जयपुर, 29 जुलाई । बहुजन समाज पार्टी ने राजस्थान में पार्टी के छह विधायकों के सत्तारूढ़ कांग्रेस में विलय को चुनौती देते हुए बुधवार को राजस्थान उच्च न्यायालय में रिट याचिका दाखिल की।
संदीप यादव, वाजिब अली, दीपचंद खेरिया, लाखन मीणा, जोगेंद्र अवाना और राजेंद्र गुढ़ा ने 2018 के विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी।
ये सभी सितंबर 2019 में बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने कहा, ‘‘हमने बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ उच्च न्यायालय में आज रिट याचिका दाखिल की है।’’
उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय में भी याचिका दायर कर विलय को चुनौती दी जाएगी।
बाबा ने कहा, ‘‘हम विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष भी याचिका दाखिल करेंगे और विलय को रद्द करने की मांग करेंगे।’’
भाजपा विधायक मदन दिलावर ने मंगलवार को उच्च न्यायालय में रिट याचिका दाखिल कर अपनी शिकायत पर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा दिए गए आदेश को चुनौती दी थी। याचिका पर अदालत में बुधवार को सुनवाई होनी है।
दिलावर ने विलय के खिलाफ इस वर्ष मार्च में अध्यक्ष को शिकायत दी थी। लेकिन अध्यक्ष ने 24 जुलाई को उनकी शिकायत अस्वीकार कर दी थी।
विधायक ने आरोप लगाया कि शिकायत पर फैसला करते वक्त अध्यक्ष ने उनका पक्ष नहीं सुना। अध्यक्ष के इसी आदेश को उन्होंने उच्च न्यायालय में चुनौती दी।
बसपा विधायकों के सत्तारूढ़ कांग्रेस में विलय से प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार को मजबूती मिली थी और 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस की सदस्य संख्या बढ़कर 107 हो गई थी।
दिलावर ने फिर उच्च न्यायालय में लगाई याचिका
इधर कल ही राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक मदन दिलावर ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायकों के कांग्रेस में विलय के मामले में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उनकी याचिका को खारिज कर देने के मामले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।
याचिका में विधानसभा अध्यक्ष डा सी पी जोशी द्वारा बसपा विधायकों के विलय के मामले में श्री दिलावर की याचिका को खारिज करने और इन विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ अपील की गई है।
न्यायालय ने मामले में सुनवाई का समय अभी तय नहीं किया है।
इससे पहले श्री दिलावर ने इस मामले को लेकर न्यायालय में याचिका लगाई थी जिसे सोमवार को खारिज कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने फिर से याचिका लगाने का फैसला किया और मंगलवार को उनके वकील आशीष शर्मा ने याचिका पेश की।
याचिका में कहा गया कि बसपा विधायक लखन सिंह, राजेन्द्र सिंह गुढ़ा , दीपचंद खेड़िया, जोगेन्दर सिंह अवाना, संदीप कुमार और वाजिब अली के कांग्रेस में विलय के खिलाफ गत 16 मार्च को विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत कर इन विधायकों को दलबदल कानून के तहत विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित करने की अपील की थी। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई और विधानसभा अध्यक्ष ने याचिका को अस्वीकार कर दिया जबकि पायलट गुट के खिलाफ याचिका पर तुरंत कार्रवाई कर दी गई।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में बसपा के छह विधायक जीते और उनका गत वर्ष 16 सितंबर को कांग्रेस में विलय कर लिया गया। इससे पहले वर्ष 2008 में भी बसपा के छह विधायक जीते और सभी विधायक कांग्रेस में मिल गये थे।