नयी दिल्ली,19 जनवरी । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की रैली को ‘राजनीतिक अवसरवादिता’ बताया और मंच पर पार्टी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा की मौजूदगी का संज्ञान लेते हुये उन पर कार्रवाई के संकेत दिये।
कोलकाता के ब्रिगेड मैदान में आयोजित यह रैली एक प्रकार से राष्ट्रीय राजनीति में गैर-राजग दलों का शक्ति प्रदर्शन थी। रैली में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार, नेशनल कांफ्रेंस के फारुक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला, सपा प्रमख अखिलेश यादव, आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे और अभिषेक मनु सिंघवी, जनता दल (एस) के नेता तथा पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा और कुमारस्वामी, तेलुगुदेशम् पार्टी प्रमुख एन चंद्र बाबू नायडू, भाजपा के पूर्व सांसद अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा तथा राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव, राष्ट्रीय लोकदल के जयंत चौधरी, द्रमुक नेता एमके स्टालिन तथा लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव मौजूद थे।
भाजपा प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी ने यहाँ पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा “ये सभी दल सिर्फ एक व्यक्ति (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) के खिलाफ अपने व्यक्तिगत स्वार्थों के कारण एकजुट हुये हैं। लेकिन, जनता समझदार है और उनके झाँसे में नहीं आयेगी।” उन्होंने इसे ‘राजनीतिक अवसरवादिता’ करार देते हुए कहा “ये जो 50-55 लोग वहाँ एकत्र हुये हैं, मैं यह जानना चाहता हूँ कि उनका नेता कौन है।”
बिहार के पटना साहिब से सांसद शत्रुघ्न सिन्हा पर कार्रवाई के संकेत देते हुये भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी ने इस घटना का संज्ञान लिया है और जल्द ही उचित कदम उठाये जायेंगे। उन्होंने कहा “वे ह्विप का हर समय पालन करते हैं ताकि उनकी पार्टी की सदस्यता बनी रहे। ह्विप जारी होने पर वे हमसे पहले जाकर अपनी सीट पर बैठ जाते हैं। लेकिन, साथ ही वे इतने मौका परस्त हैं कि उनमें मंच पर चढ़ने और सम्मेलन में उपस्थित रहने की भी चाहत है। जिस प्रकार से उनकी गतिविधि है …अब तो पार्टी संज्ञान ले चुकी है और मुझे लगता है कि पार्टी कदम उठायेगी।”
उन्होने आरोप लगाया कि कुछ लोग सांसदों को मिलने वाली सुविधाएँ लेने के लिए सिर्फ भाजपा का ठप्पा लगाकर घूमना चाहते हैं।
इससे पहले कोलकाता में रैली को संबोधित करते हुये श्री सिन्हा ने यह साफ कर दिया कि उन्हें पार्टी से निकाले जाने का कोई डर नहीं है। उन्होंने कहा “यदि सच कहना बगावत है तो मैं बागी हूँ। …मैं देश के लोगों के प्रति जवाबदेह हूँ।” उन्होंने कहा कि वे सिर्फ वे सिर्फ पार्टी को ‘आइना दिखाने के प्रयास’ में रैली में आये हैं।
श्री सिन्हा अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं।
शत्रुघ्न सिन्हा ने यह कहा:
कोलकाता में विपक्षी नेताओं के साथ शनिवार को मंच साझा करते हुए भाजपा के असंतुष्ट नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने आगामी लोकसभा चुनाव में सरकार बदलने का आह्वान किया और कहा कि वह सत्तारूढ़ दल से हटाए जाने से नहीं डरते।
उन्होंने कहा कि वह पार्टी को आईना दिखाना जारी रखेंगे।
सिन्हा कई मुद्दों पर अपनी पार्टी से नाराज हैं और नोटबंदी, जीएसटी लागू करने जैसे कई कदमों की उन्होंने आलोचना की है। उन्होंने कहा कि कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी द्वारा आयोजित रैली में वह ‘राष्ट्र मंच’ के प्रतिनिधि के तौर पर हिस्सा ले रहे हैं। इस संगठन की स्थापना भाजपा के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा ने की है।
रैली में शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, ‘‘मेरे बड़े भाई यशवंत सिन्हा कह रहे थे कि इसके बाद पार्टी से मुझे जरूर निकाल दिया जाएगा। मैंने उनसे कहा कि कोई बात नहीं।’’
हिन्दी फिल्मों में दमदार संवाद के लिए पहचाने जाने वाले शत्रुघ्न ने कहा, ‘‘वह भारतीय जनता पार्टी में हैं लेकिन इसके पहले वह भारत की जनता के साथ हैं।’’
दो दिन पहले सिन्हा ने कहा था कि भाजपा में उन्हें सम्मान नहीं मिला और वह कोलकाता रैली में हिस्सा लेंगे ।
उन्होंने विवादास्पद राफेल लड़ाकू विमान सौदा, नोटबंदी और जीएसटी के क्रियान्वयन को लेकर मोदी सरकार की आलोचना की।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप तथ्यों को दबाए रखते हैं तो लोग तो कहेंगे कि चौकीदार चोर है।’’ राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए अक्सर इस तरह के शब्द बोलते हैं।
सिन्हा ने ममता बनर्जी, राहुल गांधी, सपा नेता अखिलेश यादव और राजद नेता तेजस्वी यादव की सराहना की ।
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे सिन्हा ने कहा कि वाजपेयी के शासनकाल में लोकशाही थी और अब यह तानाशाही हो गयी है ।
उन्होंने मंच पर मौजूद सभी नेताओं से देश में बदलाव के लिए साथ आने का आह्वान किया ।
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