नयी दिल्ली, 11 जनवरी । भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने 2019 के लोकसभा चुनाव को दो विचारधाओं के बीच ‘युद्ध’ करार दिया और ‘पानीपत के तीसरे युद्ध’ से इसकी तुलना करते हुए कहा कि 2019 की लड़ाई ऐसी है जिसका असर सदियों तक होने वाला है और इसलिये इसे जीतना जरूरी है।
विपक्षी दलों के गठबंधन की पहल को ढकोसला करार देते हुए शाह ने कहा कि भाजपा गरीबों के कल्याण और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को आगे बढ़ा रही है जबकि विपक्षी दल केवल सत्ता के लिये साथ आ रहे हैं ।
भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, ‘‘ 2019 का चुनाव वैचारिक युद्ध का चुनाव है। दो विचारधाराएं आमने सामने खड़ी हैं। 2019 का युद्ध सदियों तक असर छोड़ने वाला है और इसलिए मैं मानता हूं कि इसे जीतना बहुत महत्वपूर्ण है ।’’
उन्होंने कहा कि एक ओर 1950 से सांस्कृतिक राष्ट्रवाद एवं गरीब कल्याण की विचारधारा है । एक बड़ा तबका इसके साथ है । नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के दल एकजुट चुनाव के लिये खड़े हैं।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि दूसरी ओर न कोई नेता है, न नीति है । स्वार्थ एवं सत्ता के लिये एकत्र लोगों का जमघट है । ‘‘ इन दो विचारधाराओं के बीच युद्ध है । ’’
उन्होंने कहा कि देश में 130 वर्षो का ऐसा कालखंड आया जब शिवाजी एवं अन्य सेनानियों के नेतृत्व में आजादी की लड़ाई शुरू हुई थी । इसके फलस्वरूप अफगानिस्तान से कर्नाटक और गुजरात से ओडिशा तक बड़ा भूभाग स्वतंत्र हुआ।
अमित शाह ने कहा कि दुर्भाग्य से पानीपत के तीसरे युद्ध जो अब्दाली और सदाशिवराव भाऊ के बीच लड़ा गया, उसमें मराठा सेना पराजित हो गई । यह निर्णायक युद्ध था । 131 युद्ध जीतने वाली मराठा सेना एक युद्ध हार गई और इसके कारण 200 साल गुलामी झेलनी पड़ा ।
शाह ने 2019 के लोकसभा चुनाव को ऐसा ही युद्ध बताया ।
उन्होंने कहा कि युद्ध कई प्रकार के होते हैं । कुछ युद्ध जय पराजय तक सीमित होते हैं । कुछ युद्धों का प्रभाव एक आध दशक तक होता है। जबकि कुछ युद्धों का प्रभाव सदियों तक रहता है। ‘‘मैं मानता हूं कि 2019 का युद्ध सदियों तक असर डालने वाला है और इसलिये यह युद्ध जीतना जरूरी है। ’’
उन्होंने दावा किया कि 70 साल तक जिन वंचितों, गरीबों के लिये कुछ नहीं किया गया, उनके कल्याण के लिये भाजपा ने प्रयास किया है, यह युद्ध उन गरीबों के लिये है ।
उन्होंने कहा कि 2019 का चुनाव भारत के गरीब के लिए बहुत मायने रखता है। स्टार्टअप को लेकर निकले युवाओं के लिए ये चुनाव मायने रखता है । करोड़ों भारतीय जो दुनिया में भारत का गौरव देखने चाहते हैं उनके लिए ये चुनाव मायने रखता है ।
उन्होंने कहा कि एक दूसरे का मुंह न देखने वाले आज हार के डर से एक साथ आ गए हैं, वो जानते हैं कि अकेले नरेंद्र मोदी जी को हराना मुमकिन नहीं है ।
शाह ने कहा कि 2014 के चुनाव में हम इन दलों को पराजित कर चुके हैं और आगे भी इन्हें पराजित करेंगे ।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की सीट 73 से बढ़कर 74 सीटें होगी, यह 72 नहीं होगी । उन्होंने दावा किया कि 2019 में भाजपा के नेतृत्व में राजग की सरकार बनेगी।
उन्होंने कहा कि 2014 में 6 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकारें थी और 2019 में 16 राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं। 5 साल के अंदर भाजपा का गौरव दिन दोगुनी गति से बढ़ा है।
अमित शाह ने कहा कि ये अधिवेशन भारतीय जनता पार्टी के देशभर में फैले कार्यकर्ताओं के लिए संकल्प करने का अधिवेशन है । उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता अजेय योद्धा ‘मोदी’ के नेतृत्व में चुनाव में जा रहे हैं । ऐसे में कार्यकर्ताओं को जोश में बढ़ना चाहिए लेकिन होश नहीं खोना चाहिए ।
शाह ने कहा कि भाजपा चाहती है जल्द से जल्द उसी स्थान पर भव्य राम मंदिर का निर्माण हो और इसमें कोई दुविधा नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम प्रयास कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट में चल रहे केस की जल्द से जल्द सुनवाई हो लेकिन कांग्रेस इसमें भी रोड़े अटकाने का काम कर रही है । कांग्रेस अपना रूख स्पष्ट करे।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता आश्वस्त रहे कि संविधान के तहत राम मंदिर के निर्माण के लिये पार्टी कटिबद्ध है।
राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कुछ समय से जो स्वयं जमानत पर हैं, जिन पर इनकम टैक्स का 600 करोड़ रुपए बकाया हो, ऐसे लोग मोदी जी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं। जनता की सूझबूझ बहुत ज्यादा है। मोदी जी का प्रामाणिक जीवन और निष्कलंक चरित्र जनता के सामने है ।
उन्होंने कहा कि एक जमाना था जब देश में कांग्रेस बनाम अन्य हुआ करता था, आज मोदी बनाम अन्य सभी हो गया है ।
शाह ने अपने संबोधन में सरकार की जनकल्याण योजनाओं और आंतरिक एवं वाह्य सुरक्षा के मोर्चे पर किए प्रयासों का जिक्र किया और कार्यकर्ताओं से इन्हें जनता तक पहुंचाने का आह्वान किया।
भाजपा राम मंदिर निर्माण के लिए कटिबद्ध:
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में कांग्रेस पर रोड़ा अटकाने का आरोप लगाते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं को आश्वस्त किया कि भाजपा संविधान के तहत राम मंदिर के निर्माण के लिये कटिबद्ध है।
शाह ने कहा कि 1950 से जो विचारधारा लेकर चले थे, उसी दिशा में बढ़ रहे हैं ।
उन्होंने कहा कि 2014 के चुनावी घोषणा पत्र में पार्टी ने रामजन्म भूमि पर मंदिर के निर्माण के संबंध में बात कही थी ।
रामलीला मैदान में देशभर से बड़ी संख्या में आए पार्टी नेता, सांसद, विधायक एवं कार्यकर्ताओं के उद्घोष के बीच शाह ने कहा कि भाजपा चाहती है जल्द से जल्द उसी स्थान पर भव्य राम मंदिर का निर्माण हो और इसमें कोई दुविधा नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम प्रयास कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट में चल रहे केस की जल्द से जल्द सुनवाई हो । लेकिन कांग्रेस इसमें भी रोड़े अटकाने का काम कर रही है ।’’
शाह ने कहा कि जब गुजरात में चुनाव हो रहे थे, उस समय कांग्रेस के कपिल सिब्बल ने किसी की ओर से उपस्थित होते हुए, इस मामले पर सुनवाई 2019 के चुनाव के बाद कराने का आग्रह किया था । ऐसे में कांग्रेस अपना रूख स्पष्ट करे।
उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता आश्वस्त रहे कि संविधान के तहत राम मंदिर के निर्माण के लिये पार्टी कटिबद्ध थी और कटिबद्ध है ।
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले की 29 जनवरी को सुनवाई के लिये नयी संविधान पीठ गठित करने का बृहस्पतिवार को फैसला किया क्योंकि वर्तमान पीठ के एक सदस्य न्यायमूर्ति उदय यू ललित ने इसकी सुनवाई से खुद को अलग कर लिया।
बहरहाल, शाह ने नागरिकता संशोधन विधेयक का जिक्र करते हुए कहा कि बंटवारे के बाद हिन्दू, सिख, बौद्ध, ईसाई, पारसी शरणार्थी बनकर आए थे । वे हमारे मेहमान हैं । हम उन्हें नागरिकता देंगे, ऐसा फैसला किया गया है।
भाजपा अध्यक्ष ने अपने संबोधन में करतारपुर कारिडोर के निर्माण के सरकार के फैसले का भी जिक्र किया ।
मोदी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हम सरकार चलाने नहीं बल्कि देश को सुधारने तथा देश के अर्थ तंत्र को गति देने आए हैं । उन्होंने इस संदर्भ में महंगाई को काबू में रखने, विकास को गति देने के साथ नोटबंदी एवं भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की दिशा में उठाये गये कदमों का भी उल्लेख किया ।
उन्होंने कहा कि भाजपा देश में मजबूत सरकार चाहती है जबकि विपक्ष मजबूर सरकार चाहता है। उन्होंने दावा किया कि नरेन्द्र मोदी ही देश में मजबूत सरकार दे सकते हैं।
राष्ट्रीय परिषद की दो दिवसीय बैठक के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज के अलावा वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी आदि नेता मौजूद रहे।
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