ बताने वाले बयान पर देशभर में आलोचना का शिकार हुई भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को जनता से दूर रखने के प्रदेश भाजपा के कथित फैसले के बाद शुक्रवार को ‘स्वास्थ्य ठीक नहीं’ होने का कारण बताकर उन्हें बुरहानपुर के रोड शो में शामिल नहीं किया।
गोडसे पर दिये विवादित बयान के बाद राजनीतिक तापमान बढ़ने के बाद भाजपा ने प्रज्ञा के बयान से किनारा कर लिया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी खरगोन में चुनावी यात्रा के दौरान एक टीवी चैनल से कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया जाना महात्मा गांधी का अपमान है और वह इस टिप्पणी के लिए प्रज्ञा को मन से कभी माफ नहीं कर पायेगें।
प्रज्ञा के बयान को लेकर कांग्रेस ने भगवा दल पर अपना हमला तेज करते हुए कहा कि मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की जोड़ी महात्मा गांधी को प्रचार के लिये इस्तेमाल करती है लेकिन विश्वास ‘गोडसेवाद’ में करती है।
खरगोन में मोदी ने एक चैनल से कहा, ‘‘ दूसरा उन्होंने (प्रज्ञा) माफी मांग ली, अलग बात है। लेकिन मैं अपने मन से कभी माफ नहीं कर पाऊंगा।’’ प्रज्ञा शुक्रवार की सुबह खंडवा लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार नंदकुमार सिंह चौहान के पक्ष में रोड शो करने बुरहानपुर शहर पहुंचीं। चौहान के खिलाफ कांग्रेस के उम्मीदवार पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण यादव मुख्य रुप से मुकाबले में हैं।
प्रदेश भाजपा के एक नेता ने बताया कि प्रज्ञा रोड शो करतीं उससे पहले ही उन्हें इससे दूर रहने के लिये कहा गया। उन्होंने कहा कि इस वजह से भगवाधारी साध्वी रोड शो में शामिल नहीं हो सकीं और होटल के कमरे में ही रहीं। भाजपा नेता ने यह भी कहा कि अगली बार प्रज्ञा ने यदि विवादित बयान दिया तो पार्टी उन्हें बाहर का रास्ता भी दिखा सकती है।
हालांकि प्रदेश भाजपा के नेता डॉ हितेश वाजपेयी ने मामले को हल्का बताते हुए कहा कि साध्वी प्रज्ञा का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने की वजह से वह बुरहानपुर के रोड शो में शामिल नहीं हो सकीं।
मुम्बई में 26/11 के आतंकवादी हमले में शहीद पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे पर दिये गये बयान कि उनके (साध्वी प्रज्ञा) शाप के कारण करकरे की आतंकवादी हमले में मौत हुयी और बाबरी ढांचे को ढहाने में शामिल होने के विवादित बयान पर मचे हल्ले के बाद भाजपा ने प्रज्ञा को चुप रहने की सलाह दी थी। हालांकि करकरे पर दिये गये बयान को प्रज्ञा ने बाद में वापस लेते हुए माफी मांग ली थी।
इन विवादित बयानों के बाद भाजपा ने साध्वी प्रज्ञा को अनुशासित रहने के लिये कहा था और चुनाव आयोग ने भी साध्वी पर 72 घंटे के लिये प्रचार पर प्रतिबंध लगा दिया था।
गौरतलब है कि देवास लोकसभा सीट पर 19 मई को होने वाले चुनाव के लिए भाजपा प्रत्याशी महेन्द्र सोलंकी के समर्थन में आगर मालवा में रोड शो कर रही प्रज्ञा ने एक सवाल के जवाब में स्थानीय समाचार चैनल से बृहस्पतिवार को कहा था, ‘‘नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, हैं और रहेंगे। गोडसे को आतंकी बोलने वाले खुद के गिरेबान में झांक कर देखें। अबकी बार चुनाव में ऐसा बोलने वालों को जवाब दे दिया जाएगा।’’ हालांकि, इसके कुछ ही घंटों बाद प्रज्ञा ने अपने इस बयान पर देश के लोगों से माफी मांगते हुए कहा था, ‘‘मैं गांधी जी का बहुत सम्मान करती हूं। गांधी जी ने जो देश के लिए किया है उसे भुलाया नहीं जा सकता है। जो पार्टी की लाइन है, भाजपा का निष्ठावान कार्यकर्ता होने के नाते मेरी भी वही लाइन है।’’ प्रज्ञा वर्ष 2008 में हुए मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी हैं और फिलहाल जमानत पर हैं।
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