नयी दिल्ली, 13 फरवरी । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि हाल में दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा नेताओं को ‘गोली मारो’ और ‘भारत- पाकिस्तान मैच’ जैसे घृणा भरे भाषण नहीं देने चाहिए थे और संभव है कि इस तरह की टिप्पणियों से पार्टी की हार हुई।
बहरहाल, शाह ने कहा कि भाजपा केवल जीत या हार के लिए चुनाव नहीं लड़ती है बल्कि चुनावों के मार्फत अपनी विचारधारा के प्रसार में भरोसा करती है।
उन्होंने ‘टाइम्स नाउ’ के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘‘गोली मारो’ और ‘भारत- पाक मैच’ जैसे बयान नहीं दिए जाने चाहिए थे। हमारी पार्टी ने इस तरह के बयानों से खुद को अलग कर लिया है।’’
एक सवाल के जवाब में शाह ने स्वीकार किया कि दिल्ली चुनावों के दौरान पार्टी के कुछ नेताओं के बयानों के कारण भाजपा को नुकसान हुआ होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘यह संभव है कि इस कारण हमारा प्रदर्शन प्रभावित हुआ होगा।’’
गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली चुनावों पर उनके आकलन गलत हुए। हालांकि उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि चुनाव परिणाम संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर जनादेश नहीं था।
शाह ने कहा कि जो कोई भी उनके साथ सीएए से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करना चाहता है वह उनके कार्यालय से समय ले सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘(हम) तीन दिनों के अंदर समय देंगे।’’
उन्होंने कांग्रेस को धर्म के आधार पर विभाजन के लिए जिम्मेदार ठहराया।
सीएए का बचाव करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि नये कानून में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है कि इससे मुस्लिमों की नागरिकता छीन जाएगी। कानून में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है।
उन्होंने कहा, ‘‘धर्म के आधार पर हमने कभी किसी से भेदभाव नहीं किया। सीएए में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि मुस्लिमों की नागरिकता खत्म कर दी जाएगी। सीएए की केवल आलोचना मत कीजिए बल्कि इसके गुण-दोष के आधार पर चर्चा कीजिए। सीएए न तो मुस्लिम विरोधी है न ही अल्पसंख्यक विरोधी। मैं किसी से भी मिलने के लिए तैयार हूं लेकिन चर्चा गुण-दोष के आधार पर हो। दुर्भाग्य से कोई भी आगे आकर सीएए पर चर्चा नहीं करना चाहता है।’’
शाह ने कहा कि सरकार ने पूरे देश में एनआरसी लागू करने का अभी तक कोई निर्णय नहीं किया है और स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी कार्यक्रम के दौरान जो लोग दस्तावेज नहीं दिखाना चाहते हैं वे नहीं दिखाएं।
बहरहाल उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में एनआरसी लाने का वादा किया था।
सीएए के खिलाफ जारी आंदोलन के बारे में पूछने पर शाह ने कहा कि हर किसी को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का अधिकार है लेकिन हिंसा को उचित नहीं ठहराया जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम अहिंसक प्रदर्शनों को बर्दाश्त करते हैं लेकिन तोड़फोड़ को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन लोकतांत्रिक अधिकार है।’’
जम्मू-कश्मीर पर शाह ने कहा कि नेताओं सहित हर कोई नवगठित केंद्र शासित क्षेत्र में जब भी चाहे जाने के लिए स्वतंत्र है और किसी की आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों — फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को हिरासत में रखे जाने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि उन पर जनसुरक्षा कानून लगाने का फैसला स्थानीय प्रशासन का है।
उन्होंने कहा कि उमर अब्दुल्ला ने उच्चतम न्यायालय में अर्जी दी है और इस पर न्यायपालिका को निर्णय करने दीजिए।