नयी दिल्ली, 27 मई । विधि एवं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘फ्रंटफुट’ का खिलाड़ी करार देते हुए बुधवार को कहा कि ‘मोदी के भारत’ को कोई आंख नहीं दिखा सकता।
कोरोना वायरस महामारी से संघर्ष हो या पड़ोसी देश चीन की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर नापाक हरकत, सभी विषयों पर श्री प्रसाद ने बुधवार को बेबाक टिप्पणी की।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये किये गये संवाददाता सम्मेलन में चीन के साथ मौजूदा विवाद के बारे में पूछे जाने पर कहा कि श्री मोदी के भारत को कोई आंख नहीं दिखा सकता।
उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी गैर-जिम्मेदार व्यक्ति हैं और श्री मोदी भारत के हित में हमेशा फ्रंटफुट पर खेलते हैं और खेलते रहेंगे।
श्री प्रसाद ने कोविड 19 से जुड़े एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि प्रधानमंत्री के निर्णय लेने की हिम्मत पूरी दुनिया ने देखी है। उन्होंने कहा, “जब कोविड 19 समाप्त होगा तब विचार करना होगा कि ऐसे विविधता वाले देश में उनके आग्रह को पूरे देश ने कैसे स्वीकार किया।”
कानून मंत्री ने कहा कि श्री गांधी देश के संकल्प को कमजोर करने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी पांच प्रकार से देश के संकल्प को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। वह नकारात्मकता फैला रहे हैं। संकट के समय राष्ट्र के खिलाफ काम करते हुए झूठा श्रेय लेने की कोशिश करते हैं। कहते कुछ और हैं और करते कुछ हैं। झूठी खबरें भी फैलाते हैं।”
कोरोना काल में राहुल की राजनीति बेहद गैरजिम्मेदाराना : रविशंकर प्रसाद
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर आज आरोप लगाया कि वह पूरे कोरोना संकट काल में राष्ट्र के प्रति बेहद गैरजिम्मेदाराना रवैया अपनाया तथा अपने राजनीतिक लाभ के लिए लोगों के मनोबल को गिराने और देश को गुमराह करने की कोशिश की है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं रविशंकर प्रसाद ने यहां संवाददाता सम्मेलन में श्री गांधी के मार्च से लेकर अब तक अलग अलग मुद्दों पर व्यक्त किये गये विचारों का सिलसिलेवार जिक्र करते हुए कहा, “श्री गांधी की टिप्पणियों की श्रृंखला बताती है कि श्री गांधी ने बेहद गैर जिम्मेदाराना रवैये का परिचय दिया है, देश को गुमराह किया है और झूठ फैला कर राजनीतिक स्वार्थ सिद्ध करने का प्रयास किया है। ”
श्री प्रसाद ने कहा कि कोरोना के पीड़ादायक अभिशाप में देश श्री मोदी के साथ खड़ा है। हमें सफलता मिली है। पर कांग्रेस नेता का काम लोगों के मनोबल को गिराना और उसका राजनीतिक लाभ उठाना है। काश श्री गांधी देश के लाभ के लिए खड़े होते।
उन्होंने कहा कि चीन को छोड़ कर कोरोना से प्रभावित विश्व के 15 बड़े देशों की कुल आबादी 142 करोड़ है और उन देशों में अब तक तीन लाख 43 हजार 562 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि भारत की 137 करोड़ की आबादी में 4345 मौतें हुईं हैं। भारत में 61 हजार 239 लोग स्वस्थ भी हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना की कोई दवा नहीं है। केवल दुआ है और लॉक डाउन है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो हिम्मत दिखायी और ‘फ्रंट फुट’ आकर देश को जैसा नेतृत्व दिया, उसी का परिणाम यह सफलता है।
केन्द्रीय संचार एवं कानून मंत्री ने कहा कि लेकिन श्री गांधी कोरोना को हराने के देश के संकल्प को कैसे तोड़ा जाये इसके लिए पूरी लगन से जुटे हुए हैं। नकारात्मकता और झूठ बोलने में लगे हैं। उन्होंने श्री गांधी के बयानों एवं ट्वीटों का उल्लेख करते हुए कहा कि वह कश्मीर की ‘आज़ादी’ एवं आतंकवाद के समर्थकों की प्रशंसा करते हैं। भगोड़े नीरव मोदी को बचाने के लिए पार्टी में शामिल हुए पूर्व हाईकोर्ट जज को पैरवी के लिए भेजते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय उनके निर्वाचन क्षेत्र वायनाड को हॉटस्पॉट घोषित करता है, तो वह कहते हैं कि सरकार प्रशंसा कर रही है। लॉकडाउन को लेकर भी दुविधाग्रस्त हैं।
श्री प्रसाद ने कहा कि श्री गांधी कहते हैं कि लॉकडाउन समाधान नहीं है। जबकि सबसे लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला पंजाब एवं महाराष्ट्र ने किया। आखिर कांग्रेस शासित राज्य श्री गांधी की बात क्यों नहीं मानते। श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को लेने में आनकानी करने और पेट्रोल डीज़ल पर वेट बढ़ाने में कांग्रेस की सरकारें आगे रहीं हैं जबकि श्री गांधी केन्द्र पर आरोप लगाते हैं। उन्होंने कहा कि श्री गांधी जितनी नसीहतें मोदी सरकार को दे रहे हैं, उनका अनुपालन उन्हें पहले कांग्रेस शासित राज्यों में करवाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि श्री गांधी ने पेशेवर संस्थाओं को भी नहीं छोड़ा है और उन पर झूठे आरोप मढ़ने की फितरत बन गयी है। वह आरोग्य सेतु ऐप का विरोध करते हैं लेकिन महाराष्ट्र सरकार के महाकवच और पंजाब के कोवा ऐप के बारे में चुप हैं। लॉकडाउन से बाहर आने की योजना को लेकर श्री गांधी की टिप्पणियों पर श्री प्रसाद ने कहा कि उन्हें बताना चाहिए कि उनकी योजना क्या है और उसे कांंग्रेस शासित राज्यों में लागू करवायें।