नयी दिल्ली 23 नवंबर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को दावा किया कि महाराष्ट्र में देवन्द्र फड़नवीस -अजीत पवार सरकार के पास विधानसभा में कम से कम 168 विधायकों का समर्थन है और यह सरकार पूरे पांच साल स्थिरता के साथ राज्य की सेवा करेगी।
भाजपा के प्रवक्ता सैयद जफर इस्लाम ने यहां कहा कि महाराष्ट्र में नयी सरकार के पास पूरा बहुमत है। विधानसभा के पटल में मुख्यमंत्री आसानी से बहुमत साबित कर देंगे।
बहुमत के आंकड़े के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने भाजपा के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के हवाले से दावा किया कि सरकार के समर्थन में कम से कम 168 विधायकों का समर्थन हासिल है।
रिपोर्टों के अनुसार श्री अजीत पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के 22 विधायकों के साथ बैठक करके भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल होने का फैसला किया। पर बहुमत के लिए शिवसेना के विधायकों के भी टूटने के बारे में पूछे जाने पर श्री इस्लाम ने कहा कि वह सटीक आंकड़ों के बारे में नहीं बता सकते हैं। पर दावा करते हैं कि सदन में कम से कम 168 विधायक सरकार के समर्थन में हैं।
इसबीच मुंबई में भाजपा एक प्रवक्ता ने दावा किया कि सरकार के साथ राकांपा के सभी विधायक हैं। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के नेता रामदास अठावले ने दावा किया कि राकांपा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और केन्द्र में नरेन्द्र मोदी सरकार में शामिल होगी तथा श्रीमती सुप्रिया सुले मंत्री बनेंगीं।
उधर महाराष्ट्र से भाजपा के सूत्रों ने कहा कि श्री अजीत पवार को चूंकि राकांपा के विधायक दल का नेता चुना जा चुका था। इसलिए दल-बदल कानून उनके फैसले पर लागू नहीं होगा बल्कि उनके साथ नहीं आने वाले विधायकों को संभवत: अनुशासन के मामले का सामना करना पड़े।
महाराष्ट्र में विधानसभा के चुनाव 21 अक्टूबर को हुए थे और परिणाम 24 अक्टूबर को आये थे। 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को सर्वाधिक 105, शिवसेना को 56, राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें हासिल हुईं थीं। बहुमत के लिए 145 प्रत्याशियों का समर्थन आवश्यक है। विधानसभा चुनाव में भाजपा एवं शिवसेना तथा कांग्रेस एवं राकांपा गठबंधन के रूप में चुनावी मैदान में उतरे थे। भाजपा एवं शिवसेना के गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिलने के बावजूद सरकार का गठन नहीं हो पाया। शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद पर दावा कर दिया था जिसे भाजपा ने स्वीकार नहीं किया। कई दिनों तक गतिरोध कायम रहने के कारण राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की सिफारिश पर 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगाया गया था।
चुनावों के बाद एक महीने तक चले राजनीतिक गतिरोध के बाद अचानक एक बड़े सियासी उलटफेर में शनिवार को भाजपा ने राकांपा के एक धड़े के साथ गठजोड़ करके आनन फानन में सरकार बना ली। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सुबह करीब साढ़े सात बजे श्री देवेन्द्र फड़नवीस को मुख्यमंत्री और राकांपा के श्री अजीत पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलायी।
भाजपा ने शिवसेना पर साधा निशाना, किसके इशारे पर तोड़ी 30 साल की दोस्ती:
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के बाद आज सनसनीखेज आरोप लगाया कि देश की वित्तीय राजधानी मुंबई पर चोर दरवाजे से कब्ज़ा करने की साजिश रची गयी थी। भाजपा ने अपनी पुरानी सहयोगी शिवसेना से भी सवाल किया कि वह किसके इशारे पर इतनी उत्तेजित हो गयी और सत्ता के लिए 30 साल पुरानी मित्रता, राष्ट्रवाद, हिन्दुत्व एवं भारत के स्वाभिमान को तिलांजलि देकर नये रिश्ते खोजने लगी।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विधानसभा चुनाव का परिणाम भाजपा शिवसेना के पक्ष में था और भाजपा बड़ी पार्टी बनी। मुख्यमंत्री के रूप में श्री देवेन्द्र फड़नवीस की योग्य एवं ईमानदार छवि रही। पूरे प्रचार अभियान में मुख्यमंत्री के रूप में उनका ही नाम प्रचारित हुआ। शिवसेना के पक्ष में भी भाजपा के वोटों का ध्रुवीकरण हुआ। इसलिए दोनों दलों की युति ने प्रामाणिक बहुमत और श्री फड़नवीस की अगुवाई में नैतिक एवं चुनावी जीत हासिल की।
श्री प्रसाद ने सवाल किया कि जब चुनाव का परिणाम उनके गठबंधन के हक में स्पष्ट रूप से आ गया था तो शिवसेना किसके इशारे पर उत्तेजित हो गयी और 30 साल पुरानी मित्रता, राष्ट्रवाद, हिन्दुत्व और भारत के स्वाभिमान को तिलांजलि देकर नये रिश्ते खोजने लगी।
देश के कानून मंत्री ने शिवसेना को दूसरी राजनीतिक ताकतों के हाथों खिलौना बनाये जाने का संकेत करते हुए कहा, “मुंबई देश की वित्तीय राजधानी है और महाराष्ट्र देश का बड़ा राज्य है। यह चोर दरवाजे से देश की वित्तीय राजधानी पर कब्ज़ा करने की साजिश थी।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राकांपा ने पहले ही कह दिया था कि उन्हें विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है।
उन्होंने कहा कि यह परिणाम कुर्सी के लिए जनादेश कब से हो गया। वे मैच फिक्सिंग करके कुर्सी हथियाने में लग गये। उन्होंने कहा कि कहा जा रहा है कि लोकतंत्र की हत्या हो गयी। जब शिवसेना स्वार्थ से प्रेरित हो कर 30 साल की दोस्ती तोड़ दे तो वह हत्या नहीं होती।
उन्होंने शिवसेना पर आरोप लगाया कि वह अपने संस्थापक आदरणीय बाला साहेब ठाकरे के आदर्शों को नहीं रख सकी। दिवंगत नेता ने कांग्रेस के खिलाफ प्रामाणिक राजनीति की और देश की संस्कृति के प्रति हमेशा प्रतिबद्धता निभायी।
उन्होंने कहा, “ जो अपनी सारी विरासत को छोड़ रहे हैं, वे हमसे जवाब मांग रहे हैं। सत्ता के लिए विचारों से समझौता करने वाले छत्रपति शिवाजी के बारे में नहीं बोलें। ”
श्री प्रसाद ने कहा कि शिवसेना ने जिस प्रकार से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बारे में स्तरहीन विशेषणों एवं अपशब्दों का प्रयोग किया है, उससे हमें पीड़ा हुई है।
उन्होंने कहा कि श्री अजीत पवार के नेतृत्व में उनकी पार्टी के बड़े तबके ने आगे आकर समर्थन देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि नयी युति महाराष्ट्र में स्थायी सरकार तथा प्रभावी एवं प्रामाणिक शासन देगी।